जिला अस्पताल प्रतापगढ़ के दो वरिष्ठ फिजिशियन के बारे में कोरोना संक्रमित होने की झूठी खबर कर रहे हैं सोशल मीडिया पर वायरल...!!!
देवदूत समतुल्य चिकित्सकों पर कोरोना संक्रमित होने का दुष्प्रचार करना पड़ सकता है,अराजकतत्वों को भारी। खानी पड़ सकती है,जेल की हवा...!!!
प्रतापगढ़ में पत्रकारों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच झूठी खबरों का भी हो गया है,जबरदस्त प्रचलन। पत्रकारों का एक वर्ग कोई खबर शोसल मीडिया पर पोस्ट करता है तो दूसरा वर्ग उसे बचाने उतर आता है। इसलिये प्रतापगढ़ की आमजनमानस में संशय का बढ़ना लाजिमी है। पत्रकारों की विश्वनीयता पर उठने लगे हैं,सवाल। कोरोना संक्रमण काल में कुकुरमुत्ते सरीखे पत्रकारों की आ गई है,बाढ़। 50फीसदी पत्रकारों की दशा चिंतनीय। कोरोना संकट काल में जेब खर्च की क्राइसेस ने कथित पत्रकारों ने पूरी पत्रकारिता जगत को कर रहा है,कलंकित। धन कहाँ से मिले और कैसे मिले इस जुगत में रहते हैं,दिनभर परेशान। फिर भी इस संकट के दौर में प्रतापगढ़ की जनता से आग्रह है कि वो विश्वनीय समाचार पत्रों और विश्वनीय टीवी चैनलों सहित विश्वनीय पोर्टल की खबरों को सत्य माने...!!!
व्हाट्सएप की खबर को बिना जाँचे परखे उसे सत्य मानकर किसी व्हाट्सएप ग्रुप में न फारवर्ड करें और न ही पोस्ट करें। व्हाट्सएप ग्रुपों में प्रसारित हो रहे अफवाहों पर ध्यान न दें। बिना सत्यता जाने किसी भी कंटेंट को किसी भी ग्रुप न पोस्ट करें और न ही फारवर्ड करें। इसीलिये व्हाट्सएप के प्रबन्धन ने 256 लोंगो अथवा समूहों में कोई कंटेंट एक साथ फारवर्ड न हो सके। इस पर रोक लगा दी थी। कोरोना संकटकाल में व्हाट्सएप के प्रबंधन ने पुनः फारवर्ड कंटेंट पर ब्रेक लगाते हुए उसे 5 की जगह एक बार में एक ही कंटेंट फारवर्ड हो। ब्यवस्था चाहे जितनी चाक चौबंद रहे पर असामाजिक लोग उस ब्यवस्था में कर लेते हैं,छेद। तभी तो समाज में स्थिरता और अशांति चाहने वालों की कमी नहीं हो पा रही है। क्योंकि कुछ वर्ग अपनी आदत से बाज़ नहीं आ सकते...!!! पत्रकार बनने की चाहत से हो सकता है,नुकसान। क्योंकि शोसल मीडिया पर जिला अस्पताल में तैनात दो वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए कोरोना संक्रमित होने की फैलाई जा रही है,अफवाह। जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने और एक मरीज की मौत के बाद कुछ शरारती लोग जिला अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने का कर रहे हैं,दुष्प्रचार। जबकि जिला अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टर स्वास्थ हैं और अपनी ड्यूटी कर मरीजों का कर रहे हैं,निरन्तर इलाज। कोरोना संकट काल में न फैलाये अफवाह। वरना अफवाह फैलाने के जुर्म में जेल की सैर के लिये भी रहे तैयार। शोसल मीडिया पर चल रही सभी गतविधियों पर जिला प्रशासन की है,पैनी नजर। शोसल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी पोस्ट से समाज के सभी लोग हो रहे परेशान। एक दूसरे से कर रहे हैं सच्चाई की जानकारी...!!!
जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों डॉ0 आर पी चौबे और डॉ0 मनोज खत्री को कोरोना पॉजीटिव होने की सोसल मीडिया में फैलाई जा रही खबरें महज अफवाह निकली। जिला प्रशासन झूठी अफवाह फैलाने पर वैधानिक कार्यवाही किये जाने का कर रहा विचार। जिसने अफवाह फैलाई स्वास्थ्य महकमा उसकी पुरजोर तलाश में जुटा है। दोनों चिकित्सक मरीजों का नियमित इलाज कर रहे हैं। शासनादेश के अनुसार कोरोना पॉजिटिव एरिया में ड्यूटी कर चुके स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिनों के लिए हर हाल में क्वारन्टीन में रहना होगा। उसके बाद 14 दिन के बाद पॉजिटिव एरिया में ड्यूटी करनी होगी। डॉ0 आरपी चौबे और डॉ0 मनोज खत्री ने बताया कि हमारी ड्यूटी ही है कि मरीजों का इलाज करना। शासनादेश के निर्देशों का पालन करते हुए हम नियमित अपने ड्यूटी पर हैं। दुर्भाग्य है कि ऐसे लोगों के बारे में कुछ कहना जो बिना तथ्य को जाने समझे झूठी अफवाह फैला रहे हैं। इस झूठी अफवाह से मरीजों के मनः स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। सोसल मीडिया का दुरुपयोग करने वाले लोगों को कम से कम समाज के बारे में सोचना चाहिए, जिनके झूठ से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है...!!!
