राहुल गांधी पर जो क्रोधित हैं वो नादान हैं,उन्हें पूरे तथ्य नहीं मालूम हैं...
आतंकवादी को पद्मश्री से सम्मानित करने की करतूत की खबर का लिंक...
http://archive.indianexpress.com/.../former.../574391/
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आर्मी चीफ को कहा 'सड़क का गुंडा',फिर मांगी माफी...
https://www.amarujala.com/.../congress-leader-sandeep...
सेना प्रमुख बिपिन रावत पर पी चिदंबरम ने साधा निशाना, कहा- आप अपने काम से मतलब रखें,राजनीति हमें करने दें...
https://www.livehindustan.com/.../story-p-chidambaram...
प्रस्तुति :- सतीश मिश्र
भारतीय सेना पर कीचड़ उछालती, उसे अत्याचारी आततायी सिद्ध करने की कोशिश करती फोटूओं को खींचकर ईनाम पाए फोटोग्राफरों को दो दिन पहले राहुल गांधी द्वारा दी गई शाबाशी और बधाई पर लोग आगबबूला हो गए। ऐसे लोगों को मैं नादान अपरिपक्व और तथ्यों से पूरी तरह अनभिज्ञ मानता हूं। राहुल गांधी की उस करतूत पर मुझे कतई क्रोध नहीं आया। राहुल गांधी की उस करतूत ने मुझे कतई नहीं चौंकाया।मेरे साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुझे याद है कि 28 मई 2010 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय जेलों में बंद 25 दुर्दांत खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादियों को बिना शर्त रिहा कर के बस में बैठाकर वाघा बॉर्डर तक पहुंचा दिया था। वहां से वो पाकिस्तान चले गए थे। कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया था ताकि पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों में मधुरता और मिठास बढ़ाई जा सके।
जिस समय यह सब हुआ था उस समय राहुल गांधी होनोलूलू में नहीं रहते थे। बल्कि कांग्रेस के महासचिव थे, सोनिया गांधी के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे।कार्यसमिति के सदस्य थे, संसद सदस्य थे। जब यह सब हुआ था उससे केवल 18 महीने पहले ही मुम्बई पर 26/11 वाला भयानक आतंकी हमला हुआ था। मुझे यह भी याद है कि उसी वर्ष 2010 में ही कांग्रेस सरकार ने हत्या और हत्या के प्रयास एवं अपहरण सरीखे दर्जनों आपराधिक मुकदमों में नामजद और बंदी रहे कुख्यात कश्मीरी आतंकवादी गुलाम अहमद मीर उर्फ मोमा काना को 2010 में बाकायदा राष्ट्रपति भवन बुलाकर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों पद्मश्री सम्मान दिलाकर सम्मानित भी कराया था। कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अपने गठबंधन सहयोगी ओमर अब्दुल्ला के तीखे विरोध के बावजूद कांग्रेस ने उस आतंकवादी को सम्मानित किया था। राहुल गांधी उस समय भी कांग्रेस के महासचिव, सोनिया गांधी के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे। कार्यसमिति के सदस्य थे, संसद सदस्य थे।
वर्ष-2013 में महासचिव से प्रमोट होकर राहुल गांधी जब अध्यक्ष बने तो कांग्रेसी नेताओं प्रवक्ताओं ने भारतीय सेनाध्यक्ष को सड़क का गुंडा कहा, भारतीय सेनाध्यक्ष को औकात में रहने की धमकी भी दी। यह तो केवल कुछ उदाहरण हैं, जबकि ऐसे अनेक अन्य प्रसंग और भी हैं। अतः भारतीय सेना के विरोधी, आतंकवादी समर्थक फोटोग्राफरों को उनकी भारत विरोधी करतूत के कारण ईनाम मिलने पर अगर राहुल गांधी ने शाबाशी और बधाई दे दी, जो उपरोक्त प्रसंगों की तुलना में बहुत छोटी घटना है तो इस पर हम चकित या क्रोधित क्यों हो भाई ? किसी को हो ना हो लेकिन राहुल गांधी से मुझे ऐसी ही करतूतों की उम्मीद रहती है। इसीलिये राहुल गांधी की ऐसी करतूतों पर अब चकित या क्रोधित नहीं होता। पोस्ट में प्रस्तुत तथ्यों की पुष्टि के लिए कमेंट बॉक्स देखें। नीचे दिए लिंक को क्लिक करिए तो पाकिस्तानी आतंकवादियों की यूपीए सरकार द्वारा रिहाई की दर्जनों खबरों के लिंक सामने आ जाएंगे...
https://www.google.com/search...जिस समय यह सब हुआ था उस समय राहुल गांधी होनोलूलू में नहीं रहते थे। बल्कि कांग्रेस के महासचिव थे, सोनिया गांधी के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे।कार्यसमिति के सदस्य थे, संसद सदस्य थे। जब यह सब हुआ था उससे केवल 18 महीने पहले ही मुम्बई पर 26/11 वाला भयानक आतंकी हमला हुआ था। मुझे यह भी याद है कि उसी वर्ष 2010 में ही कांग्रेस सरकार ने हत्या और हत्या के प्रयास एवं अपहरण सरीखे दर्जनों आपराधिक मुकदमों में नामजद और बंदी रहे कुख्यात कश्मीरी आतंकवादी गुलाम अहमद मीर उर्फ मोमा काना को 2010 में बाकायदा राष्ट्रपति भवन बुलाकर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के हाथों पद्मश्री सम्मान दिलाकर सम्मानित भी कराया था। कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री और अपने गठबंधन सहयोगी ओमर अब्दुल्ला के तीखे विरोध के बावजूद कांग्रेस ने उस आतंकवादी को सम्मानित किया था। राहुल गांधी उस समय भी कांग्रेस के महासचिव, सोनिया गांधी के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता थे। कार्यसमिति के सदस्य थे, संसद सदस्य थे।
वर्ष-2013 में महासचिव से प्रमोट होकर राहुल गांधी जब अध्यक्ष बने तो कांग्रेसी नेताओं प्रवक्ताओं ने भारतीय सेनाध्यक्ष को सड़क का गुंडा कहा, भारतीय सेनाध्यक्ष को औकात में रहने की धमकी भी दी। यह तो केवल कुछ उदाहरण हैं, जबकि ऐसे अनेक अन्य प्रसंग और भी हैं। अतः भारतीय सेना के विरोधी, आतंकवादी समर्थक फोटोग्राफरों को उनकी भारत विरोधी करतूत के कारण ईनाम मिलने पर अगर राहुल गांधी ने शाबाशी और बधाई दे दी, जो उपरोक्त प्रसंगों की तुलना में बहुत छोटी घटना है तो इस पर हम चकित या क्रोधित क्यों हो भाई ? किसी को हो ना हो लेकिन राहुल गांधी से मुझे ऐसी ही करतूतों की उम्मीद रहती है। इसीलिये राहुल गांधी की ऐसी करतूतों पर अब चकित या क्रोधित नहीं होता। पोस्ट में प्रस्तुत तथ्यों की पुष्टि के लिए कमेंट बॉक्स देखें। नीचे दिए लिंक को क्लिक करिए तो पाकिस्तानी आतंकवादियों की यूपीए सरकार द्वारा रिहाई की दर्जनों खबरों के लिंक सामने आ जाएंगे...
आतंकवादी को पद्मश्री से सम्मानित करने की करतूत की खबर का लिंक...
http://archive.indianexpress.com/.../former.../574391/
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आर्मी चीफ को कहा 'सड़क का गुंडा',फिर मांगी माफी...
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सेना प्रमुख बिपिन रावत पर पी चिदंबरम ने साधा निशाना, कहा- आप अपने काम से मतलब रखें,राजनीति हमें करने दें...
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प्रस्तुति :- सतीश मिश्र
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