मृतक अंबिका पटेल महिला सिपाही से छेड़खानी (Molestation) के मामले जेल में बंद था, कुछ दिन पहले ही जेल से छूट कर आया था,पेरोल पर...
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फतनपुर थाने के भुजैनी गांव में मौके पर तैनात पुलिस बल... |
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले में बेख़ौफ़ दबंगों ने एक युवक को पेड़ से बांधकर जिंदा जलाकर मार डालने की घटना घटित हुई जिससे एक बार फिर प्रतापगढ़ सुर्ख़ियों में है।फतनपुर थाने के भुजैनी गांव में कुछ दबंगों ने एक युवक को पेड़ से बांधकर फूंक दिया,जिससे वह जिन्दा जल मरा। प्रतापगढ़ जनपद में अपराध तो प्रतिदिन होते हैं और पुलिस का इकबाल भी खत्म हो चुका है। जरायम तो इस कदर ब्याप्त है कि लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं। प्रतापगढ़ में कानून का राज ख़त्म हो चुका है। अपराधियों में कानून और पुलिस का तो खौफ ही नहीं रहा। यदि पुलिस और कानून का डर अपराधियों में होता तो किसी युवक को घर से उठाकर पेड़ में बांधकर उसे जिंदा जलाकर मार डालने का कुकृत्य न होता। ये सुनकर कि किसी युवक को पेड़ में बांधकर ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे जिंदा फूंक दिया गया तो ऐसी घटना सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते है। परन्तु प्रतापगढ़ के बेख़ौफ़ अपराधियों में तनिक भी खौफ़ नहीं है तभी तो आयेदिन ऐसी घटनाएं घटित होती रहती हैं और कानून के रखवाले हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।
सोमवार की रात हुई घटना...
जनपद का बार्डर थाना फतनपुर जो जौनपुर और प्रयागराज की सीमा से सटा है और अपराध के मामले में भी अव्वल है। फतनपुर थाने के भुजैनी गांव में कुछ दबंगों ने एक युवक को पेड़ से बांधकर जिंदा जला दिया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले तो पुलिस के वाहन तोड़े और बाद में उसमे आग लगाकर फूंक दिया। फतनपुर थाना क्षेत्र के भुजैनी निवासी अंबिका पटेल 22 पुत्र सोमवार दोपहर घर से निकला था। शाम को आकर नहीं पहुंचा तो परिजन उसकी तलाश करने लगे। रात करीब 9:30 बजे स्कूल के करीब बाग में अंबिका का अधजला शव मिला। यह देख परिजन आक्रोशित हो उठे। UP-112 डायल और थानाध्यक्ष फतनपुर पुलिस फोर्स के साथ जब वहां पहुंचे तो ग्रामीण पुलिस पर ही हमलावर हो गए। उन्होंने पुलिस की 2 जीप और 3 अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बवाल बढ़ता देखकर पुलिस वालों ने भी घटनास्थल से जान बचाकर भागने में ही भलाई समझी। हालांकि 3 घंटे तक चले हंगामे में 3 पुलिसकर्मी जख्मी भी हुए हैं।
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आक्रोशित भीड़ ने पुलिस के वाहन को किया आग के हवाले...(फोटो-साभार:अमर उजाला ) |
सूचना मिलने पर पहले UP-112 डायल और कुछ देर में थानाध्यक्ष फतनपुर फोर्स लेकर पहुंचे। आक्रोशित लोग पुलिस पर हमलावर हो गए। पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दिया। जान बचाने के लिए पुलिसकर्मी हवाई फायरिंग करते हुए बाहर की ओर भागे। थानाध्यक्ष ने घटना की जानकारी आला अधिकारियों को देने के साथ ही पुलिस फोर्स भेजने की मांग की। बवाल की खबर के बाद जिले के रानीगंज, कंधई, मांधाता, पट्टी, आसपुर देवसरा, कोतवाली नगर समेत कई थानों की फोर्स व पीएसी लेकर पुलिस अफसर घटनास्थल की ओर रवाना हुए। अभी भी वहाँ के हालात बेकाबू है। बताया जाता है कि मृतक अंबिका पटेल एक माह पहले जेल से पेरोल पर छूटा था। एक महिला सिपाही की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में जेल गया था।
चार घंटे तक गांव में नहीं घुस सकी पुलिस...
