पुलिस की नाक में दम करने वाला एक लाख इनामिया शहर में खुलेआम घूमने का समाचार व्हाट्सएप ग्रुपों पर चलने के बाद भी प्रतापगढ़ की सुस्त पुलिस सोती रही...!!!
एसटीएफ के रडार पर आया शातिर अपराधी तौकीर तो प्रतापगढ़ के चिलबिला कोट के पास बीती रात में बेखौफ बदमाश का एसटीएफ ने किया काम तमाम...!!!
अभी तक प्रतापगढ़ में दर्जनों बार हुई मुठभेड़ में एक भी बदमाश को प्रतापगढ़ पुलिस नहीं कर सकी थी,ढेर...!!!
बेल्हा प्रतापगढ़ में बेखौफ बदमाशों को पुलिस महकमें से कौन करता रहा,अभी तक मुखबिरी...???
अस्पताल में चिकित्सकों ने कुख्यात अपराधी को किया मृत घोषित... |
![]() |
प्रतापगढ़ का डॉन बनना चाहता था,तौकीर... |
सालों से आमजन जीवन में आतंक पैदाकर रंगदारी का धंधा करने वाले पर पहली बार एसटीएफ ने शिकंजा कसा। लगातार लोकेशन को ट्रेस करते रहने से बीती रात बेखौफ बदमाशों और STF के बीच चिलबिला में सही मुठभेड़ हुई। नतीजा सबके सामने है। अब कोई सवाल नहीं उठाएगा। क्योंकि मुठभेड़ में एक लाख के इनामियां शातिर अपराधी तौकीर को एसटीएफ ने मौत के घाट उतार दिया है। अभी तक प्रतापगढ़ की पुलिस और अपराधियों के बीच जो मुठभेड़ होने की खबर आती थी वो किसी दंगल से कम नहीं होती थी। यहाँ पकड़ा, वहाँ मारा। इधर भागा, उधर गया। कभी शनिदेव धाम के पास जंगल में भुठभेड़ तो कभी गायघाट के पुल के पास भुठभेड़ तो कभी किसी नदी के किनारे भुठभेड़ प्रतापगढ़ की पुलिस दिखाया करती थी और पुलिस द्वारा बदमाशों के पैर में गोली मारने और बदमाशों द्वारा पुलिस के हथेलियों में गोली मारने का जैसे चलन सा हो गया था। प्रतापगढ़ की पुलिस अपने ही हाथों अपनी पीठ जोर-जोर से थपथपा लेती थी। दो चार दिन बाद जब दूसरी बड़ी घटना घटित होती थी तो वही पुलिस मुँह चुराते फिरती थी। सही मुठभेड़ न होने से ही प्रतापगढ़ के बदमाश बेखौफ हो चुके थे। उन्हें पता हो गया था कि वो जब चाहेंगे या तो न्यायालय में आसानी से सरेंडर कर लेंगे अथवा पुलिस से सेटिंग कर सरेंडर कर लेंगे।
कई बेखौफ बदमाशों को लगा कि अब वो बाहरी दुनिया में सुरक्षित नहीं हैं तो चहरदीवारी के अंदर जाकर अपने दूसरे साथियों से अपना खेल जारी रखे। कल शाम शहर में इनामियां बदमाश तौकीर अपने साथी अपराधी के साथ शहर में बाइक से घूमते देखा गया था। तभी से किसी अनहोनी की आशंका आमजनों में ब्यक्त की जाने लगी थी। चिलबिला और कोहड़ौर के ब्यापारी से लगातार रंगदारी माँगी जा रही थी। सच तो ये है कि प्रतापगढ़ के 10फीसदी बड़े ब्यापारियों का पुलिस से भरोसा उठ गया था और वो अपने जीवन की सलामती के लिए बदमाशों द्वारा माँगी जाने वाली रंगदारी देने लगे थे। पुलिस भी इस तथ्य से अनजान नहीं रही। उसे ऐसी खबरों की जब भी भनक लगती थी कि किसी ब्यापारी ने किसी बदमाश को रंगदारी दी तो पुलिस उससे पूंछतांछ करने जरूत जाया करती थी, परन्तु रंगदारी देने वाला ब्यापारी पुलिस से साफ मना कर देता था तो असहाय होकर पुलिस लौट आती थी। पुलिस भी जानती थी कि ब्यापारीरंगदारी देने की बात क्यों स्वीकार नहीं रहा है ? अहम सवाल था, उसकी सुरक्षा का जो पुलिस नहीं दे पा रही थी। सुरक्षा ब्यवस्था के बाद भी बेखौफ बदमाशों द्वारा सदर मोड़ के पास सड़क से शोरूम की तरफ गोलियों की कई राउंड फायरिंग कर सबको चकित कर दिया था। ब्यापारी की तो रूह काँप गई थी। कुछ दिन बाद सदर मोड़ के पास तैनात पुलिसकर्मी जमील अहमद को बाइक सवार बदमाशों ने चेकिंग के दौरान रौंद कर भाग निकले थे। तभी से सब लोग सहम गए थे। ये सभी घटनाएं सभी सवालों की पुष्टि कर देती हैं।
![]() |
चिलबिला कोट के पास मुठभेड़ के बाद का नजारा... |
![]() |
जिला अस्पताल में मृतक तौकीर को देखते हुए STF के एसएसपी अभिषेक सिंह एवं प्रतापगढ़ के एसपी एस.आनंद... |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें