हकीकत से कब तक मुँह मोड़ती रहेगी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार...???
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महाराष्ट्र में कोरना की स्थिति भयावह |
शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन द्वारा पीटे जा रहे महाराष्ट्र में "ज्यादा टेस्ट" के बहाने के ढोल को बहुत बुरी तरह फाड़ कर उसके चिथड़े उड़ा देता है, यह तथ्य। पिछले कई दिनों से कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं प्रवक्ताओं का यह बहाना सुनते सुनते कान पक गए हैं कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या इसलिए बहुत ज्यादा है, क्योंकि हमारी सरकार ने टेस्ट बहुत ज्यादा ज्यादा किए हैं। लेकिन कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं प्रवक्ताओं के इस बहाने के ढोल को बहुत बुरी तरह फाड़ कर उसके चिथड़े उड़ाने का काम कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान की सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़े कर रहे हैं।
जरा ध्यान से पढ़िए यह तथ्यात्मक सच्चाई। महाराष्ट्र की सरकार के अनुसार 26 मई तक उसने 3.9 लाख टेस्ट किए हैं और उसके राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या कुल 54758 हुई हैं। जिनमें से 1792 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। जबकि राजस्थान की सरकार के अनुसार 26 मई तक उसने 3.4 लाख टेस्ट किए हैं और उसके राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या- 7536 हैं, जिनमें से 170 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। उपरोक्त आंकड़े बता रहे हैं कि महाराष्ट्र ने राजस्थान से केवल 15 प्रतिशत अधिक टेस्ट किए हैं। लेकिन उसके यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या राजस्थान से 627 प्रतिशत अधिक है और महाराष्ट्र में राजस्थान से 10 गुना अधिक संख्या में कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। उपरोक्त आंकड़े कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं प्रवक्ताओं द्वारा अलापे जा रहे "ज्यादा टेस्ट" के बहाने के ढोल को बुरी तरह फाड़कर उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार की भयंकर असफ़लता विफलता नकारेपन को उजागर कर रहे हैं।
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