वो जहाज डूबने वाला है मितरों...जान बचानी है तो आओ मेरी नाव पर सवार हो जाओ...!!!
जन की बात...!!!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में वो फ़ौज पूरी तैयारी के साथ डट गयी है जिसका सामना करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। जी हां मैं बात कर रहा हूं,आधी आबादी की। राजनीतिक चर्चा परिचर्चा से कोसों दूर रहने वाली मेरी होम मिनिस्टर (श्रीमती जी) भी अब अक्सर चिंतित मुद्रा में अपनी प्रतिक्रिया देती रहती हैं कि " मोदी का जीतना #बहुत जरूरी है"। मेरे लगभग सभी पारिवारिक मित्रों के घरों की भी यही स्थिति है। शून्य राजनीतिक रुचि वाली उनकी पत्नियों का मोदी के प्रति उमड़ने वाला अनुराग अक्सर मुझे चौंका देता है। नई दिल्ली के लुटियनिया अड्डों के एयरकंडीशनड स्टूडियो में बैठे चुनावी लाल बुज्झकड़ो को ये चुनावी समीकरण कभी समझ में नहीं आएंगे। लेकिन यह स्थिति केवल शहरों की ही नहीं है। सम्भवतः बिहार या पूर्वी उत्तरप्रदेश के किसी कस्बे/गांव में मोदी के पक्ष में किसी रणचंडी की तरह दहाड़ रहीं, झांसी की रानी सरीखे तेवरों वाली इन महोदया के तेवर देखिए तो समझ में आता है कि हवा का रुख क्या है। यह तेवर बताते हैं कि मोदी विरोधियों तुम्हारी खैर नहीं। क्योंकि इस महिला मोर्चे के प्रचारतंत्र का वार/प्रहार कभी खाली नहीं जाता। विरोधी चारों खाने चित्त होकर धराशायी हो जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें