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गुरुवार, 14 मई 2020

कोरोना संक्रमण का लक्षण दिखने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदार अफसरों द्वारा मरीज को नहीं भेजा प्रयागराज

कोरोना संक्रमित संजय मिश्र की मृत्यु के बाद शव के इंतजार में परिजनों का रो रोकर हुआ बुरा हाल...!!! 
वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल में भी स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अफसरों पर नहीं है किसी प्रकार का कोई अंकुश...!!!

शिकायत के बाद भी नहीं जिला अस्पताल में मरीजों को भोजन की सप्लाई देने वाले ठेकेदार पर नहीं हुई कार्रवाई...!!!
मुख्य चिकित्साधिकारी,प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव की लापरवाही को लगातार स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं स्वयं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी कर रहे हैं,नजरंदाज ...!!!
जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के आइसोलेशन वार्ड में दम तोड़ने वाले कोराना मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने और कोरोना के लक्षण दिखने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने प्रयागराज के कोविड-19 अस्पताल नहीं भेजा। उसे यहीं रखा गया। स्थिति ये हुई कि 24 घंटे में ही उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने अस्पताल में उसे खाना नहीं देने और लापरवाही का आरोप लगाया है। लापरवाही सामने आने के बाद डीएम ने मामले में मजिस्टीरियल जांच बैठा दी है। एसडीएम सदर को जांच अधिकारी नामित करते हुए सात दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। 
अंतू इलाके के पूरे तुलाई (मझिलहा) निवासी टैक्सी चालक नौ मई को गांव आया था। गांव पहुंचने से पहले वह सुखपाल नगर पीएचसी गया और होम क्वारंटीन होने की मुहर लगवाकर अपने घर आ गया। उसने अपनी थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई थी। इस दौरान उसे स्वस्थ बताया गया था।11 मई को तबियत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मृतक के पिता का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसे न तो खाना दिया गया और न ही दवाएं दी गईं। जिससे बेटे की हालत बिगड़ती गई और अंतत: उसकी मौत हो गई। उसने भाई और बेटे के साथ सीएमओ को भी फोन कर शिकायत दर्ज कराई थी, मगर कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ। इधर, खाना और दवा के  अभाव में मरीज की मृत्यु होने की जानकारी होने पर सांसद संगमलाल गुप्ता और भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र से शिकायत की। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने मजिस्ट्रेटी जांच बैठा दी है। 
जिला अस्पताल पुरुष और महिला दोनों में भर्ती मरीजों को भोजन का ठेका लेने वाले ठेकेदार के विरुद्ध शिकायत भी हुई थी पर उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं सीएमओ ने नहीं की। पूर्व में भी उक्त ठेकेदार के विरुद्ध शिकायत हुई थी। ये शिकायत कई नेताओं द्वारा की गई थी,मगर बाद में ठेकेदार द्वारा सब मैनेज कर लिया गया। तत्कलीन डीएम के सामने मामला पहुँचने के बाद भी मैनेज करने में माहिर सीएमओ ने सबकुछ सुलटा लिया था कोरोना महामारी में भी सीएमओ प्रतापगढ़ डॉ अरविंद कुमार श्रीवास्तव पर कोई असर नहीं है। उनके कार्य प्रणाली में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। उनका सारा दिमाग सरकारी बजट को हजम करने में लगा रहता है। कितना धन किस रूप में चट करने को मिल जाए बस इसी बात की योजना वो बनाते रहते हैं।
कोरोना महामारी में आवंटित बजट पर उनका ध्यान केंद्रित है। तभी तो लक्षण दिखने के बाद भी कोरोना मरीज को प्रयागराज इलाज के लिए वक्त पर नहीं भेजा गया। जिससे उसकी 24घण्टे में ही मौत हो गईजब मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य महकमें पर मृतक को खाना तक न देने का आरोप लगाया तो डीएम प्रतापगढ़ ने मजिस्टीरियल जाँच बैठाकर एसडीएम सदर को जाँच अधिकारी नामित किया है। डीएम ने स्पष्ट किया है कि कोरोना पीड़ित मरीज की जिला अस्पताल में हुई मौत के मामले में हर पहलुओं की जाँच कराई जाएगी। अगर उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो उसे वक्त रहते प्रयागराज भेजा चाहिए था। इस लापरवाही में जो भी स्वास्थ्य अधिकारी जाँच में दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी और शासन को रिपोर्ट भी भेजी जाएगी...!!!

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