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सोमवार, 29 जून 2020

प्रतापगढ़ के CMO बड़े दबाव के बाद कुछ दिनों के लिए ही हुए थे,क़्वारंटीन। स्वास्थ्य मंत्री के जिले में आगमन पर CMO डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव उनके साथ दिखे थे,चहलकदमी करते हुए

जिलाधिकारी प्रतापगढ़ की टीम-11को भी स्वतः कोरोना टेस्ट कराकर 14 दिनों के लिए क्वारंटीन होना चाहिए या नहीं...???

क्या प्रतापगढ़ में कोरोना संक्रमण काल के बजट को खपाने के लिए कटरा रोड़ पर हॉट स्पॉट बैरियर लगाया गया है...???
 CMO डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव जब क्वारंटीन थे तो स्वास्थ्य मंत्री के साथ दिखने पर उठने लगे सवाल...
प्रतापगढ़ सीएमओ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव का लड़का कोरोना संक्रमित हुआ तो चार दिन बाद कटरा रोड़ स्थित CMO आवास के उस क्षेत्र को कंटेनमेन्ट जोन घोषित किया गया। एक बैरियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने तो दूसरा बैरियर अल्का ऑटोमोबाइल्स के सामने हॉट स्पॉट बनाकर लगा दिया गया हैसबसे मजेदार बात ये रही कि जब CMO प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव का लड़का कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ तो CMO डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव कई दिनों बाद बड़े दबाव में दिखाने के लिए क्वारंटीन हुएहकीकत में सीएमओ प्रतापगढ़ कभी क्वारंटीन हुए ही नहीं। इसका प्रमाण उस दिन मिला जब जिले में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का दौरा हुआ तो CMO प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव स्वास्थ्य मंत्री के साथ चहलकदमी करते दिखे थे कोरोना संक्रमण काल की शुरुवात में योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह लखनऊ में गायिका कनिका कपूर के मीटिंग में शामिल हुए थे और उससे हाथ भी मिलाये थे। इस गलती की वजह से स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह क्वारंटीन हुए। 

प्रतापगढ़ जनपद पहुँचे स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने गायिका कनिका कपूर वाली गलती पुनः दोहरा दिया और इस बार स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह अपने प्रतापगढ़ सीएमओ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव से मिलेजबकि सीएमओ प्रतापगढ़ उस दौरान क्वारंटीन हुए थे। फिर स्वास्थ्य मंत्री की मीटिंग और CHC और जिला अस्पताल के निरीक्षण में कैसे शामिल हो गए ? अब इतनी बड़ी गलती कैसे और क्यों हुई ये बताने के लिए शासन व प्रशासन से कोई ब्यक्ति मुंह खोलने को तैयार नहीं है। एक बार मान लिया जाए कि इस बात से स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह अनभिज्ञ थे तो क्या जिलाधिकारी प्रतापगढ़ डॉ रुपेश कुमार भी अनभिज्ञ थे ? इसे देस्खते हुए मन में बहुत से सवाल उमड़ घुमड़ रहे हैं। सवाल तो बहुत हैं, परन्तु कुछ सवाल हैं जिनका उत्तर सिस्टम में बैठे हुक्मरानों को देना चाहिए। क्या देश में अलग-अलग ब्यवस्थाएं लागू हैं ? क्या देश में दोहरा कानून संचालित है...??? 

"कोरोना वायरस किसी का रिश्तेदार नातेदार नहीं है। वह पहचान कर अपना संक्रमण कम या अधिक नहीं कर देगा। उसके लिए सीएमओ हो या स्वास्थ्य मंत्री सबके लिए असर वाहे रहेगा। प्रतापगढ़ जिला प्रशासन की टीम के प्रमुख सदस्य अपर जिलाधिकारी शत्रोहन वैश्य अभी कल ही कोरोना वायरस के संक्रमण से संक्रमित हुए हैं। उनके मामले में सीएमओ प्रतापगढ़ कार्यालय से महज आधे घंटे में कन्टेनमेंट जोन और हॉट स्पॉट एरिया तय करने के लिए पत्र जिलाधिकारी प्रतापगढ़ को निर्गत हो गया था। जबकि अपने और अपने पुत्र के प्रकरण में सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव गैर जिम्मेदार बने रहे। नियमतः जिलाधिकारी प्रतापगढ़ की टीम-11 को भी अब क्वारंटीन होना चाहिए। यही नहीं टीम-11 की सैम्पलिंग भी कराकर एहतियातन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जिला प्रशासन को आगे आना चाहिए। जो नियम आम जनता के लिए लागू है वही नियम जिला प्रशासन अपने लिए भी लागू करेगी तो जनता में जिला प्रशासन और शासन के प्रति विश्वास और बढ़ेगा..."
अब अम्बेडकर चौराहा से कम्पनी बाग़ जाने वाला मार्ग पूरी तरह हॉट स्पॉट एरिया में आ जायेगा और दूसरी तरफ अम्बेडकर चौराहे से रोडबेज बस स्टॉप जाने वाले प्रमुख मार्ग को हॉट स्पॉट जिला प्रशासन बनाता है अथवा नहीं ? यदि बनाता है तो जिला मुख्यालय के 90फीसदी सरकारी दफ्तर पंगु हो जायेंगे और आवागमन के सारे रास्ते अवरुद्ध हो जायेंगे। चूँकि कटरा रोड़ पहले से अवरुद्ध है। जबकि जिसके कारण कटरा रोड़ अवरुद्ध हुआ वो अब प्रतापगढ़ से जा चुका है और सीएमओ साहेब भी घूम घूमकर चहलकदमी करते नजर आ रहे हैं। इससे ये तो तय हो गया कि महामारी काल में भी रसूख कम नहीं हुआ। ब्यवस्थाएं समय-समय पर बदलती रहती हैं। कटरा रोड़ को जो बंद रखा गया है अब उसे बंद रखने का कोई औचित्य ही नहीं रहा। जब संक्रमित मरीज निगेटिव रिपोर्ट लेकर यहाँ से जा चुका और उसके परिजन स्वयं सीएमओ घूम रहे हैं तो उस हॉट स्पॉट को बनाये रखना सिर्फ बेवकूफी ही है। 

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