भाजपा के नेताओं के दबाव में पुलिस ने लंका एसएचओ, दो एसआई निलंबित, दो सिपाही निलंबित को निलंबित कर दिया और सीओ भेलुपुर को किया गया,आफिस अटैच...
वाराणसी में दारोगा व पुलिसकर्मियों से हाथापाई मामले में भाजपा नेता समेत 8के खिलाफ 19धाराओं में मुकदमा...
वाराणसी में दारोगा व पुलिसकर्मियों से हाथापाई मामले में भाजपा नेता समेत 8के खिलाफ 19धाराओं में मुकदमा...
वाराणसी में सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा पुलिस का कालर पकड़कर घसीटने की फोटो हुई वायरल... |
पुलिस से मारपीट का वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो पुलिस को अपनी नाक बचाना भारी पड़ गया। चूँकि ये मारपीट सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं से हुई थी। पहले तो वाराणसी की पुलिस ने भाजपा नेताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया, परन्तु बाद में सत्ताधारी नेताओं के दबाव के आगे पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। क्योंकि भाजपा के नेताओं के दबाव में पुलिस ने लंका एसएचओ, दो एसआई निलंबित, दो सिपाही निलंबित को निलंबित कर दिया और सीओ भेलुपुर को आफिस अटैच किया गया। ऐसे में पुलिस और योगी सरकार पर सवाल खड़ा होता है कि कैसे होगा यूपी में अपराध कम, जब भाजपा नेताओं द्वारा पुलिस के दरोगा का कलर पकड़ने कर सार्वजनिक चौराहे पर अपमानित किया जायेगा और एक्शन लेने पर सबको निलंबित कर दिया जायेगा !
ये है उत्तर प्रदेश की कानून ब्यवस्था का जीता जागता उदाहरण... |
" वाराणसी की घटना के बाद पुलिसिया कार्रवाई देखकर तो यही कहना पड़ेगा कि वाराणसी में भाजपा नेता से उलझना पड़ा पुलिस को भारी पड़ गया। दो दिन पहले सुंदरपुर में भाजपा नेता और नेता के भाई के साथ पुलिस की हाथापाई हुई थी। घटना के बाद से भाजपा खेमे में वर्चस्व दिखाने का लगातार प्रयास जारी था। वाराणसी में कोई घटना अब घटती है तो उसका इफेक्ट देश के प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र से जोड़कर देखा जाने लगा है। उत्तर प्रदेश में सत्ता चाहे जिस दल की रहे, उसके आगे जिला प्रशासन और पुलिस अपनी दुम हिलाते हुए दिखती है। वह सत्ताधारी दल के आगे वेवश नजर आती है..."
कल प्रतापगढ़ में सी ओ सिटी अभय पाण्डेय के सामने भाजपा का एक कथित नेता जो ब्यापार प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बना घूम रहा है वो दोपहर में पुलिस के जवानों को जमकर गाली दिया और भाग जाने के लिए कहा। बाद में सी ओ साहेब के आने के बाद भी कथित भाजपा नेता एक दूसरे ब्यापारी नेता को पुलिस के सामने ही माँ बहन की गाली दिया। ऐसी स्थिति है सूबे में भाजपा नेताओं की। सत्ता के नशे में डूबे हुए हैं,भाजपा के नेता ! तभी तो कानपुर में विकास दुबे जैसा खुंखार अपराधी ने जन्म लिया और 8 पुलिस के जवानों को मौत के घाट उतार दिया। एक तरफ योगी बाबा अपराधियों को प्रदेश छोड़कर भाग जाने के लिए कहते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं के दल से जुड़े नेता पुलिस का कालर पकड़कर चौराहे पर घसीटते नजर आते हैं। मुकदमा लिख देने पर सबको निलंवित कर दिया जाता है।
लंका थाना क्षेत्र के सुंदरपुर चौराहे पर शुक्रवार की रात भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल और उनके पुत्र से दारोगा से मारपीट और बवाल के मामले में दारोगा सुनील गौंड की तहरीर पर 7 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, जानलेवा हमला, लूट, सरकारी कार्य में बाधा और 7 क्रिमिनल ला एक्ट सहित 19 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल और उनके भाई वीरेंद्र सिंह उर्फ बिंदु अधिवक्ता को लंका पुलिस ने जेल भेज दिया। कचहरी कोर्ट में पेशी के दौरान काफी संख्या में अधिवक्ताओं ने हंगामा किया। हालांकि शाम को दोनों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई। सुंदपुर के रहने वाले पूर्व सभासद और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल भाजपा में महामंत्री पद पर हैं। शुक्रवार की रात उसके पुत्र व काशी विद्यापीठ के छात्र नेता विकास पटेल और कुछ साथियों से कहासुनी के दौरान दारोगा से मारपीट हो गई थी।
पुलिस पर लगातार हमले को लेकर एसएसपी सख्त...
लंका में लागातर पुलिस पर हो रहे हमले को लेकर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बहुत ही सख्त बयान दिया है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर व दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। जनता में यह संदेश जाना चाहिए कि पुलिस पर हमला करने वाले बख्शे नही जाएंगे। लंका थाना क्षेत्र में यह चौथी घटना है जिसमे दारोगा पर हमला हुआ है। सीरगोवर्धनपुर में ज्ञानवापी से ड्यूटी के बाद लौट रहे दारोगा पर हमला कर लूट हुआ। चौकी प्रभारी चितईपुर के ऊपर सफारी सवारों ने हमला किया। इसी दारोगा पर एपेक्स हॉस्पिटल के प्रबंधक से भी गाली-गलौज और दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था और एक बार फिर दारोगा पर हमला समाज मे गलत संदेश दे रहा है।
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