कांग्रेस करे तो राशिलीला और दूसरा करे तो करेक्टर ढीला...
कांग्रेस और कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी की दोगली नीतियां... |
23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने जब मप्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय तक पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग 500 थी तथा केवल 6 लोगों की मृत्यु हुई थी। लेकिन याद करिए कि उस 20-25 मिनट के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के विरुद्ध कांग्रेसी खेमा कितनी बुरी तरह आग बबूला हुआ था, उस समय भोपाल से दिल्ली तक... दिग्गी से राहुल तक... पूरी कांग्रेसी फौज चीख चीखकर यही राग अलाप रही थी कि... देश के सिर पर कोरोना संक्रमण का जानलेवा संकट मंडरा रहा है, लेकिन ऐसे संकट के समय सत्तालोभ में शपथ ग्रहण आयोजित करके भाजपा म प्र की जनता के जीवन को संकट में डाल रही है।
कांग्रेस का वह राजनीतिक विलाप पिछले दो दिनों से बहुत याद आ रहा है। ध्यान रहे कि आज सवेरे तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 13.36 लाख से अधिक हो चुकी है। 31358 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34 हजार के पार हो चुकी है। इसमें एक्टिव कोरोना संक्रमितों की संख्या 9 हजार से अधिक है। 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन पिछले दो तीन दिनों से कांग्रेसी खेमा जयपुर से दिल्ली तक जबर्दस्त हुड़दंग और हंगामा कर रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाओ। इस हुड़दंग के अलावा राजभवन को लाखों की भीड़ से घिरवा देने की धमकी देकर डराने धमकाने तक पर उतारू हो गया है।
पहले 23 मार्च और 25 जुलाई को देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की तुलना कीजिए। तत्पश्चात मात्र 20-25 मिनट में सम्पन्न हुए शिवराज सिंह चौहान के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के खिलाफ तथा कम से कम 20-25 घण्टे तक चलने वाले राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र के आयोजन की मांग के समर्थन में हो रहे कांग्रेसी हुड़दंग और हंगामे की तुलना कीजिए। दोनों तुलनाओं के पश्चात आपको राजनीतिक बेशर्मी बेईमानी मक्कारी धूर्तता और नंगई का इससे निकृष्ट उदाहरण नहीं मिलेगा।
प्रस्तुति:- सतीश मिश्र...
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