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बुधवार, 10 जून 2020

योगी राज में कथित भाजपा नेता कर रहा है जबरन जमीन और मकान पर कब्जा

27मई को कथित भाजपा नेता सुनील गोयल अपने आधा दर्जन सदस्यों वाले गिरोह के साथ जमीन व मकान कब्जाने की कोशिश में असफल होने पर की थी,जमकर मारपीट। मारपीट का वीडियो हुआ था,वायरल। फिर भी पुलिस हाथ पर हाथ रखकर किसी बड़ी घटना का कर रही है,इंतजार...
कथित भाजपा नेता के विरुद्ध वादी मुकदमा अनिल कुमार ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कोतवाली नगर में दर्ज मुकदमें में वादी की तहरीर के मुताविक धारा न लगाए जाने का लगाया आरोप...

कचेहरी रोड़ पर कथित भाजपा नेता सुनील गोयल गिरोह का तांडव... 
सत्ता का गुरुर भी अजीब होता है बस उसका भूत सिर पर सवार भर हो जाए प्रतापगढ़ में भाजपा नेताओं की कोई कमी नहीं है, एक से बढ़कर एक धुरंधर नेताओं की भरमार है। अक्सर देखा गया है कि सत्ता जिस दल की होती है, उस दल में नेताओं की बाढ़ आ जाती है। आज भाजपा की स्थिति वही है। भाजपा में बैश्य जाति और ब्यवसायिक लोगों का जुड़ाव पहले भी था,परन्तु बदलते दौर में अब ब्यवसायिक लोग भी सफ़ेदपोश अपराधियों की देखादेखी वो भी जमीन और मकान कब्जाने में पीछे नहीं रहे। ऐसा ही एक ब्यवसायिक ब्यक्ति है सुनील गोयल जो किसी नटवरलाल से अपने को कम नहीं आंकता। कचेहरी रोड़ शहर प्रतापगढ़ में फर्नीचर के ब्यवसाय से सर्व शिक्षा अभियान में उत्तर प्रदेश के सचिव रहे आईएएस जितेन्द्र कुमार के साथ सम्बन्ध बनाकर कई जिल्रे में फर्नीचर की सप्लाई का काम लिया और उससे बड़ा आदमी बन गया। वर्ष-2012 में शहर के हॉट प्लेस बाबागंज में एक बिल्डिंग का निर्माण किया और उसमें आर्यन रेस्टोरेंट और होटल गोयल रेजीडेंसी बनाकर ब्यवसाय करना शुरू किया। 

कहते हैं जब पाप अधिक हो जाता है तभी किसी के घर या दुकान में आग लगती है वर्ष- 2015 में 18 जून की रात में कथित भाजपा नेता सुनील गोयल के होटल गोयल रेजीडेंसी में आग लगी और 10लोग जल मरे थे। दो दर्जन लोग बुरी तरह घायल भी हुए थे। सुनील गोयल उस मामले में जेल में भी गए थे,परन्तु उस घटना के बाद भी उसकी अकड़ कम न हुई। होटल का पुनः संचालन के लिए सुनील गोयल भाजपा में शामिल हुआ और वर्तमान जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र से नजदीकी सम्बन्ध बनाकर रतन जैन को हटाकर ब्यापार प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बन बैठा। अपने होटल का नाम बदल अपने बेटे के नाम होटल सत्यम और रेस्टोरेंट का नाम जिंजर कर ग्राहकों को लूटने के लिए एक बार फिर से सुनील गोयल मैदान में उतरे। इस बार सत्ताधारी नेताओं को सुविधा देकर अपने होटल में उन्हें रोककर जिला प्रशासन और आम जनता को ये जताना चाहे कि अभी भी सुनील गोयल की जगलरई कम नहीं हुई है। वो भी अब तेल पानी लगाकर बड़का नेता बन चुका है। इसकी शुरुवात विधानसभा चुनाव-2017 से सुनील गोयल करना शुरू किया जो लोकसभा चुनाव में जाकर सफलता अर्जित कर लिया। पहले भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र से नजदीकियां बढ़ाया और उसके बाद भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता से गठजोड़ किया। परन्तु ये गठजोड़ अधिक दिनों तक न टिक सका। फिर भी सत्ताधारी दल के नेताओं के नाम पर अब सुनील गोयल प्रतापगढ़ शहर में गरीब, कमजोर व असहाय की जमीन कब्जाने का काम शुरू किया है। 

प्रतापगढ़ कचेहरी रोड़ पर दिन दहाड़े हॉट स्पॉट जोन में पूरे परिवार को कथित सत्ताधारी नेता सुनील गोयल अपने आधा दर्जन सदस्यों वाले गिरोह के संग उसके मकान व दुकान को कब्ज़ा करने का प्रयास किया और जब सफलता नहीं मिली तो जमकर तांडव किया। सुनील गोयल के तांडव से पिट रहे परिवार को छुड़ाने की हिम्मत किसी की नहीं हुई। लोग खड़े होकर सिर्फ तमाशा देख रहे थे सूचना पर जब डायल UP-112 की फोर्स मौके पर पहुँची तो अगल-बगल के लोग भी पहुँच कर पिट रहे अनिल कुमार और उसके परिवार वालों को छुड़ाया। फिर अनिल कुमार अपने माता-पिता और पत्नी के साथ कोतवाली नगर गए और पुलिस को आप बीती सुनाई। सुनील गोयल का इतना प्रभाव था कि कोतवाली पुलिस अनिल कुमार का मुकदमा दर्ज करने से टाल मटोल करने लगी। चूँकि पीड़ित पक्ष अनिल कुमार अखिल भारतीय उद्योग ब्यापार मंडल का जिला महामंत्री है और पहले विद्यार्थी परिषद् से जुड़ा रहा, इसलिए भाजपा के कई नेता उसके पक्ष में भी आ गए। तब पुलिस पर दबाव बना और पुलिस ने उसके बाद सभी पीड़ित का जिला चिकित्सालय भेजकर मेडिकल मोयना कराया और मुकदमा लिखा। कोतवाली नगर की पुलिस यहाँ भी खेल कर गई। वादी की तहरीर को पहले तो कमजोर कराया और घटित घटना क्रम की ऐसी तहरीर बनवाई कि अपराध में कमजोर धारा लगाकर मामले को हल्का कर दिया। 

कोतवाली नगर में दर्ज अपराध संख्या- 0440/2020 अंतर्गत धारा- 147, 149 एवं 323 भा.द.वि. दिनांक- 29 मई, 2020 को दर्ज की गई, परन्तु उसमें आईपीसी की धारा-452 को गायब कर सुनील गोयल की मदद की गई। भारतीय दंड संहिता में धारा-452 घर में घुसकर मारपीट करना होता है और अनिल और उसके परिवार के साथ भाजपा के कथित नेता सुनील गोयल और उनके साथियों ने घर में घुसकर मारपीट की थी, जिसका वीडियों भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। यही नहीं पुलिस को सुनील गोयल और उसके गिरोह की गिरफ्तार न करना पड़े, इसके लिए सुनील गोयल की तहरीर पर पीड़ित पक्ष अनिल कुमार के विरुद्ध एनसीआर भी दर्ज कर लिया। पीड़ित पक्ष अनिल कुमार जो पल्टन बाजार, कचेहरी रोड़, थाना- कोतवाली नगर, जिला प्रतापगढ़ का रहने वाला है उसने आज पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ को शिकायती पत्र देकर अपनी और अपने परिवार की जान माल की रक्षा किये जाने की फरियाद की है। अनिल कुमार ने शिकायती पत्र में पुलिस अधीक्षक को बताया है कि वह एक शांतिप्रिय ब्यक्ति है। वह अपना कमाता है, अपना खाता है और अपने परिवार के साथ सामान्य जीवनयापन करता है  उसका कचेहरी रोड़ पल्टन बाजार में पुश्तैनी मकान है जो नॉन जेड-A आवासीय पट्टे की भूमि पर निर्मित रहा, जिसे उसने भू स्वामी राजा अभय प्रताप सिंह से 2 जून, 2011 को क्रय कर लिया 

चूँकि भू स्वामी जो नॉन जेड-A भूमि के जमींदार राजा अभय प्रताप सिंह रहे वो अपनी भूमि के पट्टे की अवधि बढ़ाना नहीं चाहते थे, बल्कि उसे बेंचना चाहता थे, जिससे उसने अपने पट्टे वाली भूमि स्थित ग्राम बेल्हाघाट गाटा संख्या-715 परगना व तहसील सदर, प्रतापगढ़ का बैनामा अपने पक्ष में करा लिया। उसने उक्त भूमि का नामांतरण सरकारी अभिलेखों में अपने पक्ष में करा लिया है। पीड़ित अनिल कुमार के आवास के सामने सड़क उस पार भदरी हाउस निवासी सुनील कुमार गोयल पुत्र स्व केदार नाथ गोयल की फर्नीचर की दुकान है और अंदर गली में सुनील गोयल का निवास भी है। पीड़ित अनिल के पिताजी के बड़े भाई यानि अनिल कुमार के दादाजी हीरालाल सुत स्व. जगन्नाथ से उक्त गाटा संख्या-715 के अंश भाग का बैनामा सिर्फ मकान नम्बर-197 दिखाकर रकबा 84.63 वर्गमीटर एक साजिश के तहत एक साल बाद दिनांक- 8 जून, 2012 को लिखाकर 11 जून, 2012 को उसकी रजिस्ट्री सुनील गोयल अपने हक में करा लिया बैनामे से पाँच माह पूर्व सुनील गोयल उक्त सम्पत्ति का एग्रीमेंट अपने पक्ष में कराया था अनिल के अनुसार क्रेता सुनील गोयल और विक्रेता हीरालाल द्वारा बैनामे में भूमि की गाटा संख्या को न दर्शाना उसे छिपा लेना ही उक्त साजिश का प्रमाण है। 

