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सोमवार, 25 मई 2020

प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल गुप्ता का बैनर लगाकर गुड़गांव से प्रतापगढ़ के लिए संचालित है,प्राईवेट स्लीपर बस सेवा

लॉकडाउन में प्रतापगढ़ की जनता को रामभरोसे छोड़कर पिकनिक मनाने मुम्बई गए सांसद संगम लाल गुप्ता का ये शर्मनाक बयान ही बताता है कि क्षेत्र वासियों की उन्हें कितनी चिंता है...???


बाबा घुइसरनाथ धाम बस सर्विस
ये अटल सत्य है कि राजयोग भाग्य और किस्मत से ही प्राप्त होता है ये सबके नसीब में नहीं होता प्रतापगढ़ में ऐसे बहुत से नेता हुए जिनकी किस्मत में राजयोग था और उन्हें मिला भी, ये अलग बात रही कि उनमें उसकी काबिलियत थी या नहीं ? ऐसे लोगों को एक्सीडेंटल विधायक अथवा सांसद उपाधि वही जनता ने दी जो जनता इन्हें अपना भाग्य विधाता मानकर राजयोग तक पहुँचाया। ऐसे ही प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता है जो पहली ही बार में मोदी लहर में प्रतापगढ़ सदर से वर्ष-2017 में विधायक निर्वाचित हुए और एक साल में ही विधायक संगम लाल गुप्ता का मन विधायकी से उचट गया और वर्ष-2019 लोकसभा चुनाव में विधायक रहते टिकट की दावेदारी की वो भी अपना दल से विधायक रहते हुए भाजपा ने किस मजबूरी में अथवा लाभ में प्रतापगढ़ लोकसभा का टिकट संगम लाल गुप्ता को अपना दल एस से समझौता खत्म कर अपना उम्मीदवार बनाया। 

मोदी लहर में विधायक संगम लाल गुप्ता लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बन गए और विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। संगम लाल गुप्ता अपने अनुज दिनेश गुप्ता को विधायकी का टिकट दिलाने के लिए हाथ पाँव मारना शुरू किया,परन्तु अंतिम समय में संगम लाल गुप्ता के सरे अस्त्र धराशायी हो गए। मन मसोसकर संगम लाल गुप्ता को ये दांव जो उल्टा पड़ चुका था, उसे स्वीकार करना पड़ा। विधान सभा चुनाव-2017 में जो  बतौर मतगणना एजेंट और एक सामान्य कार्यकर्ता था, भाजपा ने उप चुनाव में उसी कार्यकर्ता को अपना दल एस से उम्मीदवार बनवाया और उसे सारी ताकत लगाकर चुनाव जितवाया,क्योंकि वह भाजपा कोटे से अपना दल एस का उम्मीदवार बना था। ये वर्णन इसलिए करना पड़ा कि सदर का उप चुनाव जीतकर जो विधायक बना वह भी एक्सीडेंटल ही है। हाँ, ये जरुर है कि कल तक संगम लाल गुप्ता के यहाँ दरबार करने वाला राजकुमार "करेजा पाल" विधायक बनने के बाद अब सांसद संगम लाल गुप्ता से छत्तीस का आकड़ा रख रहे हैं


" कोरोना वायरस के संक्रमण काल में सांसद मुंबई से प्रतापगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं तो पूरे ईश्वरनाथ से सदर विधायक राजकुमार "करेजा पाल" भी सेवा करने का नगाड़ा बजा रहे हैं शुरुवाती दौर में सारे जनप्रतिनिधि यही दहाड़ मार रहे थे कि जनता को किसी प्रकार से कोई असुविधा नहीं होने पायेगी। एक पूर्व विधायक कम्युनिटी किचन की तर्ज पर बेसहारा लोगों को लंच पैकेट पहुँचाने की घोषणा लॉकडाउन तक की थी, किसी तरह प्रथम लॉकडाउन यानि 21 दिनों तक इधर-उधर से ब्यवस्था करके लंच पैकेट बाँटा गया, परन्तु दूसरे लॉकडाउन के बढ़ने से पहले ही गधे की सींग की तरह वो पूर्व विधायक भी रफ्फूचक्कर हो लिए 
ऐसे में यदि कोई अपना पैसा लगाकर यानि किराया अदाकर अपने घर पहुँच रहा है तो इन जनप्रतिनिधियों को उस वाहन पर अपना बैनर लगाकर उसमें अपना विज्ञापन करने का कोई अधिकार शेष नहीं बचता। सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि एक ही स्थल से चलने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग किराया बस संचालकों द्वारा कैसे वसूला गया ? ऐसे में यात्रियों के मन में बीएस के किराये को लेकर मन में संशय तो उत्पन्न होना लाजिमी है। यात्रियों का तर्क है कि बस का यदि किराया देकर ही आना है तो सांसद संगम लाल गुप्ता का बोर्ड लगाकर बस संचालक उनकी पब्लिसिटी क्यों कर रहा है...??? "

