बड़ा सवाल है कि मोस्ट वांटेड विकास दुबे जिस गाड़ी में सवार था, वह गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई या पुलिस जानबूझकर पलटा दी....
यूपी का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे आखिरकार उसी कानपुर में पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया, जिस कानपुर से उसने खौफ का कारोबार किया. एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी।इसी दौरान एसटीएफ की गाड़ी पलटती है और विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार छीनकर भागने की कोशिश करता है और इसी दौरान पुलिस जवाबी कार्रवाई करती है। जिसमें विकास दुबे मारा जाता है।
संदेह के घेरे में पुलिस की मुठभेड़ वाली स्क्रिप्ट... |
यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह कानपुर की सीमा के अंदर ही इस एनकाउंटर को अंजाम दिया। लेकिन अब इस मुठभेड़ को लेकर कई बड़े सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब यूपी पुलिस को देने हैं।
मोस्ट वांटेड विकास जिस वाहन पर सवार था वो अनियंत्रित कैसे हुआ... |
1- कानपुर की सीमा में आने के बाद एसटीएफ के काफिले की गाड़ी का एक्सीडेंट कैसे हुआ ?
2- पुलिस के अनुसार गाड़ी अधिक रफ्तार से थी इसलिए अनियंत्रित होकर पलट गई। सवाल उठता है कि ये जानते हुए कि गाड़ी में मोस्ट वांटेड शातिर अपराधी बैठा है जिसका सुरक्षित कोर्ट तक सुरक्षित पहुँचना अति आवश्यक रहा। फिर भी गाड़ी अनियंत्रित कैसे हुई ? उस गाड़ी में कितने लोग सवार थे जिस गाड़ी में विकास दुबे सवार रहा ? किन हालात में एक्सीडेंट हुआ ?
3- क्या लगातार भागने वाला विकास दुबे इस हालत में था कि उसने एक्सीडेंट होते ही पुलिस के हथियार छीन लिए और भागने लगा ? जबकि विकास दुबे एक पैर से कमजोर है, उसे पैर में पहले से ही दिक्कत थी ?
4- क्या एसटीएफ ने विकास दुबे को लाते समय सावधानी नहीं बरती जो उसने पुलिस से भिड़ने की हिम्मत जुटाई ?
5- विकास दुबे ने पहले पुलिस पर फायर किए या पुलिस ने उसे रोकने के लिए गोली चलाई ?
6- प्रभात वाले घटनाक्रम से सबक क्यों नहीं लिया गया ?
7- दोनों तरफ से इस एनकाउंटर के दौरान कितने राउंड गोली चली ?
8- जिस विकास दुबे ने खुद उज्जैन में चिल्ला चिल्लाकर मीडिया के सामने गिरफ्तारी दी थी। अचानक शुक्रवार की सुबह उसका मन कैसे बदल गया ?
9- 24 घंटे में पुलिस की एक गाड़ी पंचर हुई और दूसरी गाड़ी पलटी।
10- खुद सरेंडर करने वाला विकास दुबे क्यों एक हथियार लेकर भागने की कोशिश करेगा ?
11- क्या विकास को हथकड़ी नहीं लगाई गई थी ? ना बरती गई सावधानी।
12- आखिर कानपुर आकर ही क्यों भागने लगा था, विकास दुबे ? जब विकास दुबे को भागना ही था तो उसने उज्जैन पहुंचकर महाकाल के मंदिर परिसर में आत्म समर्पण ही क्यों किया ?
13- क्या मुठभेड़ में सीने पर गोली मारी जाती है ? क्या पुलिस का मकसद उसे रोकना नहीं बल्कि जान से मारना था ?
14- इस पूरे एनकाउंटर के बारे में पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी और जवान बोलने से क्यों बच रहे हैं ?
15- पहले चार्टेड प्लेन से लाने की बात पुलिस ने की और बाद में सड़क मार्ग से विकास को लाया गया। क्या ये सब जानबूझकर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा किया गया ?
16- क्या पुलिस और राजनीतिक गठजोड़ की कलई खुलने के डर से दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उत्तर प्रदेश की पुलिस मुठभेड़ दिखाकर पूरे राज को दफ़न कर दिया ?
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