देश में सबसे अधिक कोरोना का संक्रमण महाराष्ट्र में है और वहाँ मौत का आकड़ा भी सबसे अधिक है। सच जानने का प्रयास करिये भ्रम में मत रहिये।
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22मई,2020 के ताजा आकड़ों पर आधारित खबर... |
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 118226 बतायी जा रही है,लेकिन यह ठीक नहीं है। क्योंकि इनमें से 48533 कोरोना संक्रमित अब तक पूर्ण रूप से संक्रमण मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। अतः आज देश में कोरोना संक्रमितों की वास्तविक संख्या-66082 ही है। स्वास्थ्य मंत्रालय अपने दैनिक बुलेटिन में "एक्टिव कोरोना संक्रमित" नाम से यह संख्या बहुत स्पष्ट शब्दों में रोजाना बताता भी है। अखबारों में यह संख्या भी नियमित रूप से छपती है। लेकिन कानफाड़ डरावने बैकग्राउंड म्यूज़िक से लयताल मिलाती हुई अपनी अजीबोगरीब भाव भंगिमाओं के साथ चीख चीखकर एक लाख के पार हुई... एक लाख के ऊपर पहुंची... कोरोना संक्रमितों की संख्या।
"सिर्फ TRP के चक्कर में ऐसे डरावने शब्दों का इस्तेमाल कोरोना वायरस संक्रमण के सम्बन्ध में न्यूज़ एंकरों के द्वारा किया जाता है कि लोग सुनकर डर जाएं। ऐसा भाव पेशकर सनसनी फैला रहे विदूषकीय एंकरों की करतूतों से आप भयभीत या भ्रमित मत होइए। अब यह सच भी जान लीजिए कि आज देश में कोरोना संक्रमितों की वास्तविक संख्या-66082 का आधे से अधिक भाग लगभग 52% हिस्सा(34360) देश के केवल 2 राज्यों में है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और महाराष्ट्र की बात करें तो वहाँ अकेले "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या- 28462 पहुँच चुकी है। जबकि देश की राजधानी दिल्ली में "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या- 5898पहुँच चुकी है।"
क्या यह तथ्य आश्चर्य चकित करने और चौंकाने वाला नहीं है कि भारत के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 2 राज्यों में "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या 52% है और देश के शेष 26 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों में "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या मात्र 48% है। आज एक अन्य तथ्य और स्पष्ट कर दूं कि क्योंकि मैं लगातार ऐसे तथ्यों से आप लोगों को अवगत करा रहा हूं। इसलिए कुछ मित्रों ने पूछा कि मैं गुजरात के बजाय दिल्ली को अपने ऐसे विश्लेषण में क्यों शामिल करता हूं, गुजरात को क्यों शामिल नहीं करता ? तो आज उन मित्रों समेत सभी मित्र यह जान लें कि देश में कोरोना संक्रमितों की सर्वाधिक संख्या वाले प्रदेशों को चिन्हित करते समय यदि उन राज्यों की जनसंख्या को आप अनदेखा कर देते हैं तो वह विश्लेषण व्यर्थ हो जाता है।
विश्लेषण यदि तथ्यों पर आधारित होता है, तभी सत्यता की कसौटी पर वह खरा उतरता है। आईये देश में कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में एक आकड़ों पर आधारित साफ सुथरा सर्वेक्षण करते हैं। जैसे कि दिल्ली की जनसंख्या लगभग 2 करोड़ है और गुजरात की जनसंख्या लगभग 6.5 करोड़ है। अर्थात् दिल्ली से लगभग सवा तीन गुना अधिक लेकिन दिल्ली में "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या- 5898 है और गुजरात में "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की संख्या- 6649 है। अर्थात् दिल्ली से गुजरात की जनसंख्या मात्र 24% है। यानि दोनों में तीन गुना का अंतर है। अतः देश में सर्वाधिक "कोरोना संक्रमितों" या "एक्टिव कोरोना संक्रमितों" की सूची में देश के टॉप 2 प्रदेश महाराष्ट्र और दिल्ली ही हैं। बल्कि जनसंख्या के आधार पर आप गणना करेंगे तो पाएंगे कि दिल्ली की हालत महाराष्ट्र से भी बदतर ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र से बहुत ज्यादा बद्तर हो चुकी है। इसे बस यूं समझ लीजिए कि दिल्ली से महाराष्ट्र की जनसंख्या छः गुना अधिक है। लेकिन केजरीवाल के विज्ञापनों के घुंघरू बांधकर बेसुध नाच रही मीडिया ने यह सच आपको अब तक नहीं बताया है और न ही बताएगी।
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