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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

मोदी के नाम पर सत्ता के नशे में चूर हैं,भाजपा के पदाधिकारी

सोशल मीडिया के एकाउंट्स पर पी एम मोदी के साथ वाली इमेज की DP लगा लेने मात्र से मोदी जैसी छवि नहीं हो जाती...!!!
पीएम मोदी की ईमानदारी की इमेज के नाम पर भाजपा एवं संघ के पदाधिकारी कथित चौकीदार बनकर कब तक सत्ता का रसास्वादन लेते रहेंगे भाजपाई...??? PM मोदी से जनता की अपील है कि वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेशाध्यक्षो सहित जिलाध्यक्षो एवं संगठन के पदाधिकारियों एवं संघ के जिम्मेदार पदाधिकारियों जो विधानसभा और लोकसभा के टिकट की पैरोकारी करते हैं,उन्हें लोकसभा और विधानसभा उम्मीदवारों की तरह मय हलफनामा अपनी चल व अचल संपत्तियों की कराएं,घोषणा...!!!
प्रधान चौकीदार से मिलते हुए प्रतापगढ़ के चौकीदार हरिओम मिश्र...
प्रतापगढ़। भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र के बारे में लोंगो का मत था कि ये संघ से आये हैं और ईमानदार होंगे,परंतु BJP के जिलाध्यक्ष की कमान संभालते ही उन्होंने अपना रंग दिखाना शुरू किया। 6 माह के अंदर ही हरिओम जी का चाल,चेहरा और चरित्र सबके सामने हैं। सबसे पहले हरिओम मिश्र पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी की तरह एक लग्जरी गाड़ी की ब्यवस्था किये। थोक भाव में शस्त्र लाईसेंस बनाते समय जिलाधिकारी शम्भू कुमार जाते-जाते भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र ने भी शस्त्र लाईसेंस करा लिये। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र जी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं और उनका शहर में कोई रिहायशी ठिकाना न होने के कारण एक चर्चित होटल ब्यवसायी को भाजपा में शामिल कराकर उसे ब्यापार प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बना दिया।
भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र की पूरी खातिरदारी का जिम्मा वह होटल ब्यवसायी उठाना शुरू किया। उस होटल ब्यवसायी को भी सत्ता की हनक की आवश्यकता थी। क्योंकि वह होटल ब्यवसायी विवादित है। उसके होटल में 10लोग जल मरे थे और दो दर्जन से अधिक घायल होकर मरणासन्न की दशा में पहुँच गए थे। ढाई वर्ष तक होटल बन्द रहा। अधिकारियों को प्रभावित कर होटल मालिक ने उसी बिल्डिंग में पुनः नाम बदलकर होटल का धंधा शुरू कर दिया। होटल के पुनः संचालन में होटल ब्यवसायी को बहुत पापड़ बेलने पड़े थे,क्योंकि होटल में अग्निकांड के बाद होटल का न तो लाईसेंस मिला था और न ही स्वीकृत मानचित्र के अनुसार होटल की बिल्डिंग का निर्माण ही हुआ था। लिहाजा जिलाधिकारी ने होटल स्वामी को सुनकर मेरिट पर त्रिस्तरीय कमेटी गठित कर दाखिल अपील को निस्तारित किया।
जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने उक्त होटल की अवैध बिल्डिंग को ध्वस्तीकरण का आदेश तो दिया परन्तु उसे अमल में नहीं लाया गया। होटल का स्वामी अपने शातिराना चाल से आगे बन्द रखते हुए बगल होटल से उसमें अंदर ही अंदर काम लगाकर उसे दुरुस्त कराया। फिर उसमें फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक शॉप का बोर्ड लगाकर उस बिल्डिंग को पुनः खोल दिया। ये सिर्फ होटल स्वामी का एक टेस्ट था। बाद में असल कार्य पुनः होटल का संचालित होने लगा। होटल का सिर्फ नाम बदला गया। अब ये होटल पूरी तरह से भाजपाई हो चुका है। क्योंकि भाजपा के सारे नेता इस होटल को अपना केंद्र बिंदु मानकर चल रहे हैं। भाजपा के बड़े नेता और कैबिनेट मंत्री भी इसी होटल में प्रेस कांफ्रेन्स तक करते हैं। आखिर सवाल उठता है कि मंत्रियों के रुकने का प्रोटोकॉल होता है। आखिर नियम विरुद्ध बिल्डिंग में अनाधिकृत रूप से संचालित होटल में जिला प्रशासन मंत्रियों का प्रोटोकॉल कैसे दे देते हैं ?
भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र तो उक्त होटल में अपना एक कमरा सुरक्षित करा लिया था। बाद में खबर चली तो जिलाध्यक्ष ने कमरा छोड़ दिया,परन्तु होटल ब्यवसायी से भाजपा जिलाध्यक्ष के सम्बंध की चर्चा चहुँओर है। आम जनमानस में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि हरिओम जी तो पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी से भी दो कदम आगे निकल गए। लोंगो की जुबान पर ये चर्चाआम है कि भाजपा के जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र का प्रभाव कितने में बेंचते हैं ? चूँकि बिना लाभ के कोई किसी पर क्यों पैसा खर्च करेगा ? किसी को क्यों सुविधाओं से लैश करेगा ? बिना लाभ के कोई किसी को कुछ भी नहीं देता। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र का राजनीतिक भविष्य पर कहीं होटल ब्यवसायी का ग्रहण न लग जाए ! देश के पी एम मोदी के नाम पर पूरी भाजपा और उसके पदाधिकारी अपनी पर्सनाल्टी दिखाना चाहते हैं,परन्तु मोदी वाला त्याग नहीं करना चाहते। शायद इसीलिए जनमानस में ये बाते अक्सर कही जाती है कि आज वही ईमानदार है,जिसे लूटने का मौका नहीं मिला...!!!

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