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शनिवार, 13 जून 2020

पटेलों की मसीहा बनने के चक्कर में अनुप्रिया पटेल अपनी फजीहत करने के साथ ही मोदी और योगी सरकार सहित गठबंधन धर्म के मुंह पर पोत दिया कालिख

अपना दल एस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विश्वनाथगंज विधायक डॉ आर के वर्मा ने अनुप्रिया पटेल के गोविन्दपुर दौरे को बताया नाटक और सस्ती लोकप्रियता पाने का लगाया आरोप...
पट्टी हमारी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। मेरे खिलाफ नारेबाजी से किसी के शरीर में यदि खून बढ़ता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है-मंत्री, राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह...

अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल और सदर विधायक राजकुमार उर्फ़ करेजा पाल...
सत्तासुख के खातिर अपनी मां को किनारे लगाने व पिता की विरासत पर कब्जा करने के बाद गठबंधन धर्म को धता बताकर अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली अनुप्रिया पटेल, नफरत फैलाने में जुटी, या फिर माँ कृष्णा पटेल पर हुए मुकदमें के बाद माँ से प्रेम जाग उठा। दो पक्षों में हुई मारपीट के लगभग एक माह बाद गोविंदपुर पहुँची अनुप्रिया पटेल ने समाज में विद्वेष फैलाने का किया कार्य। जबकि उनके आगमन से दो दिन पहले उनकी माँ कृष्णा पटेल जब पट्टी के गोविंदपुर गाँव पहुँची तो उन्हें गोविंदपुर जाने भी नहीं दिया गया और उन पर मुकदमा अलग से दर्ज किया गया। प्रधानमंत्री के कोरोना की जंग और सोशल डिस्टेंसिंग की अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ पहुँचकर जमकर धज्जियां उड़ाई। 


मीडिया के सवालों से बौखलाई अनुप्रिया पटेल ने मीडियाकर्मियों के दे डाली नसीहत...
बड़ा सवाल ये है कि क्या अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में स्थान और उनके पति आशीष सिंह को योगी मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से अनुप्रिया पटेल बौखला चुकी हैं या गठबंधन से ऊब चुकी हैं और ओम प्रकाश राजभर की तरह योगी सरकार को पानी पी पीकर गरियाने और कोसने के बाद जैसे एक दिन तंग आकर योगी सरकार ओम प्रकाश राजभर को किनारे लगा दिया और गठबंधन धर्म से आजाद कर दिया। ठीक वैसे ही अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनुप्रिया पटेल के कुकृत्य से तंग आकर योगी और मोदी की सरकार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहकर भाजपा और अपना दल एस के गठबंधन धर्म से अनुप्रिया पटेल को ॐ प्रकाश राजभर की तरह मुक्त न करा दे। अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश के आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर पट्टी के गोविंदपुर गाँव पहुँचकर अपनी जाति के वोटबैंक को सँभालने और पिछड़ी जाति के नेता के रूप में स्थापित करने की ये चाल है। ताकि भाजपा से आगामी विधानसभा में अधिक से अधिक सीटों का दबाव अभी से बनाया जा सके। 