बाबा घुइसरनाथ धाम नाम से संचालित गुड़गांव से प्रतापगढ़ का अलग अलग है,किराया। किसी से 2000/ दो हजार तो किसी से 2500/ ढाई हजार तो किसी से 3000/ तीन हजार रुपये वसूला जाता है,किराया। 19 मई को शुभा पांडेय गुड़गांव से प्रतापगढ़ की उक्त बस से 2000/ दो हजार रुपये अदाकर की है,यात्रा। अंतिम स्टॉप सुखपाल प्रतापगढ़ रहा। रास्ते भर बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये उतरती रही सवारियां। गुड़गांव से सीधे यात्रा करके घर पहुँच रहे लोग हो सकते हैं, कोरोना संक्रमित मरीज। सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता के नाम पर बस संचालित करने वाले कर रहे हैं मनमानी। लॉकडाउन और क्वारन्टीन की ब्यवस्था की उड़ा रहे हैं,धज्जियां। किसी यात्री को बछरांवा तो किसी को रायबरेली में बिना स्वास्थ्य परीक्षण कराये एक राज्य से दूसरे राज्य तक लाकर छोड़ने से कोरोना संक्रमण का बढ़ सकता है,खतरा।

" आप सब की जानकारी के लिए बता दूँ कि इन्ही सांसद महोदय के बीच रहने वालों में से मेरी भी वार्ता एक महोदय से दूरभाष पर हुई थी। कुछ प्रतापगढ़ के लोग जो कि मुम्बई में फंसे थे,उन्हें मुम्बई से प्रतापगढ लाने हेतु उन महोदय का जवाब सुनकर मैं दंग रह गया। उनका कहना था कि ऐसी कोई व्यवस्था सांसद महोदय द्वारा नही की गई है। जहाँ से प्रतापगढ़ या उसके आस पास के जिलों के लिए श्रमिक ट्रेन का संचालन होता है। सांसद जी वहाँ श्रमिकों के पहुँचने से पहले ही  अपने दल बल के साथ पहुँच जाते हैं और उनके बीच कुछ देर फोटो खिंचवाकर निकल लेते हैं। ये सुनकर मैं तो हतप्रभ रह गया।।  "
देश में लॉकडाउन के साथ सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता दिल्ली से पहुँचे प्रतापगढ़ और कनिका कपूर के कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके सम्पर्क में आने वाले सभी लोगों की बढ़ गई थी, धड़कन। राष्ट्रपति के यहाँ प्रीति भोज में दुष्यंत सिंह हुए थे, शामिल। दुष्यंत सिंह कनिका कपूर के लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में भी हुए थे,शामिल। सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता भी राष्ट्रपति के प्रीति भोज में हुए थे, शामिल। दिल्ली से प्रतापगढ़ आते ही सांसद संगम लाल गुप्ता स्वयं को किये थे,अपने घर में आइसोलेट। परन्तु कुछ ही दिनों में सांसद संगम लाल गुप्ता पहुँच गए मुम्बई। मुम्बई रहकर प्रतापगढ़ की जनता की सेवा करने का पीटा जा रहा है, सांसद और सांसद के समर्थकों द्वारा ढ़िढोरा। कभी फेसबुक पर लाइव होकर पूड़ी छानने का ड्रामा तो कभी क्षेत्र वासियों की हालचाल का नाटक जमकर किया गया। प्रतापगढ़ की जनता कन्फ्यूजन में थी कि राष्ट्रीय आपदा में उनका सांसद प्रतापगढ़ है या आर्थिक राजधानी मुम्बई ? बड़ा सवाल ये है कि जब सांसद प्रतापगढ़ में कटरा स्थित अपने आवास में स्वयं को आइसोलेट किये थे तो किन परिस्थितियों में मुंबई पहुँच गए...???

2 टिप्‍पणियां:

  1. क्षेत्र की जनता को जागरूक करने के लिए ऐसे ही कलम की जरूरत है,अभी तो प्रवासी श्रमिकों के वाहन में बैनर लगाए जा रहे है, ईश्वर न करे यदि भविष्य में इनके शव भी आते है तो भी ये स्वार्थी राजनेता उन वाहनों में भी अपने पोस्टर लगाने से गुरेज नहीं करेंगे।

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    1. सच कहा आपने ! नेताओं का चाल चेहरा और चरित्र बहुत ख़राब हो चुका है !

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