Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

शनिवार, 9 मई 2020

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की उम्मीदवार राजकुमारी रत्ना सिंह यदि भाजपा में शामिल हो गई होती तो आज वो सांसद होती

सही वक्त पर निर्णय न लेना राजकुमारी रत्ना सिंह की भूल रही। चुनाव में धूल चाटने के बाद भाजपा में शामिल होने का निर्णय से राजनैतिक पंडित उनका भविष्य भाजपा में अंधकार मय बता रहे हैं...!!!
कांग्रेस ने राजकुमारी रत्ना सिंह को वर्ष-1996से लगातार उन्हें प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाती रही। तीन बार राजकुमारी सांसद निर्वाचित हुई और चार बार मुँह की खाई। फिर भी उनका कांग्रेस में कद बरकरार रहा...!!!
9 मई,2019के दिन प्लाजा पैलेस में हुई थी,प्रियंका गाँधी की जनसभा...
भाजपा में आने के बाद भी राजकुमारी रत्ना सिंह भाजपा में अपनी जगह नहीं बना सकी। यही हाल रहा तो वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उनके उस इरादे पर पानी फिर जायेगा जिसे वो संजोकर पुत्र भुमन्यु सहित भाजपा में शामिल हुई हैं। भाजपा के लिए राजकुमारी रत्ना सिंह खुद तो ओवर एज हो गई हैं और बेटे को विश्वनाथगंज विधानसभा से टिकट दिलाने से रही...!!!
उत्तर प्रदेश में सामान्य विधानसभा चुनाव- 2022 में क्या राजकुमारी रत्ना सिंह अपने पुत्र भुमन्यु सिंह को विश्वनाथगंज सीट से टिकट न पाने की दशा में रामपुर खास विधानसभा से आराधना मिश्र उर्फ मोना अथवा कुंडा विधानसभा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह "राजा भैय्या" के सामने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मौका मिलने पर जोर आजमाइश करेंगी या मन मसोस कर दुबक कर बैठ जाने में अपनी भलाई समझेंगी। राजनीति में सह मात का खेल तो होता ही रहता है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया ऐसे समय में पासा पलटा कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ धराशाई हो गई और महज 6मिनट में खुद सिंधिया राज्यसभा सांसद हो गए...!!!
समय-समय की बात है आज ही के दिन प्लाजा पैलेस में कांग्रेस की उम्मीदवार राजकुमारी रत्ना सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिये कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका वाड्रा आई थी। चुनाव परिणाम में राजकुमारी रत्ना सिंह की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस की उम्मीदवार राजकुमारी रत्ना सिंह लोक चुनाव 2019 का चुनाव बिना मन से लड़ रही थी। पहली सूची में उम्मीदवार बनने के बाद राजकुमारी रत्ना सिंह दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लगातार संपर्क में थी। परन्तु उहापोह में निर्णय न ले सकी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी डर सता रहा था कि यदि भाजपा राजकुमारी रत्ना सिंह को अपना उम्मीदवार बना लेती है तो कहीं कांग्रेस अपना उम्मीदवार प्रमोद कुमार को बना लेगी तो प्रतापगढ़ की सीट फंस सकती है। इसी उहापोह में भाजपा शीर्ष नेतृत्व गठबंधन की सीट को अपने पाले में करते हुए प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अपना दल एस के विधायक संगम लाल गुप्ता पर दाँव लगाया जो सफल रहा...!!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें