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मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019

आमजन से दूरी वाले एसपी को सरकार ने किया रवाना

7माह के कार्यकाल में तमाम सुर्खियों व दबी जुबां को मसाला दे गए, निवर्तमान पुलिस अधीक्षक डी.पी.सिंह...!!! 
कइयों आपराधिक वारदातों के खुलासे पर आज भी यकीं नही कर पा रहे लोग...!!! 
देखना दिलचस्प रहेगा कि नवागत पुलिस अधीक्षक "ईमानदार सिंघम" बन अपराधियों पर अपनी फोर्स ले टूट पड़ेंगे कि फिर वही पुरानी पिक्चर देखेगे जौनपुरिया...!!! 
अपराधआमजन से दूरी वाले एसपी को सरकार ने किया रवाना मुक्त प्रदेश के नारे पर बहुमत से आयी योगी सरकार के वादे व दावे पर कतिपय जनप्रतिनिधियों के सत्ता सम्मोहन में नाच जाते है,अफ़सरान...!!! 
पुलिस  अधीक्षक दिनेश प्रताप सिंह के कार्यकाल में अपराधिक गतिविधियों की बाढ़ ने आम जनता को इतना त्रस्त कर दिया कि लोग शासन और सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाने  लगे। सीधे-साधे निर्धन लोगों की कोई सुनवाई नहीं रही माफिया और धन्ना सेठों ने सत्ता से गठजोड़ कर खूब मनमानी किया।पुलिस कप्तान कार्यालय में बैठते ही नहीं थे और यदि बैठते भी थे तो आम जनता से मिलते ही नहीं थे अपने शिविर कार्यालय पर तो कतिपय विधायकों व सत्ता पक्ष के लोगों के अलावा किसी से मिलना जुलना शायद उनको रास नही आता रहा हो। यही कारण रहा कि इनके 7 माह के कार्यकाल में तमाम वारदातें हुई जिनसे शिराज-ए-हिन्द के नाम से जगप्रसिद्ध जौनपुर नागरिकों की घिघ्घी बंधी ही रही। कुछ घटनाओं व उसके पश्चात पुलिसिया कार्यशैली से बहुत कुछ समझा जा सकता है आला अफ़सरान को। 
शाहगंज कस्बे में दिन दहाड़े वेस्टर्न यूनियन के संचालक से 7:30 लाख रुपए लूट की गई। यह संचालक,पंजाब नेशनल बैंक की स्थानीय शाखा से ₹7,50,000 लेकर जा रहे थे कि बाजार में ही लुटेरों ने असलहे से आतंकित कर साढे सात लाख रुपया लूट लिया।शोर शराबा मचने पर हरकत में आई तेज तर्रार पुलिस ने जिस व्यक्ति को ