पश्चिम बंगाल के कोलकाता में छह किलो सोना जब्त कर चार तस्करों को किया गया था,गिरफ्तार...
सोने की खेप प्रतापगढ़ में कहाँ उतरती इसका डीआरआई ने नहीं किया खुलासा, डीआरआई की भूमिका संदिग्ध...
प्रतापगढ़ जनपद में सोने का मुख्य ब्यवसाय कोतवाली नगर के चौक क्षेत्र के श्याम बिहारी गली में होता है और यहाँ के सर्राफा कारोबारी सोने और चाँदी की खरीद दिल्ली, कोलकाता और सिलीगुड़ी से होने का मामला प्रकाश में उस समय आया जब सोने की तस्करी करने वाले तस्कर डीआरआई के हत्थे चढ़े। परन्तु मामला पकड़े जाने के बाद भी इस बात का खुलासा नहीं हो सका कि प्रतापगढ़ जैसे छोटे से जनपद में तस्करी का सोना किस सर्राफा के यहाँ आता है..???
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डीआरआई की कोलकाता यूनिट ने की थी,छापेमारी... |
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की कोलकाता जोनल यूनिट की टीम ने महानगर के एक होटल में छापेमारी कर छह किलो सोना (विदेशी सोने के बिस्कुट) जब्त किया था। जब्त सोने की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 2.01 करोड़ आंकी गई थी। इस सिलसिले में चार तस्करों को भी गिरफ्तार भी किया गया था। सोने को भारत-म्यांमार सीमा के रास्ते तस्करी कर लाया गया था। डीआरआई के अधिकारियों ने बताया था कि एक खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए कोलकाता के एमजी रोड व रवींद्र सरणी क्रासिंग पर स्थित सम्राट होटल के एक कमरे में छापेमारी कर यहां ठहरे चारों तस्करों के कब्जे से सोने को जब्त किया गया था।
सुल्तानपुर जनपद में प्रतापगढ़ के सर्राफा ब्यवसायी प्रह्लाद खंडेलवाल का अभी पिछले माह 30लाख रूपये की कथित लूट हुई थी जिसका सुल्तानपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि सर्राफा कारोबारी का नौकर ही कथित लूट का जनक रहा, वह लूट की घटना दिखाकर अपने मालिक के साथ ठगी किया और पकड़ कर पुलिस ने जेल भेज दिया। साथ ही खुलासा किया कि प्रह्लाद खंडेलवाल नकद सोने की खरीद कर आयकर की चोरी करता है। प्रतापगढ़ के सर्राफा कारोबारी अपने सोने की खरीद के लिए नकद धन देकर अपने नौकरों के दवार मंगाते हैं और पकड़े जाने पर अपने मालिक का नाम छिपा लेते हैं और स्वयं जेल चले जाते हैं और वही मालिक उस नौकर को न्यायालय से जमानत करवाकर छोड़वा लेते हैं...
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तस्करी में पकड़े गए सोने की कीमत करोड़ों रूपये में आंकी गई... |
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