भाजपा का सत्यानाश करके ही दम लेंगे सुनील गोयल, राघवेंद्र शुक्ल और भाजपा जिलाध्यक्ष हरि ओम मिश्र...
भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र शुक्ल... |
सत्तापक्ष के नेताओं की हकीकत देखना हो तो प्रतापगढ़ में इसकी एक झलक देखी जा सकती है। भाजपा के नेता होने का मतलब कि चाहे आप जो करें, परन्तु भाजपा नेताओं के विरुद्ध कोई दरोगा आपकी गिरफ्तारी करने की जहमत मोल न ले। इतना ही नहीं भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र भी न दाखिल करे। यदि कोई दरोगा आरोप पत्र दाखिल करने की हिम्मत करता है तो उसका उस जगह पर रहना ये भाजपाई मुश्किल कर देगें। विश्वास न हो तो 27मई, 2020 को भाजपा के ब्यापार प्रकोषठ के कथित जिला संयोजक सुनील गोयल अपने आधा दर्जन गुंडों के साथ अपने ब्यवसायिक प्रतिष्ठान गोयल फर्नीचार के सामने अनिल शर्मा उर्फ सुलेमानी के घर और दुकान पर धावा बोलकर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया। असफल होने पर अनिल शर्मा और उनके सभी परिवार के लोगों को बुरी तरह मारा पीटा। पुलिस के आने पर मामला शांत हुआ था। दो दिन बाद बहुत हीला हवाली करने के बाद कोतवाली नगर में कथित भाजपा नेता सुनील सहित 6 लोंगो पर मुकदमा लिखा गया। उस समय भी भाजपा के जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र के राघवेन्द्र शुक्ल वाली लॉबी मुकदमा न लिखा जाए इसके लिए नगर कोतवाल पर दबाव बना रहे थे।
भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र और उनकी दबंग टीम जो दरोगा को भी देती है,धमकी... |
पीड़ित अनिल शर्मा पहले विद्यार्थी परिषद् से जुड़ा रहा, जिसके कारण भाजपा में विद्यार्थी परिषद् से जुड़े नेता अनिल शर्मा का समर्थन करने लगे और उसका मुकदमा कोतवाली में दर्ज हुआ। सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो उक्त मुकदमें में पहले भाजपा के कथित नेता 60हजार रूपये देकर फाइनल रिपोर्ट लगाने का ऑफर विवेचना अधिकारी DN यादव को दिया। विवेचना अधिकारी के मना करने पर कथित भाजपा नेता के पैरोकार राघवेन्द्र शुक्ल ताव खा गए और मोबाइल से विवेचना अधिकारी पर अनावश्यक दबाव बनाने लगे। भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल के धमकी वाला आडियो आज वायरल हो गया। भाजपा नेता राघवेन्द्र शुक्ल से इस सम्बन्ध में उनका पक्ष लेने का कई बार प्रयास किया गया, परन्तु उन्होंने अपना फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। भाजपा नेता की बौखलाहट की वजह यह रही कि वो पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ से चौकी इंचार्ज DN यादव को मकन्द्रूगंज से हटवा कर मोहनगंज तो करा दिए, परन्तु कथित भाजपा नेता के मुकदमें की विवेचना में फाइनल रिपोर्ट न लगवा सके। मकन्द्रूगंज चौकी से मोहनगंज जाने के पहले विवेचना अधिकारी DN यादव ईमानदारी पूर्वक कथित भाजपा नेता सुनील गोयल के खिलाफ आरोप पत्र सीओ सिटी के यहाँ दाखिल करते गए।
विवेचना अधिकारी DN यादव, जिसे भाजपा नेता दे रहे हैं,धमकी... |
"कोई बताएगा कि राघवेंद्र शुक्ल अपनी फजीहत सुनील गोयल जैसे बहुरूपिये के लिए क्यों करा रहे हैं ? राघवेंद्र शुक्ल की ऐसी कौन सी कमी सुनील गोयल ने पकड़ ली है ? क्या सुनील गोयल और राघवेंद्र शुक्ल का ब्यवसाय सेम हो चुका है ? बिकरु का विकास दुबे ऐसे ही राजनीतिक संरक्षण से इतना बड़ा दुर्दांत अपराधी बन गया कि पूरे पुलिस महकमें और शासन सत्ता के लिए सिरदर्द बन गया था। सुनील गोयल को भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र और मीडिया प्रभारी राघवेन्द्र शुक्ल क्या विकास दुबे बनाने के लिए तत्पर हैं..."
