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गुरुवार, 11 मार्च 2021

देश में जीएसटी जैसे मामले में दो विधान क्यों

 डीजल-पेट्रोल कम्पनियों को जीएसटी से बाहर क्यों रखा गया है-लल्लू राम गुप्ता

लल्लू राम गुप्ता स्वयं सेवक... 

जब एक देश में एक विधान एक निशान की बात राजनेताओं द्वारा की जाती है तो सुनने में बहुत अच्छा लगता है l स्वतंत्रता के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के विरोध के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की और कश्मीर को विशेष दर्जा देने और अलग झंडा रखने का विरोध किया l कश्मीर को लेकर इन्होंने नारा दिया था 'एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे'...!!!

डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी को वर्ष-1953 में गैर कानूनी तौर पर कश्मीर में घुसने के प्रयास के कारण 11 मई को गिरफ्तार किया गया l 23 जून, 1953 को पुलिस कस्टडी में ही इनकी मौत हो गई l इनकी माता जोगमाया देवी ने नेहरू से मौत की जांच कराने को कहा था, लेकिन नेहरू ने जवाब में कहा कि बीमारी के कारण ही उनकी मौत हुई और इसके पीछे कोई रहस्य नहीं है l मैं भी जनसंघ से जुड़े होने के कारण अपना आदर्श जनसंघ के संस्थापक स्व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को मानता हूँ और स्वयं सेवक होने के नाते मैं भी सरकार से देश में जनता से एक टैक्स वसूल करने की ब्यवस्था को लागू करने की पुरजोर माँग करता हूँ...!!!

चूँकि प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी अपने प्रथम कार्यकाल में जीएसटी को देश में लागू किये तो लागू करने से पहले देश की जनता से यही वादा किये थे कि जीएसटी लागू होने के बाद देश में एक टैक्स ही लिया जाएगा l भिखारियों की तरह हाथ में कटोरा लेकर माँगने का काम बंद किया जाएगा l देश में जीएसटी लागू हो गई, परन्तु वैसे लागू हुई जैसे कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया और जनसंघ के संस्थापक स्व. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की वर्षों पुरानी माँग को पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में अपने वादे को पूरा करते हुए गृहमंत्री माननीय अमित शाह जी के सहयोग से कश्मीर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार कर दिया...!!!

ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री जी को देश में एक टैक्स की ब्यवस्था के तहत जीएसटी के सन्दर्भ में देश की जनता से किया हुआ अपना वादा पूरा करना चाहिए ताकि जनता में उनका विश्वास कायम रह सके l डीजल और पेट्रोल सहित शराब एवं अन्य उत्पाद जिसको जीएसटी से बाहर रखा गया है l जिसका नतीजा है कि पेट्रोलियम पदार्थों में लगातार बेतहासा बृद्धि हो रही रही और मंहगाई आसमान छू रही है l क्योंकि ईधन के दामों से किसान और आम जनता सीधे प्रभावित होती है l चूँकि ट्रांसपोटेशन का चार्ज ईधन के बढ़ने के साथ बढ़ जाता है और कृषि कार्य में डीजल की महती भूमिका होती है l खेत की जुताई से लेकर सिंचाई तक सबकुछ प्रभावित होता है l इसलिए डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में लाना आम जनता के हित में होगा, जिससे एक देश में दो विधान की ब्यवस्था को खत्म किया जा सके...!!!

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