बिजनेस टायकून हाशिम प्रेमजी ने ठुकराया था,जिन्ना का ऑफर...!!!
बेटा अजीम प्रेमजी बना भारत का दूसरा बड़ा अमीर...!!!
हाशिम अपने दौर के कुकिंग ऑयल व चावल के बड़े कारोबारी भी थे वो तब के बम्बई में कमीशन एजेंट के तौर पर भी करते थे,काम...!!!
बेटा अजीम प्रेमजी बना भारत का दूसरा बड़ा अमीर...!!!
हाशिम अपने दौर के कुकिंग ऑयल व चावल के बड़े कारोबारी भी थे वो तब के बम्बई में कमीशन एजेंट के तौर पर भी करते थे,काम...!!!
अज़ीम प्रेमजी ने बदलते वक्त को पहचान खड़ी किये विप्रो जैसी भारी भरकम कम्पनी...!!!
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद लाखों लोगों ने बॉर्डर के दोनों तरफ जिदंगी की नई शुरुआत की थी। वैसे तो पाकिस्तान मुसलमानों के लिए बना, लेकिन आज भी पाक से ज्यादा मुसलमान भारत में रहते हैं। ऐसे मुस्लिम बिजनेसमैन जिन्होंने बंटवारे के दौर में पाकिस्तान के फाउंडर मुहम्मद अली जिन्ना के फाइनेंस मिनिस्टर बनाने के ऑफर को ठुकराकर भारत में रहना पसंद किया था,और आज उस बिजनेसमैन हाशिम प्रेमजी का बेटा अजीम प्रेमजी देश के टॉप 5 अमीरों में शामिल हैं।
अजीम प्रेमजी के पिता को मिला था यह ऑफर...!!!
मोहम्मद हाशिम प्रेमजी देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अजीम प्रेमजी (Azim Premji) के पिता थे। हाशिम प्रेमजी अपने दौर में चावल और कुकिंग ऑयल के मशहूर कारोबारी हुआ करते थे। उन्हें राइस किंग ऑफ बर्मा कहा जाता था। कॉरपोरेट जगत में वह इसी नाम से मशहूर थे।उनकी कंपनी वेस्टर्न इंडिया प्रोडक्ट इंडिया प्रोडक्ट लिमिटेड चावल का कारोबार करती थी। हाशिम प्रेमजी बॉम्बे (वर्तमान में मुंबई) में कमीशन एजेंट के तौर पर भी काम किया करते थे।
चावल के अलावा करते थे ये कारोबार...!!!
हाशिम प्रेमजी चावल के अलावा कुकिंग ऑयल और कपड़े धोने के साबुन का भी प्रोडक्शन था।उनके कुकिंग ऑयल का नाम सन फ्लावर वनस्पति था। जबकि कपड़े धोने का साबुन 787 ब्रांड नाम से बेचा करते थे।दरअसल यह साबुन कुकिंग ऑयल के बाईप्रोडक्ट के तौर पर बनता था।
बेटा बन गया दूसरा बड़ा रईस...!!!
भारत में रहने का हाशिम प्रेमजी का फैसला सही साबित हुआ। पाकिस्तान अपने गठन के बाद भारत के साथ एक लंबे युद्ध में फंस गया। बांग्लादेश के निर्माण के साथ ही उसका द्विराष्ट्र के सिद्धांत का सपना भी चूर हो गया। उधर हाशिम प्रेमजी की मौत हो गई और उनके बेटे अजीम प्रेमजी ने कंपनी की कमान संभाली। अजीम प्रेमजी ने कंपनी को डाइवर्सिफाई किया और विप्रो (Wipro) को आईटी सेक्टर में उतारा। इसके नतीजे साफ दिखे और आज वह देश के दूसरे सबसे रईस व्यक्ति हैं।
यह बात 1944 की है,मुस्लिम लीग पाकिस्तान के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही थी। मुस्लिम लीग कांग्रेस की ही तर्ज पर एक नेशनल प्लानिंग कमेटी बनाना चाहती थी। जिन्ना को इसके लिए पढ़े लिखे और प्रतिष्ठित मुसलमानों की जरूरत थी। उन्होंने इस कमेटी में शामिल होने के लिए हाशिम प्रेमजी को आमंत्रित किया। लेकिन सीनियर प्रेमजी का भरोसा एक धर्मनिरपेक्ष भारत में था। उन्हें भारत में ही अपना भविष्य सुरक्षित लगता था। लिहाजा उन्होंने जिन्ना के इस ऑफर को बड़े ही साहस के साथ नकार दिया। जिन्ना ने कहा-पाक आ जाओ मिनिस्टर बना दूंगा,लेकिन प्रेमजी ने फिर ठुकराया ऑफर। हाशिम प्रेमजी जैसे धर्म निरपेक्ष मुसलमानों की ना के बाद भी जिन्ना देश का बंटवारा करवाने में सफल रहे। जब देश बंटा तो जिन्ना को पाकिस्तान के निर्माण के लिए एक बार फिर हाशिम प्रेमजी की याद आई। जिन्ना ने उन्हें इस बार पाकिस्तान का फाइनेंस मिनिस्टर बनाने का ऑफर दिया।लेकिन इस बार भी उन्होंने जिन्ना का ऑफर ठुकरार दिया और भारत में रही रहने का फैसला किया।
कितनी है प्रेमजी की संपत्ति...???
ब्लूमबर्ग (Bloomberg) के मुताबिक, अजीम प्रेमजी (Azim Premji) करीब 18 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं। पहले नंबर मुकेश अंबानी हैं, जिनकी कुल पर्सनल नेटवर्थ लगभग 48 अरब डॉलर है। अजीम प्रेमजी एक समय देश के नंबर-1 अमीर भी रह चुके हैं। इंडियन कॉरपोरेट सर्किल में प्रेमजी को उनकी सादगी के लिए भी जाना जाता है। अजीम प्रेमजी ने कुछ वर्ष पूर्व 5500 करोड़ रुपये शिक्षा के सुधार हेतु दान भी क्या था। वो सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते है और अपनी मोटी कमाई में से समाज की बेहतरी के लिए बड़ी धनराशि करते रहते है डोनेट।
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