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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

शिवसेना ने गठबंधन की सारी हदे कर दी है,पार आजिज होकर भाजपा कर सकती है,तौबा

शिवसेना के रोज-रोज की बनरघुड़की से भाजपा भी हो गई है,आजिज...!!!
महाराष्ट्र सरकार में सत्ता मे साझेदार शिवसेना की व्यंगबाणों से अब घायल होने के मूड में नही बीजेपी अब मातोश्री नही जायेंगे बड़े केंद्रीय नेता,बीजेपी अध्यक्ष शाह 2साल में 3बार जा चुके हैं मातोश्री मुख्यमंत्री फडणवीस,प्रदेशाध्यक्ष दानवे ही अब करेंगे शिवसेना से सब कुछ क्लियर दिल्ली,महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना अक्सर मोदी,योगी व पार्टी की तीखी आलोचना कर कभी राहुल की प्रशंसा तो कभी विपक्षियों के साथ करती रहती है,जुगलबंदी महाराष्ट्र में बीजेपी ने अब शिवसेना को अपने बड़े भाई वाला तेवर दिखाना शुरु कर दिया है। बीजेपी सूत्रों से पता चला है कि शिवसेना से बात करने केंद्रीय स्तर कोई भी नेता अब मुंबई में नही आएगा। आनेवाले चुनाव के लिए गठबंधन से जुडी जितनी भी बातें है वह स्थानीय नेता यानी प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही करेंगे। शिवसेना बीजेपी के साथ  केंद्रीय व प्रदेश की सत्ता में होते हुए भी, लगातार पीएम नरेंद्र मोदी,योगी और केंद्र सरकार को टार्गेट कर रही है। यह अब बीजेपी को न तो बर्दाश्त हो पा रहा है और न ही अब सर पर बिठाए रखना चाहती है। 
पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियों के बीच खुली बयानबाजी तो नहीं, लेकिन परदे के पीछे गठबंधन के बावजूद एक दूसरे को आँख दिखाने की राजनीति हो रहीं है। इसके बावजूद भी शिवसेना का बीजेपी को परेशान करने का सिलसिला नहीं रुका है। आए दिन शिवसेना का मुखपत्र सामना में पीएम मोदी, सीएम फडणवीस, यूपी के मुख्यमंत्री योगी और केंद्र सरकार को निशाना बनाया जा रहा है,जिससे बीजेपी के हलकों में नाराजगी है।शिवसेना-बीजेपी 1995 में पहली बार हिंदुत्व के मुद्दे पर एक साथ आई और सत्ता तक पहुंची। उस वक्त बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे की जोडी ने शिवसेना के साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाया था। चुनाव के आते ही बीजेपी के नेता उस वक्त मातोश्री पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से मिलते थे और फिर गठबंधन का ऐलान होता था।पिछले साल तक यहीं हो रहा था। लेकिन जब से पिछले चुनाव में शिवसेना बीजेपी से अलग होकर लड़ी है,तब से पार्टी में असन्तुष्टता है।उद्धव ठाकरे अपना लोहा मनवाने की फिराक में अपने बलबुते पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है। उन्होंने बीजेपी और मोदी को टारगेट करते हुए राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी को जाल में फंसाने की कोशिश की।वह आए दिन बीजेपी के खिलाफ नया बयान देते रहते है, जिससे बीजेपी का पारा चढ़ता जा रहा है। 
शिवसेना सत्ता में होते हुए भी विरोधी पार्टियों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन के मंच पर जाती है और सरकार के खिलाफ़ बगावती बिगुल फूंकती रहती है। यह बीजेपी के नेताओं को अब गंवारा नहीं है। जिसको लेकर अब शिवसेना के खिलाफ आवाज उठनी शुरु हो गई है। शिवसेना से अब मातोश्री में जाकर बात नहीं होगी ऐसे बीजेपी के सूत्र बताते हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पिछले दो सालों में तीन बार मातोश्री पर गए है। बार बार फोन पर बाते की जा रही है,लेकिन शिवसेना द्वारा बीजेपी पर निशाना साधना थमा नहीं है। बीजेपी के अंदरूनी सूत्र बताते है कि अब केंद्रीय स्तर का कोई भी नेता शिवसेना के साथ बात नहीं करेगा,ऐसा फैसला लिया गया है गठबंधन की जो भी बातें करनी है वह बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष रावसाहेब दानवे,मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस,वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ही करेंगे,ऐसा निर्णय पार्टी हाइकमान ने लिया गया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में यह काफी गरमागरम खबर है। क्योंकि अपने बंगलानुमा घर मातोश्री से कभी रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने वाले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे अब नहीं रहे है।उनके बेटे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे इन दिनों बीजेपी से खुला ताल ठोक रहे है। बीजेपी यह जानती है कि बाल ठाकरे को वह टाल नहीं सकते थे,लेकिन उद्धव ठाकरे को नियंत्रित करने के लिए राजनीति का इस्तेमाल अब बीजेपी के नेता करने वाले है। जिसके तहत मातोश्री मीटिंग स्किप करने का फैसला लिया गया है।

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