प्राइवेट हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान मिठाई लाल ने तोड़ा दम...
एक दिन पहले आधी रात प्रतापगढ़ के रानीगंज थाने के भीतर मनोरोगी अचानक हमलावर हो गया। पूरा वाकया सीसीटीवी में कैद हुआ, जो पूरी कहानी बयां कर रहा है। थाने में सो रहे आरोपी मिठाई लाल पर अचानक फावड़े से हमला होते ही मिठाई लाल और उसके बगल सो रहे उसके भाई भतीजों ने फावड़े को पकड़ लिया। लेकिन तब तक तीन वार पेट पर पड़ चुका था। थाने का मुंशी तुरंत कूदकर हमलावर मनोरोगी को काबू करने लगा तब तक बरामदे में रहे पुलिसकर्मी भी पहुँच गए और मनोरोगी को धर दबोचा,परन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घायल मिठाई लाल को पुलिस तत्काल प्रभाव से जिला अस्पताल लेकर पहुँची जहाँ से डॉक्टरों ने उसे गंभीर दशा में देखते हुए SRN प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया। परन्तु घायल मिठाई लाल के पेट में फावड़े के तीन वार से उसकी आंत पूरी तरह से फट चुकी थी। हालांकि बाहर से कोई गहरा जख्म नहीं नजर आ रहा था, सिवाय फावड़े के निशान नजर आ रहे थे।
ईलाज के दौरान मिठाई लाल की हुई मौत... |
"नहीं थम रहा प्रतापगढ़ में अपराध का सिलसिला अभी देर शाम प्रतापगढ़ के पट्टी सर्किल में गोविंदपुर गाँव का जायजा लेकर आईजी जोन प्रयागराज के लिए निकले थे। प्रयागराज पहुँचने के बाद रानीगंज से दूसरी बड़ी वारदात घटित हो गई वो भी पुलिस अभिरक्षा में...तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह और पूर्व में प्रतापगढ़ में दो बार रहे पुलिस अधीक्षक प्रेम प्रकाश जो वर्तमान में पुलिस अपर निदेशक, प्रयागराज जोन में तैनात किये गए हैं और प्रयागराज में आईजी जोन के पद पर भी तैनात रह चुके हैं, फिर भी प्रतापगढ़ में अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। पुलिस के आलाधिकारी भी हैरान व परेशान हैं कि प्रतापगढ़ में अपराध पर कैसे काबू पाया जाए..."
जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ द्वारा गंभीर परिस्थितयों को देखते हुए SRN प्रयागराज के लिए केस रेफर की जाती है परन्तु SRN प्रयागराज की दशा इतनी ख़राब है कि वहाँ सिर्फ औपचारिकता ही पूरी हो पाती है। जैसे प्रतापगढ़ का जिला चिकित्सालय वैसे प्रयागराज का SRN हॉस्पिटल जो मोतीलाल नेहरु मेडिकल कालेज के चिकित्सकों द्वारा संचालित होता है। स्थिति इतनी ख़राब है कि SRN हॉस्पिटल के सभी चिकित्सक प्रयागराज के निजी अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं और जितनी रेफर केस अन्य जिलों से पहुँचती है उन्हें उनकी इच्छा के मुताविक प्राइवेट अस्पताओं में भेज कर यही सरकारी चिकित्सक मोटी फीस लेकर देखा करते हैं। प्राइवेट अस्पतालों का भी डेली बिल का मीटर तेजी से चलता है।
बड़ा सवाल ये है कि पुलिस द्वारा मिठाई लाल को जिला अस्पताल प्रतापगढ़ लाया गया और जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के चिकित्सकों द्वारा जब SRN हॉस्पिटल प्रयागराज रेफर किया गया तो वह पुलिस अभिरक्षा में एक निजी अस्पताल में कैसे पहुँच गया ? चूँकि मिठाई लाल की मौत एक निजी अस्पताल में होने की सूचना है। इससे तय हो गया कि प्रतापगढ़ की पुलिस पहले थाने के अंदर घटित घटना को पचाने का प्रयास किया और जब मिठाई लाल की मौत हो गई तो मामला खुल गया। दूसरी बात ये भी सिद्ध हो गई कि पुलिस को पता था कि SRN हॉस्पिटल प्रयागराज में ईलाज की ब्यवस्था बहुत खराब है सो मिठाई लाल को बचाने के लिए प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने का प्रयास किया गया।
बड़ा सवाल ये है कि पुलिस द्वारा मिठाई लाल को जिला अस्पताल प्रतापगढ़ लाया गया और जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के चिकित्सकों द्वारा जब SRN हॉस्पिटल प्रयागराज रेफर किया गया तो वह पुलिस अभिरक्षा में एक निजी अस्पताल में कैसे पहुँच गया ? चूँकि मिठाई लाल की मौत एक निजी अस्पताल में होने की सूचना है। इससे तय हो गया कि प्रतापगढ़ की पुलिस पहले थाने के अंदर घटित घटना को पचाने का प्रयास किया और जब मिठाई लाल की मौत हो गई तो मामला खुल गया। दूसरी बात ये भी सिद्ध हो गई कि पुलिस को पता था कि SRN हॉस्पिटल प्रयागराज में ईलाज की ब्यवस्था बहुत खराब है सो मिठाई लाल को बचाने के लिए प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने का प्रयास किया गया।
थाने के अंदर फावड़े से मिठाई लाल के ऊपर वार करने की पूरी वारदात की सीसीटीवी फुटेज में हुई कैद...
ऐसा करने के पीछे सिर्फ और सिर्फ उन पकड़े गए आरोपियों से धन वसूली करना होता है। रानीगंज थाने के अन्दर में मिठाई लाल के साथ जो घटना घटित हुई वो भी पुलिस के उसी निम्मेपन का नतीजा रहा। दो दिन पहले रानीगंज थाने में अन्य आरोपी जब गहरी नींद में थे और थाने का मुंशी फाइलों में उलझा था और एक सशस्त्र सिपाही निगरानी करके जैसे ही बाहर निकला कि इंद्रपाल उठा और गमछे को मेज पर रखते हुए फावड़ा उठा लिया और ताबड़तोड़ तीन वार कर दिया। सवाल उठता है कि आखिर थाने के अन्दर दफ्तर में फावड़ा कहाँ से आ गया ? यदि रानीगंज की पुलिस सभी आरोपियों को लॉकप में बंद कर रखती तो मिठाई लाल आज जिन्दा होते ! इस घटना के बाद रानीगंज थाने में आरोपी पर हमले के मामले को एसपी ने लिया संज्ञान। सीओ रानीगंज, इंस्पेक्टर रानीगंज के शिथिल पर्यवेक्षण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी को सौंपी गई तो वही फौरी तौर पर कांस्टेबल राजेश कुमार, हेड कांस्टेबल राजितराम गुप्ता और कांस्टेबल शिवम खरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
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