पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर ब्लॉक पर तैनात अधिकारियों सहित जिले में तैनात सभी उच्चाधिकरियों की जानकारी में किये जाते हैं,घपले और घोटाले...!!!
भ्रष्टाचार का आरोप लगने वाले प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता अधिकारियों पर आरोप लगते हैं,परन्तु योगी और मोदी की सरकार पर जताते हैं,भरोसा...!!!
जिले के विधायक, सांसद और मंत्री भी जिले में होने वाले प्रत्येक घोटाले को जानते व समझते हैं,फिर भी धृतराष्ट्र बने रहते हैं,आखिर क्यों नहीं करते खुलकर विरोध ? क्योंकि उन्हें भी कहीं न कहीं किया जाता है,उपकृत...!!!
 |
प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता... |
सांसद संगम लाल गुप्ता के यहाँ जितनी तेजी से शिकायत की जाती है, उतनी तेजी से वह दब भी जाती है। आखिर क्यों दब जाती है,सांसद संगम लाल गुप्ता की शिकायत ? क्या पार्टी लेबल पर उस शिकायत को मैनेज किया जाता है अथवा मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के दबाव में जाँच प्रक्रिया बिना किसी नतीजे पर पहुँचे ही फुस्स हो जाती है। चिलबिला पॉलिटेक्निक से लेकर भुपियामऊ तक इंटरलॉकिंग की शिकायत का आजतक कुछ नहीं हुआ। कटरा रोड़ पर सड़क किनारे बन रहे नाले के निर्माण की शिकायत ठंडे बस्ते में चली गई। शहर की शिवर लाइन की शिकायत भी दो दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत को चरितार्थ किया। एटीएल और पृथ्वीगंज हवाई अड्डे के पुनः संचालन की बात भी वही ढ़ाक के तीन पात वाली कहावत पर अटक गई है। सांसद संगम लाल गुप्ता तत्कालीन जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के खिलाफ संसद के सत्र काल में अनुशासनहीनता करने यानि प्रोटोकाल की अवहेलना करने की शिकायत सदन में की थी। साथ में कौशाम्बी सांसद विनोद सोनकर का भी पत्र लगाया गया था,परन्तु उसमें भी कुछ हीं हुआ और सांसद जी उल्टे एक्सपोज हो गए।
 |
कैबिनेट मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का पत्र... |
प्रत्येक ग्राम पंचायतों में प्रधान से लेकर ग्राम पंचायत अधिकारी यानि सेक्रेटरी सहित खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिले के मुखिया स्वयं जिलाधिकारी महोदय की आँख के नीचे ये सारे खेल खेले जाते हैं जिसे विधायक, सांसद और मंत्री भी जानते रहते हैं और एक सिस्टम के तहत वो भी लाभान्वित होते रहते हैं। फिर इस तरह का आरोप सांसद संगम लाल गुप्ता द्वारा लगाना समझ के परे है। जब वर्ष-2017 में सदर प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता पहली बार विधायक चुने गए तब भी विधायक रहते हुए अपनी ही सरकार में भ्रष्टाचार का मुद्दा उनके द्वारा उठाया गया था, उसमें भी कुछ नहीं हुआ और अब सांसद रहते हुए फिर से केंद्र सरकार की योजनाओं में घपले और घोटालों की आवाज उठाई है। प्रतापगढ़ की जनता को सांसद संगम लाल गुप्ता भरोसा दिलाये हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किये गए घपले घोटाले की जाँच कराकर दोषियों को दंड दिलाने का प्रयास जारी रहेगा। किसी भी तरह का कोई भी भ्रष्टाचार करके कितना भी ताकतवर नौकरशाह उनकी नजरों से बचकर नहीं जा सकता। चूँकि सांसद स्वयं कहते हैं कि वह शून्य से शिखर तक यूँ ही नहीं पहुँचे हैं। फर्श से अर्श पर कोई यूँ ही नहीं पहुँच जाता। इसके लिए प्रत्येक ब्यक्ति को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए कोई कितना भी चालाक क्यों न हो ? परन्तु सांसद संगम लाल की नजरों से बचकर नहीं जा सकता।
अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता...
