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गुरुवार, 11 जून 2020

पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर और बाबू सिंह कुशवाहा और अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल पर नामजद तो 60 अज्ञात पर दर्ज हुआ मुकदमा


जातीय संघर्ष का मास्टरमाइंड हरिकेश पटेल तो एक मोहरा है,असल खलनायक तो ये दिग्गज नेता ही हैं...

पूर्व विधायक राम सिंह पटेल का आडियो पहले ही हो चुका है,वायरल...

पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री बाबु सिंह कुशवाहा 
प्रतापगढ़ में सियासत गर्म हो चुकी है। पिछड़ी जाति का नेता बनने के लिए पिछड़ी जाति के सारे नेताओं में होड़ सी मची है कि कैसे भी पिछड़ी जाती के लोग उन्हें अपना नेता मान लें और आगामी विधानसभा चुनाव-2022 में जब राजनीति की मंडी सजे तो वो उसे अच्छे दामों में बेंच सके। इन निघर्घट और बेशर्म नेताओं को जरा सी भी हमदर्दी पिछड़ी जातियों के लोगों से नहीं है। इन्हें अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की पड़ी है। तभी प्रतापगढ़ में जातीय रंग देने के लिए एक नेता जा रहा है तो दूसरा नेता आ रहा है। सभी की सिर्फ एक चाहत है कि पिछड़ी जाती के लोग उसे अपना नेता मान ले और उसकी बंद पड़ी राजनीतिक दुकान चल जाए


 पट्टी सर्किल के धुई-गोविन्दपुर गांव में नेताओं को जाने से रोकती पुलिस 
बीते 22 मई को प्रतापगढ़ की पट्टी सर्किल के धुई-गोविन्दपुर गांव में प्रधान पुत्र से आपसी झगड़े में पिछड़ी जाति का नेता बनने के चक्कर में अफवाह फैलाकर जातीय संघर्ष का रूप दिया गया था। उसके बाद से धुई-गोविन्दपुर गांव सुर्ख़ियों में आ गया कल धुई-गोविन्दपुर गांव में योगी सरकार में रहे पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर, कभी बसपा सुप्रीमों का कोष संभालने वाले पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल लाव लश्कर के साथ जाना चाहती थी और पिछड़ी जातियों के साथ हुए प्रशासनिक कार्यवाई पर विधवा विलाप कर उनके जख्मों पर मलहम लगाकर पिछड़ी जाति का सबसे बड़ा हमदर्द बनकर अपनी बंद पड़ी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए सब लोग उतावले हो रहे थे। स्थानीय पुलिस प्रशासन जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो ये नेतागण उनसे भी उलझ गए। 

हालांकि इन नेताओं की जिला प्रशासन एक भी न सुना और उन्हें बैरंग वापस जाने के लिए विवश किया। सच तो ये है कि हरिकेश पटेल तो एक मोहरा है असल गुनाहगार को यदि पकड़ना है तो पिछड़ी जाति के नेता जो घड़ियाली आंसू बहाने के लिए प्रतापगढ़ की पट्टी सर्किल के धुई-गोविन्दपुर गांव में पहुंचना चाहते हैं और अपनी राजनीतिक रोटी सेंक कर उसे आगामी विधान सभा चुनाव- 2022 में खाना चाहते हैं, यही असल गुनाहगार हैं। हरिकेश पटेल के मोबाइल को जिस तरह पुलिस सर्विलांस पर लगाकर ट्रेस किया वैसे इनके मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर जिस दिन पुलिस ट्रेस करेगी तो हरिकेश पटेल की तरह इन सारे नेताओं की असलियत का पता चल जाएगा। हरिकेश पटेल तो इन नेताओं का महज एक मोहरा मात्र है। असल खलनायक तो यही नेतागण हैं जो पिछड़ी जाति के लोगों को मुर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा करने की पूरी कोशिश करते रहते हैं। इनका एक्सपोज होना बहुत जरुरी है। पूर्व विधायक राम सिंह पटेल का आडियो पहले ही वायरल हो चुका है

आज प्रतापगढ़ में जातीय हिंसा फैलाने का मास्टरमांइड पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अब पिछड़ी जाती के सारे नेताओं के चाल, चेहरे और चरित्र उजागर हो चुके हैं। प्रतापगढ़ में पूर्व कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर और बाबू सिंह कुशवाहाऔर अपना दल कमेरावादी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल जैसे पिछड़ी जाति के दिग्गज नेताओं समेत 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है ये सारे नेतागण बुधवार को पट्टी सर्किल के गोविन्दपुर गांव में राजनीतिक दुकान सजाने के लिए प्रतापगढ़ पहुँचे थे। जबकि इन सारे दिग्गजों को पता है कि देश में कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए पूरे देश और प्रदेश में धारा-144 लागू है जिले में धारा-144 के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन की धाराओं में बुधवार को आये सभी दिग्गज नेताओं समेत 60 अज्ञात मर एफआईआर दर्ज हुई है। अखिल भारतीय कुर्मी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश कुमार कटियार और पूर्व विधायक राम सिंह पटेल समेत छब्बीस नामजद और अन्य पर भी मुकदमा पहले ही दर्ज हुआ है। बीते 9 जून को गांव पहुँचकर पीड़ितों को सहायता राशि बांटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी थी। बीते 22 मई को धुई-गोविन्दपुर गांव में प्रधान पुत्र से मारपीट के बाद फैली अफवाह पर जातीय संघर्ष हुआ था, जिसमें आगजनी और पुलिस पर पथराव भी हुआ था।

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