Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

बुधवार, 1 जुलाई 2020

फरियादी महिला के सामने हस्तमैथुन करने वाला इंस्पेक्टर भीष्म पाल सिंह हुआ गिरफ्तार

निलंबित निरीक्षक भीष्म पाल सिंह को नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस उपमहानिरीक्षक, गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर द्वारा तत्काल प्रभाव से दिया गया,बर्खास्त...

थाने में हस्तमैथुन करने वाला इंस्पेक्टर भीष्म पाल सिंह यादव...
"यूपी के देवरिया में खाकी को शर्मशार करने वाला 25 हज़ार का इनामिया निलंबित थानाध्यक्ष भीष्मपाल सिंह गिरफ्तार, महिला फरियादी के सामने किया था,हस्तमैथुन। आइए आपको बताते चले कि पूरा मामला क्या है, सूबे के मुख्यमंत्री व गोरखनाथ मठ के पीठाधीश के पड़ोसी जनपद देवरिया के थाना भटनी में कुछ दिनों पूर्व में तैनात एक थानेदार की कारगुजारी ऐसी है जिसे देखने, लिखने व कहने में शर्म आ रही है। लेकिन लिखना तो पड़ेगा ही ऐसे वर्दी वाले बेशर्मो के बारें में..."
 "पीड़िता की आप बीती वीडियों क्लिप सुने और समझे कि आज भी कितने घृणित मानसिकता के लोग समाज में मुँह उठाये और सीना ताने घूम रहे हैं इनका एक ही इलाज है कि समाज से पूरी तरह इनका बहिस्कार..."
सूबे की पुलिस अपनी कारगुजारियों से तो ऐसे ही बदनाम है,परन्तु खाकी वर्दी में इंसान की शक्ल में बैठा शैतान यदि ड्यूटी के दौरान अपनी न सही परन्तु वर्दी की कीमत को समझता जिसके लिए वह सौगंध खाकर उसे धारण किया था। आइए आपको मिलाते हैं एक ऐसे बेशर्म थानेदार से जिसकी कारगुजारी पर आम जनता ही नहीं पुलिस महकमा भी थू-थू कर रहा है। बतौर थानेदार की नौकरी में जिसने न सिर्फ समूचे पुलिस समाज को उसकी जिंदादिली के लिए कलंकित किया है। बल्कि खाकी की वर्दी पहन उसकी अस्मिता को तार-तार किया है। जिसकी गन्दी हरकतों के वायरल वीडियो ने उस कोतवाल के प्रति मन भर गालियां और गुस्से की वो आग तन बदन में लगा दिया है कि यदि मिल जाए तो उसका थोबड़ा लोग बिगाड़ कर रख दें। 

 सूबे के मुखिया योगी बाबा का चरित्रहीन इंस्पेक्टर पर चला डंडा, किया गया पद से बर्खास्त...
खाकी वर्दी पहने अपनी ड्यूटी पर तैनात उस इंस्पेक्टर की नीचता और कुकर्मों की जितनी भर्त्सना की जाये वो कम है। थानेदार की इस बेशर्म, बेहयाई व गंदी हरकत पर उसके परिजनों की भी आंखें शर्म से झुक गयी होगी, लेकिन उस बेशर्म को काश अपने किए पर शर्म आया होता। लाइव अश्लीलता पर सरकार और कानून क्या करेगी वह तो वह ही जाने, लेकिन उसके नापाक हरकत को मजबूरन एक युवती को कैमरे में कैद कर हिम्मत दिखाने का जो कार्य किया है, उसे उसके इस हौसले पर सरकार को इस बेटी को सम्मान देना चाहिए।

देवरिया जिले के भटनी थाना के अंदर का एक विडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वहाँ का थानेदार ऐसी घटिया और घिनौनी अश्लीन हरकत करते हुए दिख रहा है कि स्वस्थ समाज में उसे देखने की हिम्मत कोई सभ्य ब्यक्ति नहीं जुटा सकता यह वायरल वीडियो लगभग 10 दिन पुराना बताया जा रहा है। वायरल वीडियो को अगर ध्यान से सुना जाए तो यह पता चलता है कि थानेदार के आसपास कई लोग बैठे है और यह वीडियो थानाध्यक्ष के चैम्बर का है जो दिन में चोरी से बनाया गया है। 

बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के गांव की युवती अपने ही जमीनी विवाद को लेकर परिजनों के साथ थानेदार के यहां 22 जून को प्रार्थना पत्र लेकर करीब 12 बजे दोपहर थाने पहुँची थी। जहाँ भटनी थानाध्यक्ष भीष्म पाल सिंह यादव अपने कार्यालय में बैठे थे। पीड़िता और उसकी मां अपना प्रार्थना पत्र लेकर कार्यालय में प्रवेश किये तथा अपनी भूमि विवाद के सम्बन्ध में थानाध्यक्ष को बताया । जिसके बाद थानाध्यक्ष ने पीड़िता और उसके माँ को कुर्सी पर बैठने को कहा और पीड़ित के प्रार्थना पत्र को लेकर पढ़ने लगे।इसी दौरान थानाध्यक्ष ने भूमि विवाद के संबंध में पीड़िता से बात करते-करते अश्लील हरकतें करने लगे। 

थानेदार ने युवती को ऐसे जगह बैठाया जिससे वे उसे अपनी मानसिकता से परिचय करा सके। थानेदार वर्दी में मेज की आड़ में बैठ अपने पैंट का जिप खोलकर अपने गुप्तांग को बाहर कर रुमाल या तौलिए की आड़ में सहलाते व दिखाते नजर आए। अपनी घटिया हरकत की करतूत के बहाने वे युवती को तीन दिन लगातार थाने बुलाते रहे। पीड़िता के पत्र पर थानेदार भीष्म पाल तीन दिन तक ऐसे ही घुमाते रहे और कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए। तीनों दिन वर्दी में कुर्सी पर मेज के सामने बैठ कर उस बेहयाई को अंजाम देते रहे। 

पहले व दूसरे दिन थानेदार की उस गंदी हरकत को नजरअंदाज कर जब युवती अपने जमीनी विवाद के मामले में न्याय की फरियाद लगती रही और थानेदार अपनी गंदी करतूत पर जारी रहा तो युवती फिर दूसरे दिन घर चली गयी और उसने तय किया की ऐसे दूषित मानसिकता के लोगों का चेहरा वह जरूर उजागर करेगी। ताकि वर्दी व पुलिस की अस्मिता को ऐसे गंदे कलुषित नागों से बचाया जा सके। पीड़िता न्याय की आंस छोड़ कोतवाल के अन्याय को उजागर करने की नियती से थाने पहुँची और कोतवाल की वही हरकत “हमहू हैं, कोतवाल तो डर काहें का” फिर क्या शर्म से तार-तार एक बेटी ने वह सब किया जो उसको नहीं करना चाहिए। 

इंस्पेक्टर की अश्लीलता का वीडियो पीड़िता ने बनाकर अपने परिवार के अन्य सदस्यों को दिखाया तथा पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति के माध्यम से मोबाईल पर फॉरवर्ड कर दिया, जिसके बाद यह वीडियो अब तेजी से सोशल मिडिया मे पर वायरल हो रहा है। वही इस मामले पर देवरिया के पुलिस कप्तान श्रीपति मिश्र ने बताया कि मामला संज्ञान में है और पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। हांलाकि वर्तमान समय में अश्लीन हरकत करने वाले पूर्व थानाध्यक्ष को कुछ दिन पूर्व कार्य मे लापरवाही बरतने पर निलम्बित कर दिया गया था। उसके खिलाफ भटनी थाने धारा 354(क)/509/166 भादवि का अभियोग पंजीकृत कर विवेचना करायी जा रही है। 

वैसे तो पुलिस की वर्दी ईमानदार से ज्यादा दागदार और बदनाम होती है। लेकिन इस वर्दी को पहने हर शख्स न तो बेईमान होता है और ना दागदार होता है। लेकिन कुछ ऐसे जरूर होते हैं, जिसकी वजह से यह पूरा महकमा बदनाम होता है तथा दागदार होता है। पीड़िता का कहना है कि वे ऐसा सब कुछ नहीं करना चाहती थी। लेकिन मजबूरन उसे यह सब करना पड़ा। जब थाने में बैठे दरोगा ही इस तरह की हरकत करने लगे तो उसे न्याय मिलने से रहा। अब उसकी इज्जत के लाले पड़े तो उसने इंस्पेक्टर के ही इज्जत का जनाजा निकालने की प्रतिज्ञा ले ली। उसने कहा मैं 1 दिन देखी, 2 दिन देखी, तीसरे दिन कहा चलो छोड़ो ऐसे लोगों को, लेकिन अंतिम में उनके इस घृणित कार्य का पर्दाफाश मजबूरन करना पड़ा। 

