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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

खाकी पर आँच आते ही जग गया शासन-प्रशासन का स्वाभिमान


H C अवस्थी, पुलिस महानिदेश उत्तर प्रदेश...
"जाके पाँव न फटे बेवाई, सो का जाने पीर पराई...ये कहावत उस वक्त चरितार्थ होती हैजब बात अपने पर आती है तो दर्द का पता चलता है। कानपुर के बिकरू में भी 2जुलाई को दबिश देने गई पुलिस टीम के साथ वही हुआ तो अब पुलिस प्रशासन सहित उत्तर प्रदेश की कुम्भकर्णी नींद खुली है और विकास दुबे और उसकी पूरी टीम को पुलिस नेस्तनांबूत करने के लिए कमर कस ली है ! काश ! ऐसे आम आदमी के साथ घटना घटने पर भी चेतते तो आज ये दशा न होती..."
देश का अजीब सिस्टम है। पहले अपराध और अवैध कार्य में लिप्त होने की खुली छूट देना, फिर उस पर एक्शन लेना, सिस्टम की पोल खोल कर रख देता है। देश में सिस्टम में बैठे लोग पहले गलत कार्य अपने संरक्षण में करवाते हैं और मामला जब नाक के ऊपर पहुँच जाता है तो उसे दबोचने का ढोंग करते हैं। एक अपराधी इतनी जल्दी कैसे और किस फार्मूले से इतना बड़ा आदमी बन जाता है ? जाहिर सी बात है कि वो सीधे रस्ते से तो नम्बर एक का काम करके बड़ा आदमी नहीं बन सकता। 

हत्यारे का घर और गाड़ियां तोड़े जाने से कांग्रेस क्रोध से उबल गई हैदिग्गज कांग्रेसी नेता और देश के पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कानपुर नरसंहार के मुख्य अपराधी हत्यारे विकास दुबे का खुलकर समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री योगी पर तीखा हमला कर के उनसे पूछा है कि किस कानून के तहत विकास दुबे का घर और गाड़ियां तोड़ी गई हैं ? सलमान खुर्शीद ने कहा है कि पुलिस की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का सबूत है। 

इधर कानपुर एनकाउंटर के मास्टरमाइंड विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे की पत्नी अंजली दुबे का एक बड़ा बयान सामने आया है। अंजली दुबे ने कहा है कि लखनऊ के जिस मकान को पुलिस ने सील किया है, वो मकान उनका है और इस मकान से विकास दुबे का कोई संबंध नहीं है। साथ ही विकास की मां ने मीडिया से बात की है। विकास की मां ने कहा है कि मकान अवैध नहीं है, फिर भी मकान के कागज पुलिस ले गयी है। दरअसल, लखनऊ में विकास दुबे के घर के साथ-साथ उसके भाई के घर की भी जांच करने में एलडीए की टीम जुटी हुई है।

कानपुर में विकास दुबे के किलेनुमा मकान ढहाने के बाद अब पुलिस मकान के मलबे में सुराग तलाश रही है। पुलिस को आशंका है कि 2 जुलाई की रात घटना को अंजाम देने के बाद विकास अपने गुर्गों के साथ मकान के बाई तरफ बंकरनुमा ढांचे भागा होगा। इस मकान का हर कमरा एक-दूसरे से इंटरकनेक्ट है तो कमरे से छत पर जाने और बाहर भागने के लिए एक सुरंगनुमा रास्ते का इस्तेमाल होता था। सवाल उठता है कि पुलिस टीम बिना होम वर्क किये ही कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पहुँच गई थी ! यदि विकास दुबे इतना बड़ा अपराधी है कि उसके खिलाफ 150से अधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं और उसका इतिहास रहा है कि वह इतना हथछुट है कि थाने के अंदर घुसकर दरोगा को भी मारा और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की हत्या कर दी थी

तफ्तीश में जुटी पुलिस को जांच में ये भी पता चला है कि जिस वक्त यूपी पुलिस के जवान विकास के घर दबिश देने पहुंचे थे, उस दौरान जानबूझ कर पूरे गांव की बिजली काट दी गई थी, जिससे अंधेरे का फायदा उठाकर विकास ने इस जघन्य घटना को अंजाम दिया और 8 पुलिसवालों की हत्या कर फरार हो गया। अब पुलिस विजली विभाग के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। वहीं बिजली के कर्मचारियों का कहना है कि उसे थाने से फोन कर कहा गया कि बिकरू गाँव की सप्लाई काट दो ! यानि विकास दुबे का इतना आतंक कि उसके नाम से लोग सिहर जाते हैं। गाँव में किसे कोटा संचालित करना है वो विकास दुबे ही तय करता है। ठेका पट्टा के आवंटन में भी विकास दुबे दखल दिया करता है और बदले में धन कमाता है। तभी तो विकास दुबे जरायम की दुनिया में इतने कम से में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर लिया

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