 अनुप्रिया पटेल के सह पर गोविंदपुर के लोग सरकार, मंत्री और पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए...
प्रतापगढ़ की विधानसभा पट्टी जहाँ इन दिनों राजनैतिक लोगों द्वारा राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हर रोज कोई न कोई धुई-गोविंदपुर गाँव पहुँच रहा है माहभर से धुई-गोविंदपुर गाँव सुर्खियों में है। विपक्ष के नेताओं की बढ़ी सरगर्मियों के बीच जब सत्तापक्ष के गठबंधन की नेता अनुप्रिया पटेल भी दर्जनों गाड़ियों से सैकड़ो पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं संग गाँव पहुँची तो सरगर्मी और बढ़ गई। इस दौरान धारा-144 के साथ ही महामारी एक्ट की धज्जियां उड़ाई। इतना ही नहीं अनुप्रिया पटेल के सामने ही सूबे के मंत्री मोती सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए और सरकार विरोधी नारेबाजी भी की गई स्वयं अनुप्रिया पटेल पुलिस प्रशासन पर हमलावर रही। धुई-गोविंदपुर गाँव मंत्री मोती सिंह की विधानसभा में आता है। पट्टी में राम सिंह पटेल को एक बार सफलता क्या मिल गई अब उसे राजनैतिक दल एक नजीर की तरह पेश कर रहे हैं और पटेल पर सबसे अधिक फोकस करते हुए राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सपा, कांग्रेस और अपना दल एस के नेता प्रतापगढ़ में कुर्मी / पटेल की राजनीति कर जिले को अगड़ा और पिछड़ा में बांटना चाहते हैं ताकि उनकी राजनैतिक दुकान का संचालन बढ़िया ढंग से हो सके। 

पुलिस लाइन के सई कॉम्प्लेक्स में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री मोती सिंह...
इस बाबत कैबिनेट मंत्री मोती सिंह से जब मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया तो बातों के माहिर मंत्री मोती सिंह ने इशारों-इशारों में बिना नाम लिए अनुप्रिया पर निशाना साधा। मोती सिंह ने कहा कि पट्टी हमारी जन्मभूमि और कर्मभूमि है मेरे खिलाफ नारेबाजी से किसी के शरीर में यदि खून बढ़ता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैंने कोरोना के चलते की गई व्यवस्था धारा-144 और महामारी एक्ट में शोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता हूं और प्रशासनिक कार्य में बाधा नहीं पहुँचाना चाहता इसलिए गांव में नहीं गया। जो लोग व्यवस्था के खिलाफ जाकर नियम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं उससे प्रशासन का मनोबल टूटा है। किसी को भी संविधान और कानून अपने हाथ में लेकर राजनैतिक बल के प्रयोग का मैं कतई समर्थन नहीं करता, बल्कि उसकी निंदा करता हूं। अधिकारियों के टूटे मनोबल को बढ़ाते हुए मोती सिंह ने कहा मेरे माता-पिता और पत्नी और मैं खुद चाहता था कि मैं आईएएस आईपीएस बनू। लेकिन प्रयागराज विश्वविद्यालय में पढ़ा होने के बावजूद नहीं बन सका। अनुप्रिया पटेल द्वारा गठबंधन नीति के खिलाफ जाने के बारे में उन्होंने कहा कि इस बात का निर्णय प्रधानमंत्री, अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जी लेते हैं। 

बता दें कि बीती 22 मई को देशी घी खरीदने पर मिलावटी घी, खेत में जानवर जाने और क्वारन्टीन लोग पड़ोसी गांव धुई में टहलने को लेकर कहासुनी हुई, जिसके बाद धुई के प्रधान के पुत्र समेत आधा दर्जन लोगों को मारपीट कर लहूलुहान कर दिया गया सूचना मिलने पर धुई-गोविंदपुर पहुँची पुलिस पर भी हमला कर दिया गया, जिसमें 3 पुलिस कर्मी घायल हुए और भागकर जान बचाई थी बाद में भारी पुलिस बल पहुँचा तो मामले पर काबू पाया जा सका। उग्र हुए ग्रामीणों को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले भी छोड़े। इसी बीच बिजली के तार में आंसू गैस का गोला टकरा गया और एक पशुशाला के छप्पर में आग लग गई। इसी के बाद गोविन्दपुर गाँव राजनीति का अखाड़ा बनता चलता गया। नेता तो नेतृत्व करता है और गोविन्दपुर गाँव पहुँचने वाला सारे नेता अपने साथ बाणी रुपी ज्वलनशील पदार्थ लेकर पहुँचे और गोविंदपुर में लगी आग में राजनैतिक हवन कर अपनी रोटी सेंकने से बाज नहीं आये

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