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सोमवार, 12 अगस्त 2019

पेट्रोलियम कम्पनियों की मिलीभगत से रिटेल आउटलेट पेट्रोल पंप डीलरों द्वारा किये जाते हैं,बड़े-बड़े खेल

मेसर्स प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर,बाबागंज के डीलर और बीपीसीएल के अधिकारियों ने जानबूझकर तथ्यों को छिपाते हुए संचालित कर रखा है,रिटेल आउटलेट पेट्रोल पंप का धंधा ...!!!
डीलर की सह पर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरशन लिमिटेड के कुछ भ्रष्ट अधिकारी डीलर के इस खेल में शामिल थे,बाद में तत्कालीन भ्रष्ट जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार के 6माह में बदल गए थे,बोल...!!!
रिश्वत लेकर 6माह में संशोधित सशर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र पत्रांक संख्या:-273/जे.ए./1999 दिनांक:- 02दिसंबर,1999 कर दिया,जारी...!!!
संशोधित सशर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र पत्रांक संख्या:-273/जे.ए./1999 दिनांक:-02दिसंबर,1999 के तहत पेट्रोलियम नियम-1976 के नियम-153 की उड़ाई गई धज्जियाँ,पहले कमी निकालो और जब चढ़ावा चढ़ जाए तो रिश्वतखोर अधिकारी बीच का रास्ता निकाल लेते हैं और मोटी रकम वसूल करने की होती है,इनकी हैबिट...!!!
चाँदी वाला जूता पाते ही बदल जाते हैं,अधिकारियों के बोल। सही को गलत और गलत को सही साबित करने में लगा देते हैं,सारी शक्ति। सारे कायदे कानून को धता बताकर कर देते हैं,कार्य। एक पेट्रोल पंप के लाईसेंस के लिये बनाई गई है,नियमावली। दर्जनों विभागों से NOC लेने के बाद ही दिया जाता है,पेट्रोल/डीजल बिक्री करने हेतु रिटेल आउटलेट पंप को संचालित करने का लाईसेंस। इतने नियम कानून के बाद भी रिटेल आउटलेट का लाईसेंस प्राप्त करने वाला ब्यक्ति खेल कर लेता है। यानि प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर बाबागंज के डीलर द्वारा एक ही लाईसेंस पर दो स्थानों पर रिटेल आउटलेट पेट्रोल/डीजल पंप का संचालन करना नियम विरुद्ध है,परंतु भ्रष्ट अधिकारियों की कृपा कर नियम विरुद्ध पंप का संचालन खुलेआम किया जा रहा है...!!!
तत्कालीन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ जितेंद्र कुमार ने माह जुलाई,1999 में बीपीसीएल के अधिकारी को पत्र लिखकर पेट्रोल पंप के कारण असुरक्षा की भयावह स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सुरक्षा, यातायात की सुविधा तथा जनहित में मेसर्स प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर, बाबागंज की पेट्रोल पंप संपूर्ण रिटेल आउटलेट को वर्तमान स्थल यानि बाबागंज से नवीन प्लाट पर शीघ्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने एवं कृत कार्यवाही से स्वयं को अवगत कराने के लिए आदेश जारी किए थे,वही जिलाधिकारी महोदय महज 6 माह में संशोधित अनापत्ति प्रमाण पत्र पत्रांक संख्या:-273/जे.ए./1999 दिनांक:- 02दिसंबर,1999 जारी कर दिया। लीज डीड की समय सीमा समाप्त होने के बाद यदि भू स्वामी अपनी उक्त भूमि की लीज की डीड का समय बढ़ाकर डीलर के पक्ष में नहीं किया जाता तो जबरन उक्त भूमि पर अनापत्ति प्रमाण पत्र नियमत: नहीं जारी किया जा सकता। प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर बाबागंज की भूमि की लीज डीड का भूस्वामी ने नहीं किया रिन्यूअल। अर्थात नियम कानून को ताक पर रखकर चाँदी वाला जूता भेंट कर नियम विरुद्ध अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर संचालित है,प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर बाबागंज की पेट्रोल पंप...!!!
जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने रीजनल मैनेजर, बीपीसीएल लखनऊ को लिखे पत्र संख्या:- 1992/शिविर-99 दिनांक:- 17 जुलाई,1999 में स्पष्ट किया है कि प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर बाबागंज की पेट्रोल पंप प्रतापगढ़ नगर के अत्यंत व्यस्त और घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है, इससे मिला हुआ एक बड़ा होटल व अगल-बगल हलवाई की स्थाई दुकाने एवं सब्जी की दुकाने हैं। उक्त स्थल पर सड़क की चौड़ाई व पंप स्थल का क्षेत्रफल काफी कम है। यहाँ पर भीड़-भाड़ अधिक रहती है,जिससे पेट्रोल आदि भराने आए वाहनों, स्कूटरों आदि से ट्राफिक जाम होकर दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी रहती है। इस पेट्रोल-डीजल पंप से उत्पन्न समस्याओं और असुरक्षा की भयावह स्थिति का उल्लेख करते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी ने जनहित में इसे अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए बीपीसीएल को पत्र लिखा था। जनपद के माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी उक्त पंप को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने पर बराबर पत्र व्यवहार किया जा रहा है। इसका क्षेत्रफल भी मानक के अनुरूप नहीं है। बीपीसीएल द्वारा उक्त पेट्रोल पंप के स्थानांतरण हेतु नगर के अंदर ही इसी स्टेट हाई-वे पर वर्तमान पंप स्थल से आधा किमी की दूरी पर मोहल्ला सहोदरपुर में अनुकूल व सुरक्षित क्षेत्र में वर्तमान प्लाट से तीन गुना बड़ा एक प्लाट लंबी लीज अवधि पर लिया जाना बताया गया है। उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उक्त पेट्रोल पंप को अन्यत्र स्थानान्तरण करना अति आवश्यक है। उक्त पत्र को जारी हुए बीस बरस बीत गए,परंतु भ्रष्ट व्यवस्था के अर्थवादी युग में उक्त पेट्रोल पंप का स्थानांतरण आज तक नहीं हो सका...!!!
विस्फोटक विभाग, आगरा स्थित कार्यालय संयुक्त मुख्य-विस्फोटक नियंत्रक ने पत्र लिखकर जताई थी,नाराजगी और उठाया था,आपत्तिजनक सवाल। विस्फोटक विभाग,आगरा स्थित कार्यालय संयुक्त मुख्य-विस्फोटक नियंत्रक के पत्रांक संख्या-यू पी-5461 दिनांक:-25/05/2000 के पत्र से डीलर और बी पी सी कम्पनी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के खेल का हुआ था,पर्दाफाश। टेररिटरी मैनेजर BPCL को लिखे पत्र में विस्फोटक विभाग ने सवाल खड़े किये हैं कि दिनांक:-16-12 -1998 से दिनांक:- 03-02-2000 के द्वारा एक नए रिटेल आउटलेट के सम्बन्ध में अनुमोदन हेतु प्रपत्र दिए गए थे,उसके उपरांत दिनांक:- 02-03-2000 को पुनः कुछ परिवर्तन करके संशोधित अनुमोदन हेतु पत्र प्रेषित किया गया एवं दिनांक:- 16-03-1999 के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ अनुज्ञप्ति प्रदान करने के लिए पत्राचार किये गए,परन्तु किसी भी पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि यह रिसाइटमेंट का केस है। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के कार्यालय से शिविर-जे.ए./2000 दिनांक:- 11-05-2000 के पत्र से स्पष्ट हुआ कि कार्यालय- जिलाधिकारी,प्रतापगढ़ द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र संख्या-487 /जे.ए./99 दिनांक:- 31-03-99 को निरस्त कर निष्प्रभावी करते हुए संशोधित अनापत्ति प्रमाण पत्र संख्या- 273/जे.ए./99 दिनांक:- 02-12-99 जारी किया गया अर्थात अनापत्ति प्रमाण पत्र संख्या- 487/जे.ए./99 दिनांक:- 31-03-99 जिसके आधार पर अनुज्ञप्ति संख्या यूपी- 5461जारी की गई थी, उसे निरस्त कर दिया गया है...!!!
प्रतापगढ़ ऑटो स्टोर (गफ्फार पेट्रोल पम्प) बाबागंज, प्रतापगढ़ के डीलर द्वारा पेट्रोलियम मंत्रालय से लेकर BPC कंपनी एवं जिला प्रशासन सहित विस्फोटक विभाग बाबागंज की लीज जमीन का एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद पंप डीलर ने रिसाइटमेंट की केस के तथ्यों को जानबूझकर छिपाकर नए पेट्रोल पंप की तरह अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज के सामने तालाबी आराजी की भूमि पर विस्फोटक विभाग से नई अनुज्ञप्ति चाहते थे। जबकि डीलर और BPCL के अधिकारीगण अपनी पुरानी पेट्रोल/डीजल रिटेल आउटलेट को जनहित में बाबागंज से स्थानांतरित करके सहोदरपुर पश्चिमी में सिफ्ट करने के लिए आवेदन किये थे। विस्फोटक विभाग ने BPCL के टेररिटरी मैनेजर को लिखे पत्र में ये भी हवाला दिया है कि दिनांक:-12-10-1999 को जिस पत्र के माध्यम से अनुज्ञप्ति संख्या-2304 जारी की गई है,उसका समय-समय पर उप मुख्य विस्फोटक नियत्रंक,इलाहाबाद के द्वारा निरीक्षण किया गया तथा उनके समसंख्यक पत्र दिनांक:- 25-01-1999, 30-07-1999, 08-10-1999 एवं 15-11-1999 के द्वारा निरीक्षण के समय पायी गई गंभीर त्रुटियाँ सूचित की गई थी जिसके सन्दर्भ में  BPCL के अधिकारियों ने दिनांक:- 25-01-1999 को पत्र लिखकर विस्फोटक विभाग को बताया था कि सम्बन्धित अधिकारी का तवादाला हो गया है,लिहाजा 50 दिनों का समय सुधार हेतु चाहिए। विस्फोटक विभाग के अधिकारियों ने BPCLके अधिकारियों के ऊपर यहाँ और लगाये हैं कि विस्फोटक विभाग के द्वारा जारी पत्रों का जवाब BPCL के अधिकारियों द्वारा नहीं दिया जाता और न ही प्रकरण के सम्बन्ध में जारी किये गए पत्रों को ही गंभीरता से लिया जाता। यानि मनमानीपूर्ण रवैया की खुली छूट पेट्रोलियम मंत्रालय ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड को दे रखा है...!!!

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