बजट खपाने के लिए जिला प्रशासन प्रतापगढ़ द्वारा मनमानी तरीके से बैरिकेडिंग कराई जा रही है,ताकि बाद में बजट से खारिज किया जा सके धन...
प्रतापगढ़ जिला प्रशासन का तुगलकी फरमान कहीं 250मीटर तो कहीं 500मीटर तो कहीं 1000मीटर का बनाया गया है,मापदंड...
सभासद मालती सिंह के पति एवं कृषि विभाग के अवकाश प्राप्त इंस्पेक्टर रमेश प्रताप सिंह... |
प्रतापगढ़ कोतवाली नगर के विवेक नगर मोहल्ले में कल एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला था। आज हॉट स्पॉट बनाने के लिए पंचमुखी मंदिर तिराहा पर जिला प्रशासन ने मानक के दरकिनार करते हुए जो बैरिकेडिंग लगवाया वो जिला प्रशासन की कार्य प्रणाली पर असंतोष ही नहीं बल्कि प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है। वर्तमान हॉट स्पॉट की जो गाइड लाइन उत्तर प्रदेश शासन ने जारी किया है उसके मुताविक कोरोना संक्रमण केस जिस स्थल पर मिले उस स्थल से सिर्फ 250मीटर की परिधि में हॉट स्पॉट क्षेत्र बनाया जाएगा।
पल्टन बाजार पंचमुखी मंदिर चौराहा के पास पल्टन बाजार जाने वाले मोड़ पर है जिला प्रशासन जबरन हॉट स्पॉट बनाकर बैरिकेटिंग कराकर तानाशाही रवैया अख्तियार किया है, जबकि पंचमुखी मंदिर से कोरोना संक्रमित मरीज का घर 1किमी दूर है। सभासद मालती सिंह के पति एवं कृषि विभाग के अवकाश प्राप्त इंस्पेक्टर रमेश प्रताप सिंह ने जिला प्रशासन के इस रवैये का पुरजोर विरोध किया है। उनका स्पष्ट मत है कि कोरोना संक्रमण काल में जनता का विशेष ख्याल रखने के बजाय प्रतापगढ़ का जिला प्रशासन योगी सरकार में बनाये गए मानक की धज्जियाँ उड़ाकर जनता में बिना कोरोना संक्रमण मिले ही विवेक नगर में मिले कोरोना संक्रमण के मरीज की वजह से पल्टन बाजार में हॉट स्पॉट एरिया बनाकर भय ब्याप्त कर रहा है,जो किसी भी रूप में ठीक नहीं है।
पल्टन बाजार की सभासद और कोरोना संक्रमण निगरानी समिति की अध्यक्ष मालती सिंह... |
" इतिहास में तुगलक की शासन नीति पढ़ी थी,परन्तु योगी राज में प्रतापगढ़ जिला प्रशासन उस तुगलक नीति का एहसास करा दिया। शहर में कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन की गुंडई की चर्चा चारो तरफ हो रही है। सच में असल गुंडा कोई है तो शासन व प्रशासन ही है। इसका भी लोग इस कथित लोकतंत्र में अच्छे से एहसास कर लिया है। चूँकि शासन-प्रशासन के विरुद्ध किसी की मजाल नहीं कि दो शब्द बोल सके। नगरपालिका पल्टन बाजार वार्ड की सभासद मालती सिंह ने 250 मीटर के स्थान पर 700 मीटर दूर बनाये गए मानक के विपरीत हॉट स्पॉट पर कड़ा विरोध जताया है। जिला प्रशासन पर महामारी अधिनियम की आड़ में आम जनता को जबरन हॉट स्पॉट क्षेत्र में रहने के लिए बाध्य किया है। ऐसा आरोप पल्टन बाजार की सभासद और कोरोना संक्रमण निगरानी समिति की अध्यक्ष मालती सिंह ने जिला प्रशासन पर लगाया है। कहने और सुनने के लिए प्रत्येक सभासद को कोरोना संक्रमण निगरानी समिति का वार्ड अध्यक्ष बनाया गया है। परन्तु सभासद को पता ही नहीं जिला प्रशासन उनके वार्ड में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कब और कहाँ माप करता है और मनमानी तरीके से हॉट स्पॉट क्षेत्र घोषित कर देता है और अपनी तानाशाही दिखाते हुए जबरन बैरिकेडिंग भी करा देता है..."
