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मंगलवार, 16 मार्च 2021

MDPG कालेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल के गैरजिम्मेदाराना हरकत और निकम्मेपन की वजह से 10मार्च की दूसरी मीटिंग की कैंसिल हुई थी,परीक्षा

MDPGकालेज में जहाँ जे पी मिश्र का नाम सबसे काबिल प्राचार्यों में गिना जाता है,वहीं सबसे नाकारा प्राचार्यों में डॉ विनोद कुमार शुक्ल का नाम गिना जाएगा...

विधि के परीक्षार्थियों की अराजकता की वजह से नहीं बल्कि MDPG कालेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल के गैरजिम्मेदाराना हरकत और निकम्मेपन की वजह से 10मार्च की दूसरी पॉली की कैंसिल हुई थी,परीक्षा...

जिन विधि यानि LLB के परीक्षार्थियों को MDPG कालेज प्रशासन द्वारा अराजकता फैलाकर 10मार्च को दूसरी पॉली की परीक्षा टलवाने का आरोप लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन की नजरों में हीरो बने थे। उन्हीं परीक्षार्थियों को PBPG कालेज प्रशासन बड़ी आसानी एवं सहजता के साथ करा रहे हैं,परीक्षा। इससे MDPG कालेज के प्राचार्य के आरोपों की हवा निकल गई कि विधि के परीक्षार्थियों की अराजकता से कैंसिल हुई थी,परीक्षा...

शहर मुख्यालय प्रतापगढ़ के बीचोंबीच स्थित MDPG कालेज की बिगड़ती साख...

पीबीपीजी कालेज के केंद्र ब्यवस्थापक/प्राचार्य प्रोफेसर बृज भानु सिंह और उनके सहयोगियों ने विधि के परीक्षार्थियों की परीक्षा जिसे MDPG कालेज न करा सका, उसे PBPG कालेज प्रशासन द्वारा कराकर उस गंभीर चुनौतियों को स्वीकार कर PBPG कालेज का मान सम्मान बढ़ाया। साथ ही PBPG कालेज के अनुशासन का जिले में लोहा मनवाने के लिए अर्जित की सफलताविना किसी हो हल्ला के ही विधि के परीक्षार्थियों की PBPG कालेज अपने यहाँ परीक्षा करा रहा है। परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रों एवं छात्राओं को अलग-अलग प्रवेश द्वार से प्रवेश कराया जाता है। परीक्षार्थियों को केंद्र पर किसी प्रकार की नहीं होती दिक्कत। कोरोना काल के संक्रमण का भी ध्यान रखा गया है। दो गज की दूरी पर सिटिंग प्लान बनाया गया है

 HCकृपा से MDPGके प्राचार्य बने डॉ विनोद कुमार शुक्ल में नहीं है,प्राचार्य की काबिलियत... 

हकीकत यह है कि केंद्र ब्यवस्थापक डॉ विनोद कुमार शुक्ल और उनके निकम्मी टीम के निकम्मेपन की वजह से ही परीक्षा कैंसिल हुई थीचूँकि जिन परीक्षार्थियों को बदमाश और दुष्ट एवं शरारती बताकर MDPG के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल मीडिया में बयान देकर अपने निकम्मेपन की बात को छुपा लिए थे वो PBPG कालेज प्रशासन ने गलत साबित कर दिया। क्योंकि विधि के उन्हीं परीक्षार्थियों के पेपर को PBPG कालेज के प्रशासन बड़ी ही शालीनता से सम्पन्न कराने के दायित्व का निर्वहन करके विधि के छात्रों के ऊपर लगे आरोपों को कर दिया खारिज

PBPGकालेज के प्राचार्य प्रोफेसर बृज भानु सिंह...

यदि विधि के छात्र एवं छात्राएं वास्तव में दुष्ट थे और उनकी अराजकता की वजह से 10 मार्च की दूसरी पॉली की परीक्षा निरस्त हुई थी तो उन्हीं परीक्षार्थियों को PBPG कालेज प्रशासन किस फार्मूले से मैनेज करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा कराने में सफल हुआ ? इससे सिद्ध होता है कि विधि के परीक्षार्थी नहीं बल्कि MDPG कालेज प्रशासन के नकारेपन की वजह से 10मार्च को परीक्षा कैंसिल हुई थी। इस खर्च को MDPG कालेज के प्राचार्य से वसूल किया जाना चाहिए। साथ ही MDPG प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल की स्क्रीनिंग कराकर उनकी नाकामी की जाँच कराते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को उन्हें समय से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति का फैसला लेते हुए उनकी कर देनी चाहिये विदाई

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