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मंगलवार, 30 मार्च 2021

विधायक राजकुमार पाल नहीं मनाए सूतक,चाचा की हत्या के गम को भुलाकर जमकर खेली होली

विधायक राजकुमार पाल नहीं मनाए सूतक,चाचा की हत्या के गम को भुलाकर जमकर खेली होली। क्षेत्र में लोगों के यहाँ भी घूमकर खाये गुझिया...!!!

चाचा की हत्या के गम को भुलाकर विधायक ने जमकर खेली होली

सनातन धर्म में किसी की मौत के बाद उस परिवार में सूतक-पातक किसी तरह का शुभ कार्य एवं धार्मिक कार्य सहित त्योहार तक न मनाने की परम्परा रही है। परन्तु सदर विधायक राजकुमार पाल हिन्दू धर्म को ताक पर रखकर सूतक के दौरान अपने आवास पर जमकर होली खेली और समर्थकों से अपने नाम का जयकारा भी लगवाये...!!!

एक जनप्रतिनिधि को समाज और सामाजिक संस्कारों को भुलाकर कार्य करना चाहिए कितना उचित है ? जबकि उस जनप्रतिनिधि का सारथी एक ब्राह्मण कुल से है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रतापगढ़ के साथ विधायक जी का रथ हाँकने में ही अपनी इज्जत की बढ़ोत्तरी समझता है। राशनकार्ड और पंचायत की मतदाता सूची के प्रकाशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर बड़ा आदमी बनने वाला सारथी भी विधायक राजकुमार पाल को नहीं दे सका सुझाव कि सूतक के दौरान होली मिलन करना एक विधायक के लिए सामाजिक संस्कार की दृष्टि से उचित नहीं है।

विधायक ने चाचा को कंधा तो दिए परन्तु नहीं मनाये सूतक,जमकर खेले होली...

सदर प्रतापगढ़ विधायक राजकुमार पाल के चाचा राजमिस्त्री रामपाल पाल की हत्या दिनांक 21मार्च की हत्या हुई तो विधायक जिला अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस और उसके उपरांत अपने चाचा को कंधा देते हुए उनकी अंत्येष्टि में शामिल हुए थे। खुलासा न होने पर DGP सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर खुलासा करने एवं स्वयं की सुरक्षा को खतरा बताकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। शस्त्र लाइसेंस लेने की मशां भी बनाई थी। जिस पर बज्रपात पड़ गया। साथ ही प्रेती बाधा में एक चाचा ने दूसरे चाचा की हत्या करवा कर विधायक राजकुमार पाल के स्तर को फिर से रेखांकित कर डाला कि विधायक कितनी गिरी सोच वाले परिवार से मिलान करते हैं...???

अपने आवास पर सदर विधायक राजकुमार पाल समर्थकों संग खेली जमकर होली...

प्रतापगढ़ पुलिस ने एक हफ्ते में विधायक के चाचा राजमिस्त्री रामपाल के ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर दिया। खुलासा में विधायक के एक चाचा ने दूसरे चाचा की हत्या की सुपारी देकर मरवा देने की बात सामने आई। यानि विधायक के परिवार में एक भाई ने अपने सगे भाई को इस शंका में शॉर्प शूटरों से गोली मारकर हत्या करवा दी क्योंकि वह नहीं चाहता था कि बड़े बेटे की तरह उसकी और उसके छोटे बेटे की मौत झाड़ फूँक करने वाले रामपाल द्वारा तंत्र विद्या के जरिये हो जाए। एक विधायक के लिए यह शर्मशार करने वाली बात है कि एक चाचा ने दूसरे चाचा को सुपारी देकर मरवाया हो और समाज को गुमराह करते हुए वादी मुकदमा बनकर कानून की आँख में धूल झोंकने का कार्य किया हो...!!!

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