देवदूत समतुल्य चिकित्सकों पर कोरोना संक्रमित होने का दुष्प्रचार करना पड़ सकता है,अराजकतत्वों को भारी। खानी पड़ सकती है,जेल की हवा...!!!
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ मनोज खत्री... |
व्हाट्सएप की खबर को बिना जाँचे परखे उसे सत्य मानकर किसी व्हाट्सएप ग्रुप में न फारवर्ड करें और न ही पोस्ट करें। व्हाट्सएप ग्रुपों में प्रसारित हो रहे अफवाहों पर ध्यान न दें। बिना सत्यता जाने किसी भी कंटेंट को किसी भी ग्रुप न पोस्ट करें और न ही फारवर्ड करें। इसीलिये व्हाट्सएप के प्रबन्धन ने 256 लोंगो अथवा समूहों में कोई कंटेंट एक साथ फारवर्ड न हो सके। इस पर रोक लगा दी थी। कोरोना संकटकाल में व्हाट्सएप के प्रबंधन ने पुनः फारवर्ड कंटेंट पर ब्रेक लगाते हुए उसे 5 की जगह एक बार में एक ही कंटेंट फारवर्ड हो। ब्यवस्था चाहे जितनी चाक चौबंद रहे पर असामाजिक लोग उस ब्यवस्था में कर लेते हैं,छेद। तभी तो समाज में स्थिरता और अशांति चाहने वालों की कमी नहीं हो पा रही है। क्योंकि कुछ वर्ग अपनी आदत से बाज़ नहीं आ सकते...!!! पत्रकार बनने की चाहत से हो सकता है,नुकसान। क्योंकि शोसल मीडिया पर जिला अस्पताल में तैनात दो वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए कोरोना संक्रमित होने की फैलाई जा रही है,अफवाह। जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने और एक मरीज की मौत के बाद कुछ शरारती लोग जिला अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने का कर रहे हैं,दुष्प्रचार। जबकि जिला अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टर स्वास्थ हैं और अपनी ड्यूटी कर मरीजों का कर रहे हैं,निरन्तर इलाज। कोरोना संकट काल में न फैलाये अफवाह। वरना अफवाह फैलाने के जुर्म में जेल की सैर के लिये भी रहे तैयार। शोसल मीडिया पर चल रही सभी गतविधियों पर जिला प्रशासन की है,पैनी नजर। शोसल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी पोस्ट से समाज के सभी लोग हो रहे परेशान। एक दूसरे से कर रहे हैं सच्चाई की जानकारी...!!!
जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों डॉ0 आर पी चौबे और डॉ0 मनोज खत्री को कोरोना पॉजीटिव होने की सोसल मीडिया में फैलाई जा रही खबरें महज अफवाह निकली। जिला प्रशासन झूठी अफवाह फैलाने पर वैधानिक कार्यवाही किये जाने का कर रहा विचार। जिसने अफवाह फैलाई स्वास्थ्य महकमा उसकी पुरजोर तलाश में जुटा है। दोनों चिकित्सक मरीजों का नियमित इलाज कर रहे हैं। शासनादेश के अनुसार कोरोना पॉजिटिव एरिया में ड्यूटी कर चुके स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिनों के लिए हर हाल में क्वारन्टीन में रहना होगा। उसके बाद 14 दिन के बाद पॉजिटिव एरिया में ड्यूटी करनी होगी। डॉ0 आरपी चौबे और डॉ0 मनोज खत्री ने बताया कि हमारी ड्यूटी ही है कि मरीजों का इलाज करना। शासनादेश के निर्देशों का पालन करते हुए हम नियमित अपने ड्यूटी पर हैं। दुर्भाग्य है कि ऐसे लोगों के बारे में कुछ कहना जो बिना तथ्य को जाने समझे झूठी अफवाह फैला रहे हैं। इस झूठी अफवाह से मरीजों के मनः स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। सोसल मीडिया का दुरुपयोग करने वाले लोगों को कम से कम समाज के बारे में सोचना चाहिए, जिनके झूठ से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है...!!!
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