सपा में शामिल होने वाले का तो लाइव प्रसारण किया जा रहा है और जो सपा के सिम्बल से MLAऔर MLCएवं जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं वो दूसरे दलों में पदाधिकारी कैसे बन रहे हैं...???
लखनऊ। सपा में शामिल होने वाले का तो लाइव प्रसारण किया जा रहा है और सपा से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में जाने वाले विधायक एवं MLC एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं प्रदेशध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल से सवाल करने पर उन्हें साँप सूंघ जाता है और मुंह में सुलेसन चिपक गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव,प्रदेशध्यक्ष नरेश उत्तम एवं जिलाध्यक्ष राम सिंह पटेल में इतना दम नहीं कि वो प्रतापगढ़ से समाजवादी पार्टी से निर्विरोध MLC निर्वाचित हुए अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी,जिला पंचायत अध्यक्ष उमा शंकर यादव जी एवं राम अचल वर्मा समेत दर्जनों सपाई जो अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पदाधिकारी बन चुके हैं,उन्हें आज तक समाजवादी पार्टी से निष्कासित करने की हिम्मत नहीं कर सके। जबकि MLC अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी एवं प्रतापगढ़ के जिला पंचायत अध्यक्ष उमा शंकर यादव तो सपा के सिम्बल से निर्वाचित हुए हैं तो सवाल उठना लाजमी होता है कि सपा से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की सदस्यता लेने के पश्चात इनकी सदस्या वैध है या अवैध...? क्या भारत निर्वाचन आयोग में राजनीतिक दल के रजिस्ट्रेशन के दौरान 100 सदस्यों के शपथ पत्र भी झूठा दाखिल किया जाता है ? ये सवाल इसलिए कि अखिलेश यादव के सगे चाचा शिवपाल यादव जो समाजवादी पार्टी के सिम्बल से जसवंतनगर से विधायक निर्वाचित हैं। फिर सपा के सदस्य रहते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराकर उसका मुखिया कैसे बन गए...? राजनीतिक दल के रजिस्ट्रेशन में शपथ पत्र में ये घोषणा करना पड़ता है कि वो किसी दल का प्राथमिक सदस्य नहीं है। यहाँ तो प्राथमिक सदस्य की बात दीगर रही सपा के सिम्बल से विधायक होते हुए दूसरे दल का रजिस्ट्रेशन कराकर उस दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे बन गए ? परंतु भारत निर्वाचन आयोग को भी धता बताकर अपनी चुनावी बाजार गर्म करने में मस्त हैं। भ्रष्ट व्यवस्था में कोई पूँछने वाला नहीं है...!!!
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