प्रधानमंत्री मोदी के सियोल यात्रा के बाद उत्तर कोरिया के तऱफ से आये इस बयान के है गहरे कूटनीतिक अर्थ...!!!
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दोनों कोरिया व अमेरिका उत्तर कोरिया के बीच मजबूत मध्यस्थ की भूमिका निभाने को है तैयार...!!!
चीन को माना जाता है पाकिस्तान व उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा सरपरस्त...!!!
उत्तर कोरिया ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा की है। प्योंगयांग ने कहा है कि वह आतंकवाद के सभी रूपों का पुरजोर विरोध करता है।
उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, 'हम उस त्रासद घटना पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसमें कई भारतीय सुरक्षाकर्मियों की जान गई। जम्मू एवं कश्मीर में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के परिणामस्वरूप यह हुआ।' पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने इस हमले की जिम्मेवारी ली है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करना डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया का स्थायी सिद्धांत है।' यह निंदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियोल यात्रा के बाद की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों कोरिया और अमेरिका एवं उत्तर कोरिया के बीच चल रही वार्ता में भारत के मजबूत समर्थन की पेशकश की। प्योंगयांग के नेता किम जोंग उन वियतनाम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 27-28 फरवरी को दूसरे दौर की शिखर वार्ता करेंगे।
चीन को पाकिस्तान व उत्तर कोरिया के सबसे बड़ा सरपरस्त व मजबूत मददगार माना जाता है,चाहे पाकिस्तान हो या उत्तर कोरिया दोनों देशों को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बना चीन एक तरफ भारत को पाकिस्तान के जरिये तो दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के बाबत अमेरिका की नकेल कसने की युक्ति भिड़ाता रहता है।
इसके बाद भी उत्तर कोरिया ने जिस तरह से पाकिस्तान की आलोचना विश्व मंच पर कर भारत के पक्ष में खुलेआम उतरा है वो प्रधानमंत्री मोदी की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।इस मुद्दे पर चीन ने भी पाकिस्तान को जोर का झटका दे कर भारत की वैश्विक ताकत को स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
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