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शनिवार, 11 जुलाई 2020

आईपीएस अमिताभ ठाकुर का एक दिन पुराना ट्वीट हो रहा वायरल, बताया था कैसे मारा जाएगा गैंगेस्टर विकास दुबे

एक दिन पहले आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने ब्यक्त की थी, अपराधी विकास दुबे के मारे जाने की आशंका, दूसरे दिन उनकी आशंका सच साबित हुई...
 सिस्टम में बैठा एक आईपीएस के सवाल का जवाब क्या योगी सरकार दे पायेगी...
सिस्टम में कुछ नौकरशाह शासन सत्ता के हिसाब से फिट नहीं बैठते तो उन्हें दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक देने की परम्परा रही है। ऐसे ही हैं, आईपीएस अमिताभ ठाकुर ! अमिताभ ठाकुर उस समय सुर्ख़ियों में आये जब अखिलेश यादव की सूबे में सरकार थी और मुलायम सिंह यादव का फोन रिकार्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने वायरल किया और मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखाने के लिए राजधानी लखनऊ में धरने पर बैठ गए। 

 बिकरू का कुख्यात अपराधी विकास और उसका साथी जय वाजपेयी...
आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर सामजिक कार्यकर्ता हैं और हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। नूतन ठोकर जनहित याचिका दाखिल कर जनहित में कार्य करने के लिए जानी जाती हैं और सामाजिक संगठन के जरिये समाज की सेवा करती हैं। उस समय अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगे थे कि विपक्ष के कहने पर शासन सत्ता के खिलाफ अमिताभ ठाकुर ये लड़ाई लड़ रहे हैं जो एक नौकरशाह के लिए ठीक नहीं होता। आईपीएस के पद पर रहते पुलिस विभाग की गोपनीयता भंग करने तक का आरोप लगा। अपनी पत्नी नूतन ठाकुर को आगे करके न्यायपालिका के जरिये अदालत में जनहित याचिका दाखिल कर सरकार को घेरने का कार्य अमिताभ ठाकुर द्वारा किया जा रहा है। अन्य नौकरशाहों की तरह अमिताभ ठाकुर भी किसी राजनीतिक दल में शामिल होकर आगे राजनीति करना चाहते हैं, ऐसे आरोप अमिताभ ठाकुर पर लगते रहे

 योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव/गृह सचिव अवनीश अवस्थी के साथ दुर्दांत अपराधी विकास का साथी जय वाजपेयी की तस्वीर कुछ कह रही है...
काफी दिनों बाद आईपीएस अमिताभ ठाकुर फिर सुर्ख़ियों में हैं। आईएस बार अमिताभ ठाकुर अपनी पुलिस के लिए समस्या खड़ी करते नजर आ रहे हैं। कानपुर के बिकरू का गैंगेस्टर कुख्यात अपराधी विकास दुबे की फरारी से लेकर गिरफ्तारी और उसके बाद उसका एनकाउंटर में मारा जाना यूपी पुलिस पर कई सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। यह सवाल न सिर्फ विपक्ष उठा रहा है, बल्कि कुछ अधिकारी भी उठा रहे हैं और इस एनकाउंटर को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं। ऐसे ही एक अधिकारी हैं, आईपीएस अमिताभ ठाकुर जिनका लगभग एक दिन पुराना ट्वीट विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने इस ट्वीट में बताया था कि विकास दुबे गिरफ्तार हो चुका है और अब वह कैसे मारा जाएगा।

 बसपा के रस्ते भाजपा में जगह बनाकर योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक के साथ कुख्यात अपराधी विकास दुबे की तस्वीर हुई थी वायरल, क्या कहते हैं विकास के ये सम्बन्ध...???
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने गुरुवार को ट्वीट किया था, 'विकास दुबे का सरेंडर हो गया। हो सकता है, कल वह यूपी पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे और पुलिस मुठभेड़ दिखाकर उसे मार गिराया जाए। इस तरह विकास दुबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किंतु मेरी निगाह में असल जरूरत इस कांड से सामने आई यूपी पुलिस के अंदर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है।' अमिताभ ठाकुर के इस ट्वीट को कई लोग रिट्वीट भी कर रहे हैं और यूपी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं। ये सवाल विकास जैसे अपराधियों के पक्ष का नहीं है बल्कि देश की उस न्याय ब्यवस्था के पक्ष का है जिस ब्यवस्था के तहत देश का संविधान बना और ब्यवस्था को संचालित करने के लिए ब्यवस्था का वर्गीकरण किया गया। इस तरह तो स्वयं ब्यवस्था का एक अंग दुसरे अंग का अतिक्रमण किया और न्याय ब्यवस्था के वजूद पर सवाल खड़े कर दिए हैं
आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश अवस्थी से सवाल... 
वहीं अमिताभ ठाकुर ने आज विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद एक और ट्वीट कर पुलिस से सवाल किया है कि जब विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में आत्म समर्पण कर ही दिया था तो उसे मारने की इतनी जल्दबाजी क्या थी ? न्यायालय में उसका पेश होना और उसका इकबालिया बयान होना बहुत जरुरी था ताकि अपराधियों सत्ता में बैठे अपराधियों के नेताओं और विपक्ष में बैठे उसके मददगार सहित नौकरशाही विशेषकर पुलिस महकमें में विकास जैसे दुर्दांत अपराधी की सांठगाँठ की हकीकत जनता भी जानती। परन्तु पुलिस ने कुख्यात अपराधी विकास को मारकर वो राज हर समय के लिए विकास के साथ दफ़न कर दिया। यही कड़वा सच है और यही असल हकीकत है। हर बात के दो पहलू होते हैं। विकास दुबे कुख्यात अपराधी था और वह क्रूरतम से क्रूरतम जघन्य हत्या का आरोपी रहा। फिर भी सवाल तो खड़ा ही होगा कि आखिर विकास दुबे जैसे ब्यक्ति को दुर्दांत अपराधी किस ब्यवस्था ने बनाया ? उस ब्यवस्था के चेहरे को बेनकाब भी तो होना चाहिए। वरना विकास दुबे का अंत नहीं होगा। कल इसी ब्यवस्था द्वारा दूसरा विकास दुबे पैदा होगा

                                   आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की बेबाक बयान आप भी सुने...

सिस्टम में बैठा हुआ कोई आईपीएस अधिकारी यदि सिस्टम की पोल खोल रहा है तो उसे क्या मानना चाहिए गोपनीयता भंग अथवा सिस्टम की खामिया ? ये बात कोई चपरासी और वाचमैन नहीं बल्कि सिस्टम की हर बात को जानने और समझने का माद्दा रखने वाला एक आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर जो अखिलेश सरकार में मुलायम सिंह के धमकी वाला आडियो रिकार्ड वायरल कर अखिलेश यादव की सरकार की चूले हिला दी थी और आज फिर योगी सरकार के पुलिस मुठभेड़ पर सवाल खड़ा करके पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सारे लोगों की बोलती बंद है। किसी के पास कोई जवाब नहीं है सिर्फ कुतर्क है जिसे सभी समाज स्वीकार नहीं करेगा

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