भाजपा नेताओ का यही है दोहरा चरित्र । सवाल उठता है कि भाजपा के कथित ब्यापारी नेता सुनील गोयल और भाजपा मीडिया प्रभारी और सदर विधायक राज कुमार पाल के ऑफ द रिकार्ड प्रतिनिधि राघवेंद्र शुक्ल के सम्बंध क्या हैं ? सुनील गोयल जिनके ऊपर आधा दर्जन से अधिक बड़ी वारदात को अंजाम देने के विरुद्ध अपराध सिर्फ कोतवाली नगर में दर्ज है। यही नहीं सभी में पुलिस द्वारा आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। अभी अलीगंज लखनऊ में सुनील गोयल पर एन आई एक्ट-1881 के तहत चेक बाउंस होने पर अपराध संख्या- 785/16 के तहत धारा- 138 भी मुकदमा दर्ज हुआ था। उक्त मामले में दबिश देने आई लखनऊ की पुलिस के साथ चौकी इंचार्ज रहे DN यादव का दबिश में साथ जाना भी भाजपा के अकड़बाज नेताओ को नागवार लगा था। सुनील गोयल तो सत्तापक्ष की चाटुकारिता करके अपना ब्यवसाय फलने फूलने के लिये भाजपा में आया है,परन्तु राघवेंद्र शुक्ल भी क्या धन कमाने के लिए सत्तापक्ष का दामन थामा है।
सही बात तो ये है कि प्रतापगढ़ शहर का कोई भी ब्यापारी सुनील गोयल को ब्यापारी नेता नहीं मानता। रहा सवाल राघवेंद्र शुक्ल का तो वो भी मूलतः सरकारी ठेके से आज बड़े आदमी बने हैं। कभी भाजपा के प्राथमिक सदस्य भी नहीं थे। परन्तु योगी सरकार में भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर हरिओम मिश्र के आसीन होते ही भाजपा के कोषाध्यक्ष पद पर राघवेंद्र शुक्ल काबिज हो गए। राघवेंद्र शुक्ल भाजपा के जिलाध्यक्ष हरि ओम मिश्र को अपने चंगुल में फंसा लिये हैं। सुनील गोयल को यही राघवेंद्र शुक्ल ब्यापार प्रकोष्ठ जिला संयोजक के पद पर काबिज कराया और सुनील गोयल के बाबागंज वाले होटल में भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की पूरी ब्यवस्था सुनील गोयल से दिलाया। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र जी यदि प्रतापगढ़ शहर भाजपा के कार्यालय आते हैं तो जितना समय भाजपा कार्यालय पर देते हैं, उससे अधिक समय राघवेन्द्र शुक्ल के यहाँ दरबार करते हैं। भाजपा की एक विंग इसका विरोध करती है, परन्तु "सैंया भयेन कोतवाल तो डर काहें का..." अब लोग जानना चाहते हैं कि सुनील गोयल और राघवेंद्र शुक्ल के रिश्ते क्या हैं जो उनके लिये राघवेंद्र शुक्ल दरोगा तक को धमका रहे हैं...???
अब भा० ज० पा० मे पुराने कार्यकर्ताओ को कौन पूछता है अन्य दलो से आये हुए लोग अब भा० जा० पा० के नेता पदाधिकारी हो गये है परन्तु उनकी मानसिकता पुरानी पार्टी.वाली ही है ये कभी भी पार्टी के प्रति वफादार नही हो सकते
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जवाब देंहटाएंऐसे लोग सत्ता तक ही साथ रहते हैं ! सिर्फ मलाई खाने के लिए !
ऎसी स्थिति मे विवेक पान्डेय जी को अध्यक्ष बना देना चाहिए
जवाब देंहटाएंभाजपा का भी चरित्र बदल गया है। अटल जी वाली भाजपा नहीं रही अब तो अमित शाह और मोदी जी नए युग की नई भाजपा बना चुके है जो सत्ता के लिए सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
जवाब देंहटाएंभाजपा का भी चरित्र बदल गया है। अटल जी वाली भाजपा नहीं रही अब तो अमित शाह और मोदी जी नए युग की नई भाजपा बना चुके है जो सत्ता के लिए सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
जवाब देंहटाएंभाजपा का भी चरित्र बदल गया है। अटल जी वाली भाजपा नहीं रही अब तो अमित शाह और मोदी जी नए युग की नई भाजपा बना चुके है जो सत्ता के लिए सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
जवाब देंहटाएंभाजपा का भी चरित्र बदल गया है। अटल जी वाली भाजपा नहीं रही अब तो अमित शाह और मोदी जी नए युग की नई भाजपा बना चुके है जो सत्ता के लिए सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
जवाब देंहटाएंB.J.p.ko badnaam karne wale in sabhi ko koibhi ho Bahar ka rashta dikhao..BJP bachao.
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