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बुधवार, 10 मार्च 2021

यूनिवर्सिटी प्रशासन और केंद्र ब्यवस्थापक डॉ विनोद कुमार शुक्ल की अब्यवस्था से MDPG कालेज में टली दूसरी पाली की सभी परीक्षाएं

प्रो. राजेन्द्र सिंह "रज्जू भईया" विश्वविद्यालय प्रयागराज से सम्बद्ध MDPG में द्वितीय पाली की आयोजित BA- LLB एवं LLB सहित बीएड और एम ए की परीक्षा भारी हंगामे के बाद हुई निरस्त...!!!

डिजिटल इंडिया होने के बाद शिक्षा विभाग में अब प्रवेश पत्र भी ऑन लाइन अपलोड करके छात्र एवं छात्राओं को दिया जाता है। यूनिवर्सिटी की घोर लापरवाही का आलम यह रहा कि परीक्षा के एक दिन पहले छात्र एवं छात्राओं का प्रवेश पत्र साइट पर अपलोड किया गया जिससे परीक्षा के एक दिन पहले परीक्षार्थियों को उनका प्रवेश पत्र भारी भीड़ के बीच वितरित किया गयायूनिवर्सिटी के इस निर्णय से ऐसा आभास होता कि वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार साहिर परीक्षा नियंत्रक नशे में रहते है। उन्हें इसका आभास ही नहीं कि कोरोना संक्रमण काल में एक दिन पहले यदि प्रवेश पत्र साइट पर अपलोड किया जायेगा तो उसके वितरण करने में काउंटर पर निश्चित रूप से परीक्षार्थियों द्वारा उपद्रव किया जायेगा और आपस में धक्का मुक्की भी होगी

प्रतापगढ़ के MDPG कालेज के बाहर धूप में घंटो खड़े रहे हजारों परीक्षार्थी...
विश्वविद्यालय प्रशासन की दूसरी बड़ी खामी यह रही कि उसके अधीनस्थ महाविद्यालयों में किस केंद्र पर कितने छात्र एवं छात्राओं को बैठाकर उनकी परीक्षा को सुचारू रूप से कराया जा सकता है, इसका भी अंदाजा यूनिवर्सिटी प्रशासन को नहीं रहा। तभी तो क्षमता से अधिक परीक्षार्थियों को एक ही केंद्र पर उनके सेंटर बना दिये गए और केंद्र ब्यवस्थापक को भी इस बात की सूचना तक नहीं दी गई

प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल के कक्ष के सामने परीक्षार्थियों का हंगामा...

कोरोना संक्रमण काल में पुलिस और प्रशासन नसीहत देते अभी भी नहीं अघाता, परन्तु आज MDPG में कोरोना संक्रमण काल के सारे मापदंड की धज्जियाँ उड़ती रही और ब्यवस्था में बैठे हुक्मरान के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। सड़क पर पुलिस लोगों को मास्क न पहनने का चालान काटती है और MDPG में तो पुलिस की ही घिघ्घी बनी रही। परीक्षार्थियों की भारी भीड़ देखकर पुलिस भी एक बार चकरा गई कि इतनी अधिक संख्या में एक केंद्र पर इतने परीक्षार्थी को उनका सेंटर क्यों आवंटित किया गया ?

कोरोना संक्रमण को ताक पर रखकर लोगों की जिंदगियों से किया गया खिलवाड़...
MDPG कालेज प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल के नकारेपन से आज स्व. पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय के नाम पर नाराज छात्रों ने मुर्दाबाद के नारे तक लगाये।कालेज प्रशासन की बदइंतजामी की वजह से परीक्षा कैंसिल हुई। प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल की गैर जिम्मेदाराना हरकत से छात्र बवाल मचाते रहे। कालेज प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। सूचना पर मामले को सम्भालने पहुँची पुलिस को भी छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा और पुलिस को भी मुर्दाबाद के नारे सुनने पड़ेपहली पाली में भी देर से शुरू हुई थी,परीक्षा।

MDPG प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल ने स्व. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय जी का नाम मिट्टी में मिला दिया...

फिर भी केंद्र ब्यवस्थापक डॉ विनोद कुमार शुक्ल को नहीं आई अक्ल। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे केंद्र ब्यवस्थापक विनोद कुमार शुक्ल और उनके खासमखास अन्य कालेज के स्टाफ। केंद्र ब्यवस्थापक छात्रों से गालियाँ खाते रहे और प्राचार्य कक्ष में दोनों तरफ से दरवाजे को बंद कर पुलिस प्रशासन से फोर्स की माँग कर सुरक्षा ब्यवस्था का विधवा विलाप कर 3:30 बजे समस्त परीक्षा निरस्त करने की घोषणा कर सके। परीक्षा निरस्त हो गई और बच्चों का समय खराब किया गया। निर्णय लेने में अक्षम और बदइंतजामी के जनक केंद्र ब्यवस्थापक डॉ विनोद कुमार शुक्ल के चेहरे पर अपनी नाकामियों का नहीं रहा लेशमात्र चिंता और पछतावे का भाव

MDPG कालेज में छात्र एवं छात्राओं की परीक्षा निरस्त करने की सूचना 3:30 बजे चश्पा हुई...

जिस परीक्षा केंद्र पर छात्र और छात्राएं परीक्षा देने पहुँचे हो और उस केंद्र पर सीटिंग प्लान तक का कोई इंतजाम न हुआ हो और परीक्षा के समय 2 बजे टेंट हाउस से छात्र और छात्राओं को बैठने के लिए कुर्सियों की ब्यवस्था केंद्र ब्यवस्थापक करें। फिर भी केंद्र ब्यवस्थापक छात्र एवं छात्राओं से उम्मीद करें कि वो धूप में खड़े रहते हुए धैर्यता का परिचय दें ! केंद्र ब्यवस्थापक ने नकारेपन की सारी पराकाष्ठा को तार-तार करते हुए 2 बजे तक कालेज का मुख्य द्वार ही बंद रखा और छात्र एवं छात्राओं को धूप में खड़े रहने के लिए बाध्य किया। यदि कुर्सियों से भरी मैजिक डाला गाड़ी न आयी होती तो छात्र एवं छात्राएं घंटो तक और बाहर धूप में खड़े रहते

हजारों परीक्षार्थियों को नियंत्रण में करने के लिए MDPG कालेज पहुँची पुलिस....

भारी हंगामे के बीच 3बजे SDM सदर मोहन लाल गुप्ता कालेज कैम्पस पहुँचे। मौके की नजाकत को भाँपते हुए पुलिस प्रशासन ने बिना मौका गंवाए एक प्लाटून पीएसी बुलाकर स्थिति पर नजर रखते हुए केंद्र ब्यवस्थापक और विश्वविद्यालय के बीच परीक्षा कैंसिल होने के निर्णय का इंतजार करते रहे। प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच बातचीत के बाद 3:30 बजे के करीब सभी परीक्षाओं के निरस्त होने की सूचना नोटिस बोर्ड पर चश्पा की गई। दूसरी पाली की शुरू होने वाली परीक्षा का समय 2 से 5 बजे का था। 2 बजे से शुरू होने वाली परीक्षा जो निरस्त की गई, उसकी मुख्य वजह केंद्र ब्यवस्थापक की बदइंतजामी रही। प्राचार्य डॉ विनोद कुमार शुक्ल के निकम्मेपन की भेंट चढ़ गई दूसरी पाली की परीक्षा

MDPG कैम्पस के अन्दर का नजारा देख पुलिस प्रशासन के भी उड़ गए होश...

उच्च शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही से आज MDPG कालेज में छात्र एवं छात्राओं की परीक्षा निरस्त हुई। दो लाख से अधिक वेतन का आहरण करने वाले केंद्र ब्यवस्थापक डॉ विनोद कुमार शुक्ल जो प्राचार्य हैं और यह पद पाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका तक दाखिल किये। तब जाकर MDPG का प्रबंधतंत्र उन्हें प्राचार्य का पद पिछले वर्ष लॉक डाउन के दौरान मार्च,2020 को दिया। इसके पहले विज्ञान विभाग में कार्यशाला के आयोजन में डॉ विनोद कुमार शुक्ल को अक्षम करार देकर उसका प्रभार छीन लिया था। इसी वजह से प्रबंधतंत्र द्वारा MDPG प्राचार्य का पद डॉ विनोद कुमार शुक्ल को नहीं दिया जा रहा था। शायद इसी वजह से MDPG प्राचार्य का कार्यभार अरुण श्रीवास्तव को दिया गया था। आज प्रबंधतंत्र की आशंका हकीकत में तब्दील हो गई और डॉ विनोद कुमार शुक्ल एक प्राचार्य के रूप में इतने प्रतिष्ठित कालेज की साख और गरिमा दोनों को धूल धूसरित कर दिया

MDPG कालेज के प्रवेश द्वारा पर दोपहर 2बजे तक खड़े रहे परीक्षार्थी...

पूरे प्रकरण में गहनता से छानबीन करने के बाद चलिए थोड़ी देर के लिए यह मान भी लिया जाए कि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार नशे में थे तो केंद्र का ब्यवस्थापक भी भांग खाकर बैठे थे जो इस बात की रिपोर्टिंग समय से न कर सके कि उसके केंद्र में इतने से अधिक बच्चों को बैठाने की ब्यवस्था नहीं हैं। MDPG केंद्र की परीक्षा निरस्त हुई और किसी को उसका जिम्मेदार नहीं बनाया गया। हर कार्य की असफलता के पीछे किसकी जिम्मेवारी बनती है उसका ईमानदारी पूर्वक चयन होना चाहिए और उसे दंड भी दिया जाना चाहिए। वैसे तो प्रदेश की योगी सरकार कहती है कि अक्षम लोगों को सेवा से पहले ही निष्क्रिय मानकर उनकी सेवा समाप्त करने का कार्य उनकी सरकार कर रही है। परन्तु शिक्षा विभाग में इतनी बड़ी गलती को क्या माफ किया जाना चाहिए ? अब देखना है कि MDPG केंद्र की परीक्षा टलने में योगी सरकार किसे दोषी मानती है और किसकी छुट्टी करती है...???

1 टिप्पणी:

  1. इस मामले का योगी सरकार से कोई लेना देना नहीं है। कुलपति और अध्यक्ष प्रबन्ध समिति का विषय है।

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