झूठ की विसात पर सजकर रह गई केजरीवाल की दुकान...
➤सतीश मिश्र...
यदि दिल्ली से आपका परिचय पुराना है तो आपको निश्चित रूप से यह ज्ञात होगा कि दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) की गणना देश के श्रेष्ठतम अस्पतालों में की जाती थी। यह कोई बहुत पुरानी बात नहीं है। दिसंबर 2013 में दिल्ली की सत्ता से शीला दीक्षित की विदाई तक यही स्थिति थी.लेकिन आज इंडिया टीवी पर उसी अस्पताल की जो और जैसी हालत देखी उसे देख कर वास्तव में दिल दहल गया। सबसे मुख्य बात यह है कि जब एलएनजेपी सरीखे अस्पताल की ऐसी दुर्गति कर चुका है केजरीवाल तो अन्य समान्य अस्पतालों की हालत क्या होगी ? इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।
➤सतीश मिश्र...
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल... |
आज पहली बार लिख रहा हूं, इससे पहले कभी नहीं लिखा...
दिल्ली में केवल 4 महीने पहले जिस जिस ने भी केजरीवाल को वोट दिया है वो प्रत्येक व्यक्ति आज दिल्ली में कोरोना संक्रमण बनकर नाच रही मौत और उससे बचने के लिए ईलाज की खोज में भटक रहे हज़ारों लोगों की दर्दनाक हालत के लिए बराबर का जिम्मेदार है। ध्यान रहे कि दिल्ली के अस्पतालों की यह दुर्दशा केवल पिछले 4 महीनों में नहीं हुई। आज की तारीख में दिल्ली में 18543 एक्टिव कोरोना संक्रमितों की संख्या भी इतनी बड़ी नहीं कि दिल्ली जैसे महानगर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाए। आज दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति यह बता रही है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान शासन करने के नाम पर दिल्ली के साथ कैसा क्रूर मज़ाक किया गया है। 5 वर्षों तक यह सब देखने सुनने झेलने के बावजूद जिन्होंने 500-1000 रुपये की फ्री बिजली पानी के लिए केजरीवाल को वोट दिया था, उसकी कीमत उन्हें आज अपने सिर पर कोरोना संक्रमण बनकर नाच रहे मौत के भय से चुकानी पड़ रही है।
यदि केन्द्र सरकार के 7 अस्पताल ना होते तो कल्पना कीजिए कि दिल्ली की स्थिति और कितनी भयावह हो चुकी होती। दिल्ली की इस भयावह स्थिति के लिए वो एंकर एडीटर रिपोर्टर भी जिम्मेदार हैं जो केवल 4 महीने पहले तक दिल्ली समेत पूरे देश की आंखों में यह कह कर धूल झोंकने में जुटे हुए थे कि अस्पतालों की तो बात छोड़िए केजरीवाल ने दिल्ली में विश्वस्तरीय मोहल्ला क्लीनिक बना कर दिल्ली की चिकित्सा व्यवस्था की श्रेष्ठता से पूरी दुनिया को चौंका दिया है। पूरी दुनिया में आज केजरीवाल की चिकित्सा व्यवस्था का डंका बज रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वो एंकर एडीटर रिपोर्टर भी आज अपने गिरेबान में झांकेंगे कि कितने जघन्य पाप में वो केजरीवाल के मददगार बने हुए थे।
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