बाबा रामदेव और बालकृष्ण... |
बालकृष्ण और बाबा रामदेव... |
अतः आज इस जोड़ी पर जो प्रश्न उठ रहे हैं, उनसे आयुर्वेद की साख और धाक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला।उन प्रश्नों का उठना आवश्यक भी है और अनिवार्य भी है। जानिए क्यों ? पिछले 4 महीनों में जो वैश्विक महामारी कोरोना 5 लाख से अधिक मनुष्यों को मौत के घाट उतार चुकी है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को जिस वैश्विक महामारी ने हिला कर रख दिया है। उस वैश्विक महामारी से बचाव की दवा की खोज में समस्त विश्व के दिग्गज चिकित्सा विज्ञानी रात दिन एक किए हुए हैं, इस खोज में अरबों डॉलर की राशि खर्च हो रही है।इसके पश्चात भी सफ़लता अभी बहुत दूर दिखाई दे रही है। लेकिन देश में पिछले कुछ दिनों से अजब गजब हुड़दंग शुरू हुआ है। वह हुड़दंग जबर्दस्ती यह मनवाने पर तुला हुआ है कि ऐसी जटिल और जानलेवा वैश्विक महामारी के उपचार की अचूक दवा एक ऐसी तिकड़ी ने बना डाली है, जिसका परिचय कुछ इस प्रकार है।
बलात्कार सरीखे घृणित आरोप में नामजद होने के बाद फरार हुआ, लुक आउट नोटिस जारी हुई फिर गिरफ्तार हुआ और अब जमानत पर बाहर है डॉक्टर बीएस तोमर। अपने निजी मेडिकल कॉलेज में फर्जी एडमिशन करने, फर्जी डिग्री बनाने, फ़र्जी प्रमाणपत्र बनाने, यौन शोषण करने और भारी वित्तीय अनियमितताओं के अनेकों मामले डॉक्टर बीएस तोमर के खिलाफ़ पहले से ही दर्ज हैं। जिसकी पत्नी ने ही उस पर अनेक गम्भीर आरोप लगाए है। परिणामस्वरूप वो अदालतों के चक्कर काट रहा है। यहां फर्जी डिग्री बनाने, फर्जी प्रमाणपत्र बनाने की डॉक्टर बीएस तोमर की विशेष योग्यता प्रतिभा और विशेष गुण पर विशेष ध्यान दीजिये। ऐसी अपराधी और जालसाज प्रवृत्ति और प्रकृत्ति के व्यक्ति की प्रतिभा योग्यता विशेष गुण से प्रभावित होकर उसके सहयोग से उसकी प्रयोगशाला में दो ऐसे व्यक्तियों रामदेव और बालकृष्ण ने वैश्विक महामारी कोरोना की रामबाण अचूक दवा बना डाली है। जिन दोनों व्यक्तियों ने आयुर्वेद होम्योपैथ ऐलोपैथ यूनानी तो छोड़िए किसी प्रकार के चिकित्सा विज्ञान की कोई औपचारिक शिक्षा तक किसी मेडिकल कॉलेज से नहीं ली है।
लेकिन हुड़दंगियों की जिद्द है कि यह मान लिया जाए कि इस तिकड़ी ने वैश्विक महामारी की अचूक दवा खोज ही ली है। इस जिद्द में बेईमानी और बेशर्मी की हदें इस कदर पार की जा रहीं हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव की वैक्सीन की खोज में अपना सर्वस्व खपा रहे देश और दुनिया के डॉक्टरों, चिकित्सा विज्ञानियों तक की खिल्ली अजब गजब कुतर्कों से उड़ायी जा रही है। जबकि सच यह है कि जिस चिकित्सा विज्ञान की खिल्ली यह हुड़दंगी उड़ा रहे हैं, कुछ समय पूर्व उसी चिकित्सा विज्ञान की शरण लेने के लिए भाग कर AIIMS जाते हुए बालकृष्ण को पूरे देश ने देखा था। हास्यास्पद तथ्य यह है कि ये तिकड़ी 5 ऐसे व्यक्ति भी प्रस्तुत नहीं कर सकी है जो कोरोना संक्रमण से जिन्दगी मौत की लड़ाई लड़ रहे हों और उनके प्राण इस तिकड़ी की दवा ने बचा लिए हो।लेकिन हुड़दंगियों की टोली जबर्दस्ती यह मनवाने पर तुली हुई है कि अत्यन्त जटिल और जानलेवा वैश्विक महामारी कोरोना के उपचार की अचूक दवा इस तिकड़ी ने बना डाली है। हद तो यह है कि इस हुड़दंग के खिलाफ़ बोलने वाले के खिलाफ़ हुड़दंग यह किया जा रहा है कि आयुर्वेद का अपमान मत करो।
प्रस्तुति :- सतीश मिश्र
प्रस्तुति :- सतीश मिश्र
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