प्रत्येक बड़ी घटना घटित होने के बाद देर से मौके पर पहुँचने वाले पुलिस के साथ मारपीट करने और उनके वाहनों को फूंक देने की घटना अक्सर सामने आती है,परन्तु पुलिस है कि अपनी आदत में सुधार ही नहीं लाना चाहती। यदि पुलिस टीम सतर्क और जागरूक बनी रहे तो ऐसे मामले न घटित हों ! परन्तु आधुनिक पुलिस के पास मुखबिरों का अभाव होता जा रहा है जो मुखबिर पुलिस के पास रहते भी हैं वो सिर्फ पुलिस वालों की दलाली के लिए होते हैं न कि क्षेत्र में घटना की सूचना देने के लिए ! इन्हीं वजहों से पुलिस अब अपराध रोकने में असफल होती जा रही है। सोमवार की रात युवक को पेड़ से बाँधकर जिन्दा जला देने के मामले में एसपी अभिषेक सिंह का कहना है की युवक अम्बिका पटेल को पेड़ से बांधकर ज़िंदा जलाया गया है। हत्या के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की तीन गाड़ियों में आगजनी की और पुलिस पर पथराव किया है। सभी पर नजर है। सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पुलिस के साथ मारपीट करने और पुलिस के वाहनों के आग के हवाले करने वाले उपद्रवियों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जायेगी।
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पुलिस के वाहन को आक्रोशित भीड़ ने फूंक दिया...(फोटो-साभार:अमर उजाला ) |
दर्जन भर लोग हिरासत में...
युवक को पेड़ से बांधकर जिंदा फूंक देने के बर्बतापूर्ण घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। गांव में बवाल और आगजनी का तांडव चलता रहा। इस दौरान चार घंटे तक पुलिस गांव बाहर खड़ी रही। चार घंटे बाद किसी तरह एसपी समेत भारी पुलिस बल गांव में दाखिल हो सकी। जिसके बाद दोनों पक्ष से दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। मौके पर प्रयागराज जोन के आईजी और एडीजी भी पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का जायजा भी लिया। वहीं गांव में हत्या के बाद तनाव को देखते हुए दो पीएससी की कंपनी को तैनात कर दिया गया है। पुलिस प्रत्येक घटना के बाद उसे भूल जाती है और अपने आदत के मुताविक कार्य करने लगती है। अभी सिटी में चौकी इंचार्ज से नाराज लोगों ने एक समुदाय के लोगों द्वारा दूसरे समुदाय के एक युवक को गोली मारकर हत्या करने और दो युवक को घायल कर देने के बाद आक्रोशित भीड़ का शिकार पुलिस वालों को होना पड़ा था।स्वयं पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह भी भीड़ के आक्रोश में बुरी तरह फंस चुके थे। पुलिस भागी न होती तो बड़ी घटना घटित होती। किसी तरह पूरे ओझा के पूर्व प्रधान पति की मध्यस्थता से मामले पर पुलिस नियंत्रण कर सकी थी।
क्या है,पूरा मामला...???
गांव वालों के मुताबिक मृतक युवक का पड़ोस की ही रहने वाली एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था। हाल ही में लड़की की नौकरी यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर लगी थी और उसकी पोस्टिंग किसी अन्य शहर में हो गई। दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे, लेकिन परिवार वाले रजामंद नहीं थे। परिजनों की नामंजूरी को देखते हुए मृतक ने लड़की के साथ अपनी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। लड़की के परिजनों ने उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया और पुलिस वालों ने लड़के को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। कोरोना संकट के चलते मृतक युवक जमानत पर बाहर तो आ गया, लेकिन उसे पेड़ से बांधकर जिंदा जलाने की घटना सामने आई है।
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