पुलिस अधीक्षक देवरिया का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। थानेदार पहले भटनी में तैनात था। अब वहां से उसका ट्रांसफर सलेमपुर में किया गया। उसके खिलाफ अश्लील हरकत करने के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है। बाद में जाँच के दौरान उसे निलंबित भी किया गया और उसके खिलाफ जाँच कराई जा रही है। बता दें कि भटनी थाने में फरियाद लेकर पहुँची महिला से अश्लील हरकत करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार हो गया था, जिसकी  गिरफ्तारी के लिये एसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया और आरोपी निरीक्षक भीष्म पाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए जनपद की एसओजी टीम को लगाया गया। जिसके क्रम में आज देर शाम एसओजी टीम द्वारा बस्ती जिले के हरैया के पास से अभियुक्त निलंबित निरीक्षक भीष्म पाल सिंह को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही निलंबित निरीक्षक को इसके नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस उपमहानिरीक्षक, गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर द्वारा तत्काल प्रभाव से उसे पुलिस सेवा से पदच्युत कर दिया गया।

यह वाक्या गोरखपुर से सटे देवरिया जिले के भटनी पुलिस स्टेशन का है। थाने के एसओ भीष्म पाल सिंह के पास एक महिला फरियाद लेकर आती है। आरोप है कि एसओ इस दौरान अपने पैंट की जिप खोलकर हस्तमैथुन करना शुरू कर देते हैं। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो गया है। जरा कल्‍पना कीजिए कि अपनी समस्‍याओं का समाधान कराने के लिए एक महिला फरियादी स्‍थानीय पुलिस थाना पर पहुंचती है। वहां तैनात पुलिसवाले उस महिला से हल्‍की पूछतांछ करने के बाद उसको थाना के प्रभारी इंस्‍पेक्‍टर के कक्ष में भेजते हैं। लेकिन इसके पहले कि वह महिला अपनी फरियाद पूरी तरह बयान भी न कर पाती है कि अचानक कुर्सी पर पैर फैला कर अपनी पैंट की जिप खोलता है और फिर अपना गुप्‍तांग निकाल कर महिला को दिखा-दिखा कर हस्‍तमैथुन करना शुरू कर देता है। वह पुलिस इंस्‍पेक्‍टर करीब ढाई मिनट तक यही गन्‍दगी फैलाता रहता है और वह महिला सहमी हुई सी अपनी बात कहने में हिचकिचाती रहती है। 

जी हां, यह किसी चालू मुम्‍बई फिल्‍म की सस्‍ती पटकथा नहीं है, बल्कि प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के चुनाव क्षेत्र के मंडल स्थित एक जिले में पुलिस की होने वाली हैवानियत और अश्‍लीलतम हरकतों की असली कहानी है। हालत यह है कि पुलिस की कार्यशैली की, जिसकी कुशलता, तत्‍परता और लोक प्रशासन की डींगें एसपी से लेकर डीजीपी और मुख्‍य सचिव भी हांका करते हैं। वह भी तब जबकि यह मामला प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के चुनाव क्षेत्र से सम्‍बन्धित मंडल का ही एक जिला है और गोरखपुर से देवरिया की दूरी महज 45 मील है। ऐसी हालत में जब किसी थाने में कोई पुलिस इंस्‍पेक्‍टर अपने थाना परिसर स्थित अपने सरकारी कक्ष में अपनी समस्‍याओं को लेकर पहुंची महिला के सामने उसकी सुनवाई करने के बजाय उसके सामने अपना गुप्‍तांग का प्रदर्शन करे और उस महिला के सामने ही हस्‍तमैथुन कर अश्‍लील इशारे करना शुरू करे तो फिर बाकी प्रदेश के जिलों में पुलिस का असली चेहरा और उसकी करतूतों को तौलने के लिए किसी तराजू की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें