पद्मश्री का पुरस्कार पाकर लोकगायक हीरालाल यादव प्रधानमन्त्री मोदी के हुए मुरीद...
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16 मार्च 2019 को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में उत्तर प्रदेश के लोकगायक हीरालाल यादव को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया। बिरहा लोक गायन से जुड़े हीरालाल यादव अपने आप में अनोखी शख्सियत हैं। लोक गायन की बिरहा विधा के शीर्ष गायक और बिरहा सम्राट माने जाने वाले सादगी पसंद हीरालाल यादव का नाम इस बिसर रही कला को एक बार फिर से आसमान देने के लिए लिया जाता है। मूलरूप से वाराणसी में हरहुआ ब्लाक के बेलवरिया निवासी हीरालाल यादव का जन्म वर्ष 1936 में चेतगंज स्थित सरायगोवर्धन में हुआ। उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा, भैंस चराने के दौरान शौकिया गाते-गाते अपनी सशक्त गायकी से बिरहा को आज राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई और बिरहा सम्राट के रूप में प्रख्यात हुए। उन्होंने वर्ष 1962 से आकाशवाणी व दूरदर्शन पर बिरहा के शौकीनों को अपना दीवाना बनाया। भक्ति रस में पगे लोकगीत और कजरी पर भी श्रोताओं को खूब झुमाया, वहीं गायकी में शास्त्रीय पुट ने बिरहा गायन को विशेष विधा के तौर पर पहचान दिलाई है। जो आज उनको पद्मश्री सम्मान तक लेकर आयी है। इसके पहले गृह मंत्रालय की ओर से फोन पर पद्मश्री सम्मान प्रदान करने की सूचना आई तो उनका पूरा परिवार झूम उठा। बीमार हाल, और गहरी नींद में सोये बिरहा गायक को किसी तरह परिजनों ने जगाकर यह जानकारी दी गई। बेसुध से लेकिन पद्मश्री की बात सुन थोड़े आनमान हुए और कहा ई लोक गायकी अउर लोक गायकन क सम्मान हौ। ए तरह के प्रयासन से डूबत बिरहा उबर जाई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा देरी से ही सही केहू त सोचेलस। हर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस प्रयास के लिए धन्यवाद देते हैं और लोकगायक हीरालाल को शुभकामना और बधाई प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से हमारी गुजारिश है कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में भी कई शख्सियतें लोकगायन से जुड़ी हुई हैं, कभी उनकी ओर भी एक नजर डालें तो अच्छा होगा।
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हीरालाल यादव को पद्मश्री का पुरस्कार प्रदान करते राष्ट्रपति कोविंद... |
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