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रविवार, 16 जून 2019

प्रतापगढ़ शहर में आज भी सुबह सैकड़ो महिला-पुरुष जाते है,खुले में शौच

सरकारी दावों से इतर प्रतापगढ़ जनपद की हकीकत...!!!
प्रतापगढ़ को छः माह पहले ओडीएफ का तमगा तो काबिल अधिकारियों द्वारा दे दिया गया,परन्तु खुले में आज भी शौंच के लिए जाते हैं,शहरी...!!
योगी और मोदी की सरकार की हकीकत... 
जिले को कई माह पहले ओडीएफ घोषित कर दिया गया,परंतु हकीकत देखना हो तो सुबह शहर का भ्रमण कर लीजिए तो लोटा लिये लोग दिख जायेंगे। आखिर ऐसे ओडीएफ घोषित करने से क्या फायदा ? व्यवस्था में बैठे हुक्मरानों द्वारा इसे गम्भीरता से न लिये जाने के कारण इसकी ये दुर्दशा हुई है। समस्या का हल महज कागज पर दिखा देने से कार्य पूरा नहीं हो जाता। उस कार्य को धरातल पर उतारना होगा तभी कागजी कोरम का असर दिखेगा। शहर में सुबह सैकड़ो लोंगो को खुले में शौच करते देखा जा सकता है। जब शहर की ये दशा है तो गांव में खुले में शौच की बातकरना ही बेकार है। प्रशासन अगले दस वर्षो तक शहर को शौच मुक्त बना ले तो भी बड़ी बात होगी। इस तरह तो गांव में अभी सैकड़ों वर्षो लग जायेंगे।
शौच के लिए बाहर खुले में जाते हैं,युवा सोच के लोग...
देश के पीएम मोदी जी की ये योजना भ्रष्ट अधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के लिए सिर्फ कमाई का जरिया बनकर रहका गया। ओडीएफ अभियान की बात करें तो भ्रष्ट अधिकारी इसे कमाई का साधन बना चुके हैं। ग्राम प्रधान से लेकर विकास से जुड़े हर बड़े अफसर इस योजना से मालामाल हो गए। प्रत्येक शौचालय में 2000 व प्रधानमंत्री आवास में 40000 का खुला रेट है जो जागरूकता भी की जाती है,वह भी कमाई का ही हिस्सा है। शर्म आनी चाहिए जब शहर में लोग शौच के लिए बाहर खुले में जाते हैं तो गाँव को शौच मुक्त की कल्पना भी करना अतिश्योक्ति है।
बिल्डिंगों के बीच खुले में शौंच को जाता अधेड़...
ओडीएफ योजना के तहत पंचायत प्रतिनिधियों और भ्रष्ट अफसरों द्वारा सरकारी कोष को दोंनो हाथों से लूटा जा रहा है। सरकार जब कोई योजना तैयार करती है तो उसमें बैठा भ्रष्ट अफसर उसमें खाने कमाने के लिए व्यवस्था कर लेता है। शायद इसीलिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने कहा था कि केंद्र की योजना के तहत भेजे जाने वाले धन का 90फीसदी हिस्सा भ्रष्टचार की भेंट चढ़ जाता है। सिर्फ 10फीसदी ही धन कार्य में लग पाते हैं। ये वो यथार्थ है जो सामान्यतः कोई स्वीकार नहीं करता,परंतु पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने सार्वजनिक रुप से स्वीकार किया था।

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