ऐसा नहीं है कि सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता पहली बार किसी घपले और घोटाले को उठाया हो ! इससे पहले भी विधायक रहते और सांसद होते हुए भी कई मुद्दे को संगम लाल गुप्ता तूल दिया, परन्तु किसी में उन्हें सफलता आज तक नहीं मिल सकी। प्रयागराज-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-330 पर प्रतापगढ़ भंगवा चुंगी से सैय्याबांध तक नाला निर्माण कार्य आज तक पूरा न हो सका। उक्त निर्माण कार्य की टीएसी जाँच के लिए सांसद संगम लाल गुप्ता प्रयासरत थे। उसकी शिकायत भी हुई और जाँच टीम आकर मौके पर स्थलीय निरीक्षण भी किया और कड़ी कार्यवाही के लिए सांसद को आश्वस्त भी किया, परन्तु सांसद संगम लाल गुप्ता के यहाँ उनका काम देखने वाला एक विशेष ब्यक्ति जो 13खाने के रिंच सरीखे है और हर जगह फिट हो जाता है। उसे सांसद जी सर्वगुण सम्पन्न मान बैठे हैं। वह महानुभाव किसी भी शिकायत और जाँच गठित होने तक तो सक्रिय रहते हैं, परन्तु जाँच गठित होने के बाद प्रभावित पक्ष वाले ब्यक्ति के सम्पर्क में वह ब्यक्ति स्वतः चला जाता है और सबकुछ मैनेज करते हुए सम्पूर्ण मामले को दफन कर देने की कोशिश में लग जाता है। बदले में उसे क्या मिलता होगा यह तो वही जाने, परन्तु सांसद जी की मटियामेट होने से कोई बचा भी नहीं सकता।
अब इस बात से सांसद संगम लाल गुप्ता इत्तफ़ाक रखते हैं या नहीं कह पाना मुश्किल है। परन्तु प्रतापगढ़ की जनता सांसद महोदय से इतना जरुर कहना चाहती है कि वो अपने चुनावी भाषण को याद रखे। लोकसभा चुनाव में संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ की जनता से यही कहते थे कि अभी तक जिले की कमान राजा रजवाड़े के अधीन रही है। इसे देवतुल्य जनता जनार्दन ही बदल सकती है। सांसद बनने से पहले संगम लाल गुप्ता का चुनावी स्लोगन था कि उन्हें प्रतापगढ़ का सांसद बनाकर तो एक बार देखिये ! सांसद वह नहीं बल्कि प्रतापगढ़ की जनता होगी। परन्तु प्रतापगढ़ की जनता अब स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही है। क्योंकि सांसद संगम लाल गुप्ता कोई दूध पीते बच्चे तो हैं नहीं कि उन्हें कोई नजरंदाज करके काम कर लेगा। प्रतापगढ़ की जनता यह जानना चाहती है कि जिस तेजी से सांसद संगम लाल गुप्ता किसी घपले घोटाले के लिए शिकायत करते हैं, वह शिकायत बाद में फुस्स कैसे हो जाती है ? उस जाँच टीम के गठन के बाद क्या सांसद अथवा उनकी टीम प्रभावित पक्ष से मिलकर उपकृत हो जाती है ? सवाल बड़ा है, चुभीला भी है, परन्तु सवाल सत्य से इतर कदापि नहीं है। सांसद महोदय को असलियत की जानकारी होनी चाहिए कि उनके द्वारा जो मामले और मुद्दे उठाये जाते हैं वो कहीं उनके ही आदमियों द्वारा मैनेज तो नहीं कर दिए जाते।
गजब की वेशर्मी है सांसद संगम लाल गुप्ता की,सरकार ईमानदार और अफसर बेईमान...
सूबे में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। अप्रेल में चुनाव प्रस्तावित है और मई में पंचायत का परिणाम आना है। फिर ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन में योगी सरकार पूरी दमखम के साथ उतरेगी ताकि आगामी विधान सभा चुनाव-2022 का रास्ता पंचायत चुनाव से ही साफ हो सके। ऐसे में पंचायत अथवा निकयों में प्रधानमंत्री आवास योजना में पीएम आवास अथवा भारत स्वच्छता अभियान के तहत शौंचालय में किये गए घपले घोटाले की निष्पक्ष जाँच और कड़ी कार्यवाही की बात गले के नीचे नहीं उतर रही है। जिन्हें सांसद संगम लाल गुप्ता की बात गले के नीचे उतर रही हो, उन्हें स्मरण करा देना उचित समझता हूँ कि तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी राजकमल यादव और तत्कालीन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ शम्भू कुमार के कार्यकाल में स्वच्छता अभियान के तहत कार्यशाला आयोजन के नाम पर 8 करोड़, 15 लाख रुपये का ठेका एक फर्म को दिया गया था। सच्चाई यह रही कि जनपद में कहीं कोई कार्यशाला संचालित नहीं हुई। जिले के विधायक रहते हुए संगम लाल गुप्ता के प्रतिनिधि सहित अन्य विधायकों के प्रतिनिधियों को उक्त घोटाले की पत्रवाली को विकास भवन में देखने तक नहीं दिया गया था। तत्कालीन सांसद कुँवर हरिवंश सिंह स्वयं विकास भवन जाकर दस्तक दिए थे,परन्तु उन्हें भी घपले और घोटाले वाली पत्रवाली का दर्शन नहीं कराया गया।
पंचायत में धांधली करने वाले अधिकारियों पर भारत सरकार का कड़ा एक्शन और एफआईआर तक के दिए निर्देश की बात सांसद संगम लाल गुप्ता ने जनपद प्रतापगढ़ में कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के जरिये जनता को बताने का प्रयास किया। सांसद संगम लाल गुप्ता ने लोकसभा के शून्यकाल में प्रतापगढ़ में किये गए धांधली का मुद्दा उठाया था। सांसद की शिकायत को भारत सरकार ने गम्भीरता से लेते हुए जांच टीम भेजकर स्थलीय निरीक्षण भी कराया। शिकायत सत्य पाए जाने पर भारत सरकार ने राज्य सरकार को बीडीओ, फंड ट्रांसफर करने वाले अधिकारी, सर्वेक्षण अधिकारी आदि पर कड़ी कार्यवाही हेतु एफआईआर तक कराने के भी निर्देश हैं। सीडीओ पर भी उक्त अधिकारियों के धांधली की जानकारी होने पर कार्यवाही न करने के कारण शो काज नोटिस की तलवार लटकी है। कार्यवाही की नोटिस आने बाद से पूरे प्रदेश के अधिकारियों में हड़कम्प मचने की बात स्वयं सांसद संगम लाल गुप्ता ने कही। सांसद ने प्रेसवार्ता में बताया कि उन्हें क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों द्वारा उक्त शिकायते बराबर मिल रही थी, जिसे लोकसभा में कार्यवाही करने के लिए शून्यकाल के दौरान प्रतापगढ़ में पंचायती राज विभाग में अधिकारियों द्वारा घपले घोटाले के खिलाफ उच्च स्तरीय जाँच की माँग की थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें