उत्तर प्रदेश सरकार को 17मार्च तक आरक्षण तय करने और राज्य निर्वाचन आयोग को 30अप्रैल तक पंचायत चुनाव और 15मई तक जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानि ब्लाक प्रमुख का कराये चुनाव...
याचिकाकर्ता विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग के रुख से काफी नाराज हुआ और चुनाव कराने की तिथियों का ऐलान करते हुए सख्त आदेश दिया। विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। चुनाव आयोग के कार्यक्रम पेश करने के बाद आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था,जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
जस्टिस एमएन भंडारी और जस्टिस आरआर आग्रवाल की डिवीजन बेंच ने दिया है,निर्देश... |
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान हुआ है। जिसके चलते यूपी में पंचायत चुनावों का बिगुल बज चुका है। दाखिल की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 17 मार्च तक आरक्षण का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रधान, जिला पंचायत सदस्यों और क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव की तिथियों को भी निर्धारित करने का आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित करते हुए कहा है कि वह 17 मार्च तक आरक्षण तय करें। इसके साथ ही 30 अप्रैल तक प्रधानों, 15 मई तक जिला पंचायत सदस्य और 15 मई तक ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव सम्पन्न कराएं। बता दें कि हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को प्रदेश में पंचायत चुनाव की बाबत दाखिल की गई याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता विजय उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बता दें कि इस दौरान हाईकोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग के रुख से काफी नाराज हुआ और चुनाव कराने की तिथियों का ऐलान करते हुए तय किये गये कार्यक्रम के तहत चुनाव कराने का सख्त आदेश दिया।
आयोग मई तक चाहता था,पंचायत चुनाव...
राज्य निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट में जो कार्यक्रम पेश किया था, उसमें चुनाव मई तक होने की बात सामने आई। इस पर हाईकोर्ट ने साफ कहा कि पंचायत चुनाव मई में कराने का प्रस्ताव प्रथम दृष्टया स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नियमानुसार 13 जनवरी, 2021 तक चुनाव पूरे करा लिए जाने थे। हाईकोर्ट ने कार्यक्रम को संवैधानिक उपबंधों के विपरीत मानते हुए अस्वीकार कर दिया। साथ ही विनोद उपाध्याय की याचिका पर हाईकोर्ट ने गुरुवार 4 फरवरी, 2021 को प्रदेश में पंचायत चुनाव की समय सीमा निर्धारित कर दी है। कोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्रधानी के चुनाव कराने का निर्देश देने के साथ ही 15 मई तक ब्लाक प्रमुख का चुनाव कराने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की समय सीमा की तिथि निर्धारित करने के साथ राज्य निर्वाचन आयोग तथा उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है।
आयोग ने अपने कार्यक्रम में हाईकोर्ट को बताया कि बीती 22 जनवरी को पंचायत चुनाव की मतदाता सूची तैयार हो गई है। 28 जनवरी तक परिसीमन का काम भी पूरा कर लिय गया है,लेकिन सीटों का आरक्षण राज्य सरकार को फाइनल करना है। इसी कारण अब तक चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया जा सका है। आयोग ने बताया कि सभी सीटों का आरक्षण पूरा होने के बाद चुनाव में 45 दिन का समय लगेगा। हाईकोर्ट ने 15 मई तक सभी पंचायतों के गठन का आदेश दिया है। याची ने 13 जनवरी तक पंचायत चुनाव संपन्न न कराने के चलते अर्जी दाखिल की थी। याचिका में पांच साल के भीतर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न न कराने को आर्टिकल 243 (ई) का उल्लंघन बताया था। सरकार ने कोविड के चलते पंचायत चुनाव समय से पूरा नहीं करा पाने की वजह बताई थी। एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह और एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा। याची की तरफ से अधिवक्ता पंकज कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा।
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