चेहरे की सुंदरता से अधिक महत्वपूर्ण है,व्यवहार की सुंदरता...
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ब्यवहार की कसौटी... |
युवक ने कहा - उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।
गुरु जी ने पूछा - वह लड़की की आगे बढ़ गयी तो क्या पीछे मुड़कर भी देखोगे ?
लड़के ने कहा - हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है तो। (सभा में सभी हँस पड़े)
गुरु जी ने फिर पूछा - जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?
युवक ने कहा 5 - 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।
गुरु जी ने उस युवक से कहा - अब जरा सोचिए...
आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना। आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा तो आपको पता चला कि ये तो किसी अरबपति का आलीशान बंगला हैं। घर के बाहर 10 गाड़ियाँ और 5 चौकीदार खड़े हैं। आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई तो वे महानुभाव खुद बाहर आए और आप से पैकेट ले लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठकर गरम खाना खिलाया। जाते समय आप से पूछा - किसमें आए हो ? आपने कहा- लोकल ट्रेन में। उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया - भैया, आप आराम से पहुँच गए। अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?
युवक ने कहा - गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते...
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इंसान की पहचान उसकी वाणी और उसके द्वारा किया जाने वाला ब्यवहार होता है... |
"गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा "यह है, जीवन की हकीकत।" "सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।" बस यही है, जीवन का गुरु मंत्र।अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज़्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दे। जीवन आनंददायक बन जाएगा..."
कुछ पंक्तियां व्यक्तित्व से जुडी हुई ...
हुस्न का गुरूर देखे कब तक दिखाओगे,
बुढ़ापे की झूरियों को क्या तुम जवानी बताओगे,
अरे जाओ तुम क्या खूबसूरती के बारे में कहते हो,
हुस्न के गिरफ्त में कुछ इस कदर खोए हो,
सितारों को तुम क्या चाँद बताओगे।
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