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शनिवार, 20 जून 2020

झूठे वायदे कर राजस्थान में कांग्रेस ने सरकार बनाई। भाजपा की वर्चुअल रैली में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का दर्द झलका

डेढ़ वर्ष बाद राजे की राजनीति में दिखी सक्रियता...

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया...
20 जून को राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस की तकनीक से हुई यह रैली केन्द्र की मोदी सरकार के छह वर्ष पूरे होने पर आयोजित की गई। दिसम्बर 2018 में जब राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी तब वसुंधरा राजे ही भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री थीं। तब यही संदेश दिया गया कि वसुंधरा राजे की कार्यशैली की वजह से ही राजस्थान में भाजपा की हार हुई लेकिन 20 जून को पार्टी की वर्चुअल रैली में राजे ने हार का दर्द बयां किया। राजे ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने सभी निकायों का पूरा लोन माफ करने, बिजली के बिल माफ करने जैसे वायदे किए। इन वायदों पर भरोसा कर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की सरकार बनवा दी, लेकिन अब ऐसे वायदे झूठे साबित हो रहे हैं। 

मात्र डेढ़ वर्ष की अवधि में ही लोग परेशान हो गए। राजे का कहना रहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते प्रदेश में जनता की भलाई के अनेक कार्य हुए। उन्होंने प्रदेश के लोगों के लिए खास कर गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई, लेकिन अब ऐसी योजनाओं को बंद किया जा रहा है। इस अवसर पर राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व की भी प्रशंसा की। राजे ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में ही देश तेजी से विकास कर रहा है। राजे ने मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का भी जिक्र किया। राजस्थान के संदर्भ में दिए गए भाषण में राजे ने यह दर्शाने का प्रयास किया कि दिसम्बर 2018 में भाजपा की हार उनकी वजह से नहीं बल्कि कांग्रेस के झूठे वायदों से हुई थी।

विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले डेढ़ वर्ष में वसुंधरा राजे 20 जून को पहली बार राजनीतिक दृष्टिसे सक्रिय नजर आई। 19 जून को सम्पन्न हुए राज्यसभा के चुनाव में भी राजे की कोई सक्रियता नहीं देखी गई। मतदान से तीन दिन पहले ही राजे जयपुर पहुंची थी। पूरे लॉकडाउन में राजे राजस्थान से बाहर रहीं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन राजे राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आई। लोकसभा चुनाव में भी राजे की कोई खास भूमिका नहीं नजर आई। सतीश पूनिया के भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद तो राजे प्रदेश की राजनीति से कट सी गई। 20 जून को पहला अवसर रहा जब राजे ने भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया। 

जयपुर में भाजपा मुख्यालय से जब राजे ने रैली को संबोधित किया, तब मंच पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुराम मेघवाल, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया आदि दिग्गज नेता भी बैठे थे। भाजपा की राजनीति में मौजूदा हालातों में राजे अलग थलग है। जानकार सूत्रों के अनुसार राजे भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगी,इसका निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिया। सूत्रों कीमाने तो नड्डा ने ही राजे को फोन कर रैली को संबोधित करनेे के लिए कहा। देखना होगा कि आने वाले दिनों में राजे किस प्रकार से सक्रिय नजर आती है। माना तो यही जा रहा है कि राजे का राष्ट्रीय स्तर पर ही उपयोग होगा। प्रदेश भाजपा के अधिकांश नेता राजे की कार्यशैली से खुश नहीं हैं।
प्रस्तुति:- एस.पी.मित्तल

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