दबंग और सरहंग सुनील गोयल ने बैनामा तो करा लिया परन्तु आज की तिथि तक वह उक्त सम्पत्ति पर काबिज व दखील न हो सका। चूँकि सुनील गोयल अपने बैनामे के पृष्ठ संख्या-6 में स्वयं लिखा रखा है कि वह उक्त सम्पत्ति पर 11 जून, 2012 को कब्ज़ा प्राप्त कर लिए हैं जो पूर्णतः असत्य है। उक्त सम्पत्ति पर अनिल कुमार का पहले भी कब्ज़ा था और आज की तिथि पर भी उसी का कब्जा बरकरार है। उक्त सम्पत्ति पर कब्जे  को पाने के लिए ही अनिल कुमार और उसके पूरे परिवार को सुनील गोयल अपनी आधा दर्जन टीम के साथ दिनांक-27 मई, 2020 समय 11:30 बजे योजना बनाकर उसके घर असलहे और लाठी डंडे एवं गहदाले के साथ चढ़ाई कर दिए, जब  अनिल कुमार और उसका परिवार इसका विरोध किया तो सुनील गोयल और उनकी आधा दर्जन टीम अनिल कुमार और उसके परिवारीजनों को बुरी तरह घर में घुसकर मारपीट करके घायल कर दियाडायल UP-112 को सूचना दी गई तो वह मौके पर आई थी तब पास पड़ोस के लोगों ने बीच बचाव किया तो अनिल कुमार की जान बच सकी। अनिल कुमार और उसकी पत्नी एवं माता व पिता कोतवाली नगर पहुँचे जहाँ से उनका मेडिकल मोयना कराया गया और दो दिन बाद मुकदमा लिखा गया, क्योंकि सुनील गोयल अपने को भाजपा नेता बताता है और रसूखदार होने का दम्भ भरता है अनिल कुमार को भी इसका एहसास अब हो रहा है कि पुलिस सुनील गोयल के प्रभाव में है। क्योंकि पुलिस प्रभाव में न होती तो घटना के दिन ही अनिल कुमार की तहरीर पर कोतवाली नगर की पुलिस मुकदमा लिख लेती

 
कथित भाजपा नेता सुनील गोयल की गुंडई का लाइव वीडियो... 
मुकदमा लिखा भी गया तो अनिल कुमार की तहरीर के मुताविक उसमें धारा नहीं जोड़ी गयी लॉकडाउन के दौरान हॉट स्पॉट क्षेत्र घोषित होने का फायदा उठाकर उसके घर पर आधा दर्जन लोग असलहे के साथ चढ़ाई करके उसका घर कब्ज़ा करना चाहे जब उसने विरोध किया तो वो लोग घर में घुसकर उसके पूरे परिवार को मारकर अधमरा कर डाले थे मुकदमा लिख लेने के बाद भी सुनील गोयल, सत्यम गोयल, सागर गोयल, नमन गोयल और सुनील गोयल का नौकर जीतू और बिक्की के विरुद्ध कोतवाली नगर की पुलिस कुछ नहीं कर रही है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा हुआ है घटना के बाद से अनिल कुमार और उसके परिवार का जीना मुश्किल हो गया है सुनील गोयल और अन्य वांछित अभियुक्त प्रतिदिन अनिल कुमार के पूरे परिवार को जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं पीड़ित अनिल कुमार के मुताविक सुनील गोयल तो यहाँ तक धमका रहा है कि घर और दुकान खाली कर दो अन्यथा घर में पेट्रोल डालकर रात्रि में आग लगा दूंगा और पूरे परिवार के साथ तुम लोग जल मरोगे लाश का भी पता नहीं चलेगा मुझे लाश गायब करने का अनुभव भी है। मेरा कुछ नहीं होगा, क्योंकि जब गोयल रेजीडेंसी में आग लगने से दर्जनों लोग जल कर मर गए और दो दर्जन लोग घायल हो गए थे तब उसमें भी मैंने कई लाशों को ठिकाने लगवा दिया था जब गोयल रेजीडेंसी मामले में शासन और जिला प्रशासन मेरा कुछ नहीं उखाड़ सका तो तुम्हारी क्या औकात है ? अभी भी मौका है मेरे साथ पंगा मत लो नहीं तो तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की भी वही दशा होने वाली है

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