राजस्थान - वार्ड में वार्ड पंच नहीं,पंचायत में सरपंच नही। विधानसभा में विधायक नहीं,राजधानी में सरकार नहीं चौमासा में बरसात नहीं...
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विधायको के दबाव पर सचिन कर रहे है,भागदौड़... |
कांग्रेस आलाकमान ने दो टूक शब्दों में सचिन पायलट को कह दिया है कि वे किसी भी शर्त रखने की स्थिति में नही है। निर्णय आलाकमान खुद के विवेक पर करेगा। आलाकमान का मानना है कि पायलट की कोई भी शर्त मानी गई तो इससे बगावत को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही पार्टी से विद्रोह करने वाले और ज्यादा उत्साहित हो जाएंगे। राजस्थान के सियासी सर्कस में नित नए खेल सामने आ रहे हैं। सोमवार को भी एक नया मोड़ सामने आया। एक तरफ जहां कांग्रेस से बगावत करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व कुछ समर्थक विधायकों की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से हरियाणा में वार्ता की जानकारी मिली है। वहीं,पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बागी विधायकों को कांग्रेस में लेने की बात को खारिज करते हुए उनके बिना ही पांच साल कांग्रेस सरकार चलाने का दंभ भरा है।
लिहाजा बागियों के कांग्रेस में फिर से शामिल होने को लेकर अजीब सी गफलत हो गई है। एएनआई के सुत्रों की मानें तो बगावत करने वाले विधायकों से आलाकमान ने बिना शर्त माफी मांगकर इसके बाद अपनी शिकायतों को सामने रखने की बात कही है। फिलहाल पूरी बात सामने नहीं आ पाई है। लेकिन,बागियों को वापस कांग्रेस में शामिल करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस और राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच कहीं ना कहीं वैचारिक मतभेद जरूर सामने आ रहे हैं। क्योंकि प्रदेश के विधायक रविवार को भी विधायक दल की बैठक में प्रभारी अविनाश पांडे को बागियों को फिर से पार्टी में शामिल नहीं करने की सिफारिश कर चुके हैं। जबकि राष्ट्रीय नेतृत्व अब भी उनसे बातचीत कर रहा है। दिल्ली में आज उच्च स्तर पर राजस्थान में उत्पन्न कांग्रेस के सियासी संकट से निपटने के लिए उच्च स्तर पर चर्चा चल रही है।
पायलट खेमे के विधायकों के सब्र का पैमाना छलकने के बाद उन्होंने दबाव बनाना प्रारम्भ कर दिया था कि जल्दी ही वे कोई यथोचित निर्णय ले, अन्यथा जयपुर लौट जाएंगे। आपसी बातचीत विधायकों ने यह स्वीकार किया कि बगावत करना हमारी बहुत बड़ी भूल थी। यदि शीघ ही समुचित समाधान नही निकाला गया तो वापसी पर जनता कपड़े फाड़ देगी। विधायकों के बगावती तेवरों के बाद इतने दिन की खामोशी के बाद वे सक्रिय होगये। उंन्होने अपने साथी विधायकों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही कोई अनुकूल परिणाम सामने आ सकते है। इसी सम्बन्ध में पायलट ने कल अपने विधायको की बैठक आयोजित की थी जो ऐन टाइम पर अपरिहार्य कारणों से स्थगित करदी गई। उधर पार्टी के संगठन सचिव कैसी वेणुगोपाल के जरिये पायलट ने समझौते का प्रस्ताव रखा। पायलट खेमे ने केवल इतना ही कहा बताया कि उनकी सम्मानजनक वापसी हो ताकि जनता में जो किरकिरी हुई है, उसकी कुछ भरपाई हो सके। उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से कांग्रेस संकट अब फौरी तौर निपट सकता है।
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