अब तो जनप्रतिनधियों सहित अधिकारियों एवं न्यायपालिका में तैनात जस्टिस भी कोरोना संक्रमण के शिकार होकर अपना जीवन खो रहे हैं,फिर भी योगी सरकार के अकर्मण्य अफसर अपने तानाशाही रवैये में कोई बदलाव लाने के लिए तैयार नहीं हैं...!!!
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। सूबे की बिगड़ी स्थिति के लिए विपक्षी दल योगी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं। यही नहीं अब तो बीजेपी सांसदों, विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी सूबे में कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बनाई गई टीम-11 पर सवाल खड़ा किया है। ऐसे में विपक्ष के साथ-साथ योगी सरकार अपनों के भी निशाने पर आ गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी... |
भीतर खाने की बातों पर यकीन करें तो संगठन महामंत्री सुनील बंसल उत्तर प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो पर्दे के पीछे से छिपकर कार्य कर रहे हैं जिससे योगी सरकार की साख खत्म होती जा रही है। चारों तरफ सरकार द्वारा जारी किये बजट पर इस कदर लूट और डकैती मची हुई है कि इस महामारी में दोनों हाथों से अपनी जेब भर रहे हैं जिसे जहाँ मौका मिल रहा है वहीं लूट मचाये हुए है। उसे कोरोना संक्रमण का कोई भय नहीं है। देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी का वो कथन कि प्रदेश से भ्रष्टाचार मिटाकर ही दम लेंगे। वो पूरी तरह से बकवास साबित हुआ है। योगी सरकार में और भ्रष्टाचार बढ़े हुए हैं। योगी जी का तो प्रदेश की नौकरशाही पर अंकुश ही नहीं रहा। नौकरशाही की एक लॉबी संगठन महामंत्री सुनील बंसल का दरबार करती नजर आती है। कहते हैं कि सुनील बंसल के ऊपर देश के गृहमंत्री अमित शाह का हाथ हैं...
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लखनऊ में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को चिट्ठी लिखकर कहा था कि स्वास्थ्य सेवाओं की हालात काफी चिंताजनक हैं। ब्रजेश पाठक ने समस्याएं गिनाते हुए पत्र में लिखा था कि लखनऊ के अस्पतालों में बेड नहीं है, ऐंबुलेंस समय पर नहीं मिल रही है और न ही मरीज को इलाज मिल पा रहा है। उन्होंने लखनऊ में कोविड बेड बढ़ाने, पर्याप्त जांच किट और प्राइवेट लैब में कोविड जांच शुरू कराने की भी बात कही थी।
कौशल किशोर ने कहा कि यदि किसी अस्पताल के बाहर बिना इलाज मरीज की मौत होती है और अस्पताल में बेड छः घंटे से अधिक खाली रहता है तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। कौशल किशोर के भाई का कोरोना के चलते तीन दिन पहले देहांत हो गया था। कौशल किशोर ने राजधानी में ऑक्सीजन सिलेंडर की त्राहि-त्राहि पर भी सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से मांग की थी, अगर इसको दुरुस्त नहीं किया गया तो वह धरना प्रदर्शन तक करेंगे। अब हर जगहों से आवाजे उठ रही हैं। हर तरफ भयावह स्थिति बनी हुई है। नेता, अधिकारी व कर्मचारी सहित आम आदमी के मरने का सिलसिला अनवरत जारी है।
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