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सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

भाजपा नेता हरि प्रताप सिंह की जन्म तिथि भी विवाद के घेरे में...

नपा अध्यक्ष प्रेमलता सिंह के पति हरि प्रताप सिंह की मैट्रिक स्कूल की योग्यता थर्ड क्लास। उम्र में भी खेल कर गए हैं,हरि प्रताप सिंह और उनके माता-पिता। हरि प्रताप सिंह अपना जन्मदिन वेलेंटाइन-डे 14 फरवरी को मनाते हैं और शैक्षिक प्रमाण पत्र में 1 फरवरी,1956 लिखवा रखे हैं। जो ब्यक्ति अपनी उम्र के साथ छेड़छाड़ कर सकता है वो जीवन में कुछ भी कर सकता है

हरि प्रताप सिंह के हाईस्कूल का शैक्षिक प्रमाण पत्र...
उत्तर प्रदेश में वर्ष-2007 के विधान सभा चुनाव में हरि प्रताप सिंह 50 वर्ष के रहे और विधानसभा चुनाव वर्ष-2012 के चुनाव में हरि प्रताप सिंह 56 वर्ष के हो गए। यहाँ भी एक वर्ष का लोचा होता दिख रहा है। वैसे हरि प्रताप सिंह की बात करें तो हकीकत में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह से वो उम्र में बड़े हैं,परन्तु हरि प्रताप सिंह यहाँ भी खेल करके ढाई साल छोटे बन गए हैं। हमने सुना था कि महिलाएं ही अपनी उम्र छिपाने में माहिर होती हैं। यहाँ तो हरि प्रताप सिंह महिलाओं को भी मात दे दी है

बीजेपी नेता हरि प्रताप सिंह चार बार नपाध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान रहे और एक बार सदर प्रतापगढ़ से विधायक रहे। हरि प्रताप सिंह नगर पालिका बेला- प्रतापगढ़ के प्रथम नागरिक रहे हैं। जब सीट महिला हो गई तो अपनी पत्नी प्रेमलता सिंह को नपाध्यक्ष के लिए भाजपा से टिकट की ब्यवस्था करके चुनावी मैदान में उतारा। कैबिनेट मंत्री मोती सिंह चिलबिला में जनसभा के दौरान जनता को मनाने में बहक गए और बातों-बातों में कहा था कि माना कि हरि प्रताप सिंह भ्रष्ट हैं, परन्तु उनकी भाभी प्रेमलता स्व उमानाथ सिंह जी की बेटी हैं। एक बार सारी गलतियों को दरकिनार करके उन्हें जिताइये। वो हरि प्रताप सिंह की तरह भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं रहेगी

वैसे मुझे एक बार सरसरी निगाह से देखने पर अपनी आँख पर भरोसा नहीं हो रहा था तो रुमाल से आँख को फिर से पोछ कर देखा तो हकीकत जानकार पूर्व नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह की पूरी जीवनी मन मतिष्क में घूम गई। हाईस्कूल में जो थर्ड क्लास में पास हुआ हो उसे देखकर नहीं लगता कि वो भ्रष्टाचार के खेल का महारथी होगा। अब पढ़ने में हरि प्रताप सिंह भले ही थर्ड क्लास के रहे,परन्तु भ्रष्टाचार में वो अपना जो कीर्तिमान स्थापित किया उसे देखते ही बनता है। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले हरि प्रताप सिंह सिर्फ चंद वर्षों में अकूत सम्पत्ति जिस अंदाज में अर्जित की वो नम्बर एक की कमाई से संभव ही नहीं है। पढ़ने में भले ही हरि प्रताप सिंह थर्ड क्लास रहे हों,परन्तु भ्रष्टाचार में वो अव्वल दर्जे के ब्यक्तियों में से एक हैं। देखिये उनकी असल काबिलियत की एक झलक

भाजपा से टिकट काटने के बाद कांग्रेस में गए और वहाँ से टिकट काटने के बाद 24 घंटे में पुनः हरी प्रताप सिंह वर्ष-2017 में 248-प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र से निर्दलीय नामांकन तो परन्तु भाजपा और अपना दल एस के उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता का नामांकन बैध हो जाने के बाद हरि प्रताप सिंह की सारी गणित फेल हो जाने के बाद वो अपनी नैतिक हार मानते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया। इसलिए भारत निर्वाचन आयोग की साइट पर वर्ष-2017 का विवरण उपलब्ध नहीं है। देखना है कि सीनियर सिटीजन का दर्जा प्राप्त हरी प्रताप सिंह को भाजपा आगामी विधान सभा चुनाव वर्ष-2022 में टिकट देती है कि नगरपालिका प्रतापगढ़ के अध्यक्ष पद से ही संतोष कराए रखती है

निर्वाचन आयोग में दाखिल प्रपत्र...

हरि प्रताप सिंह प्रतापगढ़ के केपी कालेज से वर्ष-1971 में हाई स्कूल, वर्ष-1974 में केपी कालेज से ही इंटरमीडिएट और वर्ष-1976 में प्रतापगढ़ के पीबी कालेज से स्नातक और लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्ष-1979 विधि स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण किये हैं। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में 3वर्ष लगा है। यानि एक वर्ष ब्रेक हुआ है। हरि प्रताप सिंह पुत्र जगदीश बहादुर सिंह मूल निवासी-सर्वजीतपुर परगना व तहसील पट्टी जिला प्रतापगढ़ के हैं। हाल मुकाम सदर मोड़, थाना-कोतवाली नगर, परगना व तहसील सदर, जिला प्रतापगढ़ जो कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह के चचेरे बड़े भाई हैं। परन्तु अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर हरी प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री से ढाई साल छोटे हैं। लोगों में बहुत कन्फ्यूजन रहता है कि असल में जब कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के हरि प्रताप सिंह बड़े भाई हैं तो अभिलेख में कैसे छोटे भाई बन बैठे ? यह तो जाँच का विषय है

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