Breaking News

Post Top Ad

Your Ad Spot

बुधवार, 13 फ़रवरी 2019

धन और धर्म दोंनो गंवाना हो तो कथित अपना दल कृष्णा गुट से लोकसभा उम्मीदवार बन जाईये

भारत निर्वाचन आयोग को धता बताने की हिम्मत रखते हैं,देश के जनप्रतिनिधि...!!!
अपना दल में माँ बेटी के बीच हुए विवाद में गोपनीय तरीके से अपना दल एस का जन्म हुआ। इसीबीच उ प्र में विधान सभा वर्ष-2017का चुनाव हुआ और NDA के घटक दल में अपना दल एस शामिल हुआ। अंततः अपना दल पर भारत निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया। प्रतिबंध के बावजूद कथित अपना दल कृष्णा गुट नाम से पूंजीपतियों पर कृष्णा पटेल और उनकी पुत्री पल्लवी पटेल ने डोरे डाले तो कुछ विधानसभाओं में उन्हें अच्छे और पूंजीपति उम्मीदवार मिल गए। ये वो उम्मीदवार थे जो किसी दूसरी दल से टिकट की इच्छा रखते थे परंतु टिकट न मिलने पर वो कथित अपना दल कृष्णा गुट के उम्मीदवार बन गए। उन्हें ऐसा लगता था कि सोनेलाल की बेवा के नाम पर पटेल बिरादरी का मत कृष्णा पटेल के जरिए सहानुभूति में उन्हें मिल जायेगा। ये उन उम्मीदवारों की भारी भूल थी। नामांकन के बाद कथित अपना दल कृष्णा गुट के सभी उम्मीदवार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में माने गए। यहाँ तक कि वो उम्मीदवार जब अपनी जनसभाओं और गाड़ियों में अपना दल का झंडा,बैनर एवं पोस्टर लगाए तो उन पर अपना दल एस के उम्मीदवारों द्वारा शिकायत की गई,जिसके परिणाम स्वरूप उन उम्मीदवारों पर अलग-अलग थानों में मुकदमें तक लिखे गए। विश्वनाथगंज से राकेश सिंह सोमवंशी कथित अपना दल कृष्णा गुट से उम्मीदवार रहे तो उन पर मानधाता थाने में मुकदमा लिखा गया और सदर विधान सभा से प्रमोद कुमार मौर्य के विरुद्ध कोंहडौर थाने में मुकदमा लिखा गया था। आज प्रमोद कुमार मौर्य समाजवादी पार्टी में हैं तो राकेश सिंह सोमवंशी जी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी में हैं। लोकसभा चुनाव की आहट होते ही कथित अपना दल कृष्णा गुट फिर से सक्रिय हो गया और उम्मीदवार की तलाश में कृष्णा पटेल और उनकी पुत्री पल्लवी पटेल अपनी दुकान सजाकर उसका प्रचार प्रसार शुरू कर दी हैं। न्याय रैली की शुरुवात प्रतापगढ़ से करके उसमें सपा से बगावत करके नया दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाकर शिवपाल यादव भी कृष्णा पटेल का समर्थन करने प्रतापगढ़ आए और कृष्णा पटेल को अपनी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा तक कर गए। प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद कुंवर हरिवंश सिंह अपना दल से सांसद हैं,परंतु विवाद के बाद सांसद कुंवर हरिवंश सिंह अलग-थलग पड़ गए हैं। वो कन्फ्यूजन में हैं कि वो क्या करें। न्याय रैली में कुंवर हरिवंश सिंह कथित अपना दल कृष्णा गुट के मंच पर न दिखे और न ही जनसभा में सरीक हुए। कृष्णा पटेल को स्वयं को इस बार उम्मीदवार होने की घोषणा की हैं। यानि इस बार पूंजीपति की तलाश अन्य संसदीय सीट पर होगी और कृष्णा पटेल स्वयं प्रतापगढ़ संसदीय सीट से उम्मीदवार होंगी। सवाल वही फिर फाड़कर खड़ा है कि जब विधान सभा वर्ष-2017में अपना दल को निर्दलीय माना गया तो वर्ष-2019 के लोकसभा आम चुनाव में अपना दल को कैसे मान्यता मिल सकेगी ? यदि कथित अपना दल कृष्णा गुट पुनः निर्दलीय ही ट्रीट हुआ तो उसे उम्मीदवार टार्च लेकर खोजने पर भी नहीं मिलेंगे। क्योंकि विधान सभा में पूंजीपति उम्मीदवार अपनी पूंजी भी गँवाए और अपनी ईमेज भी गँवाए। यानि उनका धन भी गया और धर्म भी चला गया...!!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Top Ad

Your Ad Spot

अधिक जानें