आपदा को अवसर में बदलना कोई प्रतापगढ़ के जिला प्रशासन से पूँछे...
पल्टन बाजार में सुमित्रापुरी की तरफ जाने वाले मार्ग पर चौदहवें दिन लगा हॉट स्पॉट बैरियर... |
कोतवाली नगर पल्टन बाजार में 26 जुलाई की रात वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश शर्मा की मौत कोविड-19 के संक्रमण से हुई। कल तेरहवीं भी हो गई। तेरहवीं से पहले 5कोरोना मरीज उनके घर में और मिले। फिर भी जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ था। सिर्फ कागज पर बफर जोन बना कर हॉट स्पॉट एरिया तय कर आपदा प्रबंधन के बजट पर डकैती डाल रहा है, जिला प्रशासन। आज जब जिला प्रशासन को होश आया तो पल्टन बाजार में हॉट स्पॉट का बैरियर लगाया गया। जो बैरियर लगा उसमें भी रसूखदार लोगों का विशेष ख्याल रखा गया। आदेश 200मीटर की परिधि वाला है और बैरियर 50मीटर की परिधि वाला किया गया।
पल्टन बाजार में गुलसने मदीना से सुमित्रा पुरी मार्ग पर चौदहवें दिन लगा हॉट स्पॉट बैरियर...
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बकरीद के दिन हॉट स्पॉट बैरियर उखाड़ कर सड़क के बगल रख दिया गया। लोग बिना रोकटोक आने जाने लगे। सभी दुकानें खुलने लगी। सबसे मजेदार बात ये रही कि वो दुकान भी खुल गई जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज पाया गया था। आज जिला प्रशासन पुनः दो दिन के लिए हॉट स्पॉट बैरियर लगवा रहा है। जिला प्रशासन से एक सीधा सा सवाल है कि कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद कई दिनों तक उस क्षेत्र में हॉट स्पॉट बैरियर नहीं लगाया जाता। तो क्या उतने दिनों तक कोरोना वायरस और जिला प्रशासन में अनुबंध हुआ रहता है कि वह किसी को संक्रमित नहीं करेगा। जिला प्रशासन प्रतापगढ़ में शामिल अधिकारीगण ने हद कर दिया है। इनके पास न तो कोई नीति है और न निर्णय लेने की क्षमता। सिर्फ आपदा के बजट पर डकैती डालना इन्हें आता है। ये कुछ जानते हों या न जानते हों ! परन्तु आपदा के बजट को हजम करना बेहतर ढंग से इन्हें आता है।
पल्टन बाजार में संचालित हिन्द नर्सिंग होम और सुपीरियर और पॉयनियर कोचिंग सेंटर को बचाने का पूरा ख्याल रखते हुए बैरियर लगाया गया है। चौदह दिन का हॉट स्पॉट और चौदहवें दिन हॉट स्पॉट का बैरियर लगाने से जिला प्रशासन की अकर्मण्यता दिख रही है। यही नहीं कचेहरी से पल्टन बाजार से जो रोड़ सिनेमा रोड़ होकर प्रयागराज और अयोध्या राष्ट्रीय मार्ग को जोड़ती है वो किसी बाईपास से कम नहीं है। चंपा सुर्ती/लेबर ऑफिस के पास एक पेस्टी और ब्रेकरी की दुकान है। उस दुकान पर बैठने वाले को कोरोना हुआ।एक सप्ताह तक कोई हॉट स्पॉट बैरियर जिला प्रशासन द्वारा नहीं लगाया गया। सिर्फ कागज पर हॉट स्पॉट बैरियर लगाकर उसका भुगतान करने से जिला प्रशासन कोई भूल नहीं करता। क्योंकि यहाँ भुगतान में धनलाभ जो होगा।
सबसे मजेदार पहलू यह है कि आपदा प्रबंधन के नोडल अफसर अपर जिलाधिकारी को बनाया गया था। उनके कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका चार्ज उनके समकक्ष अफसर को देना चाहिये था। परन्तु प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन गाँधी के तीन बन्दर सरीखे है। अपर जिलाधिकारी का चार्ज नियम विरुद्ध तरीके से उप जिलाधिकारी सदर मोहन लाल गुप्ता को दे दिया गया। जिले में न तो मुख्य राजस्व अधिकारी है और न ही मुख्य विकास अधिकारी। मुख्य विकास अधिकारी का तवादला हुआ तो आईएएस विपिन जैन बिना प्रतापगढ़ आये ही अपना तवादला रोकवा लिए और प्रतापगढ़ में चित्रकूट में संयुक्त मजिस्ट्रेट रहे अश्वनी पांडेय को तैनात किया गया है। यही जिले कि हकीकत है। जिलाधिकारी का सरकारी नम्बर सीयूजी कभी उठता ही नहीं। उठता तभी है जब किसी कर्मचारी के हाथ में मोबाइल हो तो ही उठता है। अब समझ लीजिये कि जिले की दशा कितनी भयावह है...???
पल्टन बाजार में संचालित हिन्द नर्सिंग होम और सुपीरियर और पॉयनियर कोचिंग सेंटर को बचाने का पूरा ख्याल रखते हुए बैरियर लगाया गया है। चौदह दिन का हॉट स्पॉट और चौदहवें दिन हॉट स्पॉट का बैरियर लगाने से जिला प्रशासन की अकर्मण्यता दिख रही है। यही नहीं कचेहरी से पल्टन बाजार से जो रोड़ सिनेमा रोड़ होकर प्रयागराज और अयोध्या राष्ट्रीय मार्ग को जोड़ती है वो किसी बाईपास से कम नहीं है। चंपा सुर्ती/लेबर ऑफिस के पास एक पेस्टी और ब्रेकरी की दुकान है। उस दुकान पर बैठने वाले को कोरोना हुआ।एक सप्ताह तक कोई हॉट स्पॉट बैरियर जिला प्रशासन द्वारा नहीं लगाया गया। सिर्फ कागज पर हॉट स्पॉट बैरियर लगाकर उसका भुगतान करने से जिला प्रशासन कोई भूल नहीं करता। क्योंकि यहाँ भुगतान में धनलाभ जो होगा।
सबसे मजेदार पहलू यह है कि आपदा प्रबंधन के नोडल अफसर अपर जिलाधिकारी को बनाया गया था। उनके कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका चार्ज उनके समकक्ष अफसर को देना चाहिये था। परन्तु प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन गाँधी के तीन बन्दर सरीखे है। अपर जिलाधिकारी का चार्ज नियम विरुद्ध तरीके से उप जिलाधिकारी सदर मोहन लाल गुप्ता को दे दिया गया। जिले में न तो मुख्य राजस्व अधिकारी है और न ही मुख्य विकास अधिकारी। मुख्य विकास अधिकारी का तवादला हुआ तो आईएएस विपिन जैन बिना प्रतापगढ़ आये ही अपना तवादला रोकवा लिए और प्रतापगढ़ में चित्रकूट में संयुक्त मजिस्ट्रेट रहे अश्वनी पांडेय को तैनात किया गया है। यही जिले कि हकीकत है। जिलाधिकारी का सरकारी नम्बर सीयूजी कभी उठता ही नहीं। उठता तभी है जब किसी कर्मचारी के हाथ में मोबाइल हो तो ही उठता है। अब समझ लीजिये कि जिले की दशा कितनी भयावह है...???
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