पंचमुखी मंदिर चौराहा पल्टन बाजार मोड़ पर मानक के विपरीत जिला प्रशासन अपने तानाशाही रवैया अख्तियार कर जबरन लगवाया हॉट स्पॉट बैरियर... |
पल्टन बाजार में भारत मेडिकल स्टोर के परिवार की जिस महिला को कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह जिला अस्पताल में ईलाज के दौरान मृत हुई थी और कई दिन सदर मोड़ स्थित रूमा हॉस्पिटल में भर्ती होकर उसका ईलाज हुआ था। हॉट स्पॉट सिर्फ पल्टन बाजार सब्जी मंडी किया गया। बाकी खोल कर रखा गया। सबसे मजेदार बात ये है कि इस हॉट स्पॉट क्षेत्र में सब्जी वाले, फल वाले, किताब कॉपी की दुकान वाले, मेडिकल स्टोर वाले और कपड़े के ब्यवसाई रहते हैं। सभी हॉट स्पॉट एरिया के बाहर दुकान का संचालन बिना रोक टोक कर रहे हैं। जबकि हकीकत में जो सरकार नियमावली बनाई है वो ये है कि हॉट स्पॉट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बाहर निकलना मना है। सारे हॉट स्पॉट एरिया में जिला प्रशासन होम डिलीवरी कराना है। परन्तु जिला प्रशासन ऐसा कुछ भी नहीं कर रहा है। सिर्फ बजट को हजम करने में लगा है। दोनों हाथों से कोरोना महामारी बजट को लूट रहा है,जिला प्रशासन। यही हकीकत है।
कटरा रोड़ पर सीएमओ डॉ ए के श्रीवास्तव के आवास पर उनके बेटे को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद हॉट स्पॉट का निर्धारण तीन दिन बाद किया गया था। पद का दुरुपयोग करते हुए सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने कोरोना संक्रमित बेटे को बुलाकर कटरा रोड़ स्थित अपने सरकारी आवास में रखा। उनसे कोई पूँछने वाला नहीं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया ? सीएमओ के इस कृत्य से कटरा रोड़ के लोग आज सफर कर रहे हैं। स्वयं सीएमओ साहेब बेटे के कोरोना संक्रमण रिपोर्ट आने के 4 दिन बाद तक क्वारंटीन नहीं हुए थे। सुबह-शाम सीएमओ दफ्तर जाकर कार्य करते थे, जिससे स्वास्थ्य महकमें के लोग डरे हुए थे। बड़ी जद्दोजहद के बाद सीएमओ साहेब क्वारंटीन हुए। सीएमओ आवास से 250 मीटर परिधि में हॉट स्पॉट क्षेत्र बनाया गया और उस परिधि में रहने वाले लोग बाहर आकर सब्जी, फल, मेडिकल सहित अन्य ब्यवसाय कर रहे हैं। जिला प्रशासन उस पर चुप्पी साध रखा है।
जिला अस्पताल में पल्टन बाजार की बृद्ध महिला की ईलाज के दौरान मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग के काबिल लोग परिजनों को उस बृद्ध महिला का शव बिना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आये ही दे दिया। बाद में उस मृत महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब जाकर स्वास्थ्य महकमें की कुम्भकर्णी नींद खुली थी। मजेदार बात ये रही कि उस बृद्ध महिला के जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए। उस गलती को प्रशासन ने एहसास तक नहीं किया। यहाँ तक दिखाने के लिए एक अदद मुकदमा तक कोतवाली में दर्ज नहीं किया गया। दो दिन बाद उसी घर में एक दो वर्ष की छोटी बच्ची कोरोना संक्रमित मिली थी। फिर दो दिन बाद एक युवक को कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। स्वास्थ्य विभाग के लोग उसके घर पहुँचे और जल्दबाजी में उसके भाई को लालगंज कोविड-19 अस्पताल उठा ले गए। कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें द्वारा बरती जा रही लापरवाही की बात करें प्रतापगढ़ की जनता इनके भरोसे जीवित नहीं है उसे भगवान ही जिंदा रखा है। इनके कार्यों से तो अब डर लगने लगा है। तंत्र यानि सिस्टम फेल होता नजर आ रहा है।
कटरा रोड़ पर सीएमओ डॉ ए के श्रीवास्तव के आवास पर उनके बेटे को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद हॉट स्पॉट का निर्धारण तीन दिन बाद किया गया था। पद का दुरुपयोग करते हुए सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ ए के श्रीवास्तव ने कोरोना संक्रमित बेटे को बुलाकर कटरा रोड़ स्थित अपने सरकारी आवास में रखा। उनसे कोई पूँछने वाला नहीं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया ? सीएमओ के इस कृत्य से कटरा रोड़ के लोग आज सफर कर रहे हैं। स्वयं सीएमओ साहेब बेटे के कोरोना संक्रमण रिपोर्ट आने के 4 दिन बाद तक क्वारंटीन नहीं हुए थे। सुबह-शाम सीएमओ दफ्तर जाकर कार्य करते थे, जिससे स्वास्थ्य महकमें के लोग डरे हुए थे। बड़ी जद्दोजहद के बाद सीएमओ साहेब क्वारंटीन हुए। सीएमओ आवास से 250 मीटर परिधि में हॉट स्पॉट क्षेत्र बनाया गया और उस परिधि में रहने वाले लोग बाहर आकर सब्जी, फल, मेडिकल सहित अन्य ब्यवसाय कर रहे हैं। जिला प्रशासन उस पर चुप्पी साध रखा है।
जिला अस्पताल में पल्टन बाजार की बृद्ध महिला की ईलाज के दौरान मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग के काबिल लोग परिजनों को उस बृद्ध महिला का शव बिना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आये ही दे दिया। बाद में उस मृत महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब जाकर स्वास्थ्य महकमें की कुम्भकर्णी नींद खुली थी। मजेदार बात ये रही कि उस बृद्ध महिला के जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए। उस गलती को प्रशासन ने एहसास तक नहीं किया। यहाँ तक दिखाने के लिए एक अदद मुकदमा तक कोतवाली में दर्ज नहीं किया गया। दो दिन बाद उसी घर में एक दो वर्ष की छोटी बच्ची कोरोना संक्रमित मिली थी। फिर दो दिन बाद एक युवक को कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। स्वास्थ्य विभाग के लोग उसके घर पहुँचे और जल्दबाजी में उसके भाई को लालगंज कोविड-19 अस्पताल उठा ले गए। कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें द्वारा बरती जा रही लापरवाही की बात करें प्रतापगढ़ की जनता इनके भरोसे जीवित नहीं है उसे भगवान ही जिंदा रखा है। इनके कार्यों से तो अब डर लगने लगा है। तंत्र यानि सिस्टम फेल होता नजर आ रहा है।
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