राहुल गाँधी के बयान से भी साफ़ हो गया कि कांग्रेस इस गठबंधन सरकार में बने रहने के लिये नहीं रखती कोई भी दिलजस्पी...
गठबंधन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि उद्धव सरकार को किसी तरह का नहीं है,कोई खतरा।
गठबंधन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि उद्धव सरकार को किसी तरह का नहीं है,कोई खतरा।
महाराष्ट्र सरकार पर भाजपा की रणनीति से सियासत हुई तेज |
कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में पल-पल खेल बदल रहा है। पिछले कई दिनों से राज्य में सियासी उठापठक चल रही है। भाजपा लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी कर रही है। भाजपा का आरोप है कि उद्धव सरकार कोरोना का सामना करने में असफल हो रही है। अपनी जिम्मेदारियों से अपना पिंड छुड़ा रही है। जनहित में कार्य करने के बजाय उद्धव सरकार पर प्रवासी मजदूरों के साथ भेदभाव करने का भी आरोप लग रहा है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर कांग्रेस की भूमिका महज एक घटक दल की है। सूबे की ठाकरे सरकार में कांग्रेस डिसीजन मेकर की भूमिका नहीं है। उक्त बयान से राजनीतिक पारा चढ़ता देख कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने कल के बयान से पलट गए हैं।
अपने बयान से पलटे राहुल गाँधी |
महाराष्ट्र में बढ़ते राजनीतिक उठापटक के बीच आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुबह 11 बजे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के नेताओं की बैठक बुलाई। खबरों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले कल दिल्ली पहुंचे हैं। शिवसेना-एनसीपी नेता लगातार राज्यपाल से मुलाकात भी कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में शिवसेना, एनसीपी नेताओं की राज्यपाल से हो रही मुलाकातें और दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच हो रही गुप्त बैठकों ने गठबंधन की सरकार पर कांग्रेस के महत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान से भी साफ हो गया है कि कांग्रेस की गठबंधन की इस सरकार में बन रहने की ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में क्या कांग्रेस को अलग रखकर शिवसेना-एनसीपी बिना बीजेपी के साथ लिए महाराष्ट्र की सरकार बनाने में सफल होगी ? क्या भाजपा शिवसेना तोड़कर सरकार बना सकती है ? अंदरखाने से मिल रही आहट तो एनसीपी के बाहरी समर्थन से भाजपा की सरकार फिर से महाराष्ट्र में बनने की भी कवायद तेज हो गई है।
बीजेपी लगातार राज्य मे राष्ट्रपति शासन की कर रही है,मांग |
हालांकि गठबंधन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है। उद्धव सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। भाजपा लगातार राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग करके ठाकरे सरकार को मुश्किल में लाने के लिए दबाव बना रही है। महाराष्ट्र की भाजपा इकाई के नेताओं की मांग है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो। वहीं राज्य सरकार को लग रहा है कि केंद्र सरकार कोरोना की स्थिति को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है और इसी पर चर्चा करने शिवसेना, एनसीपी के नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं। सवाल ये है कि इन बैठकों से कांग्रेस गायब क्यों है ? अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा या नए फार्मूले वाली सरकार बनेगी ये आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।
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