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मंगलवार, 7 जुलाई 2020

कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र की चिट्ठी से पुलिस विभाग के चेहरे से उतर गया नकाब

तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को लिखे पत्र में सीओ देवेन्द्र ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे और एसओ विनय तिवारी की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाते हुए आपराधिक इतिहास बताने के साथ भविष्य की बड़ी वारदात होने की जताई थी,आशंका...

शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र का वो पत्र जो पुलिसिया सिस्टम की उड़ा दी धज्जियाँ, अब बचाव में जाँच ADG जोन कानपुर से कराने के किये जा रहे हैं,दावे...


 तत्कालीन SSP अनंत देव और शहीद हुए CO देवेन्द्र मिश्र और SOविनय तिवारी के बीच हुए पत्राचार पूरे सिस्टम और पुलिस के मुंह पर तमाचा है...
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र की एक चिट्ठी सामने आयी है। सीओ देवेंद्र ने ये चिट्ठी 14 मार्च को एसएसपी को लिखी थी। इस चिट्ठी में सीओ ने विकास दुबे को लेकर SSP को आगाह किया था। साथ ही इस चिट्ठी में सीओ देवेन्द्र ने अपने साथी विनय तिवारी की मिलीभगत का भी ज़िक्र किया था। चिट्ठी मिलने के बाद भी विकास दुबे के खिलाफ कोई एक्‍शन नहीं लिया गया और नतीजा ये हुआ कि विकास दुबे 8 पुलिसवालों की हत्या कर भाग निकला है। बता दें कि सीओ देवेंद्र मिश्र 9 महीने बाद अगले साल मार्च में रिटायर होने वाले थे। वे मूलरूप से बांदा के महोबा गांव के रहने वाले थे। सिपाही से सीओ तक का सफ़र बहुत जाबाज़ी के साथ तय किया। एक सिपाही सामन्यतः सीओ की कुर्सी तक नहीं पहुँच पाता, परन्तु तेज तर्रार सिपाही देवेन्द्र मिश्र सिपाही से सीओ बनकर जो कार्य किया वो इतिहास में अमर हो गया। 

SSP कानपुर रहते अनंत देव की भूमिका संदिग्ध, वर्तमान में STF में DIG पद पर अनंत देव हैं,तैनात...


शहीद होने के बाद बिल्हौर के सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र की चिट्ठी आयी सामने... 
अभियुक्त विकास दुबे के खिलाफ कानपुर और दूसरे जिलों में करीब 150 मुकदमें संगीन मामलों में दर्ज है। हत्या, लूट के अभियोग पंजीकृत होने और उसके द्वारा शिवली थाने में घुसकर हत्या कर देने जैसे अपराध के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के मकसद और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरे द्वारा चौबेपुर के थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया था। जब मेरे द्वारा एक विवेचक से पूछताछ की गई तो विवेचक ने बताया कि थानाध्यक्ष महोदय द्वारा कहे जाने पर धारा हटा दी गई है। इस प्रकार ऐसे दबंग कुख्यात अपराधी के खिलाफ थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति बरतना और अब तक कोई कार्रवाई न करना विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा पूर्णत: संदिग्ध है।

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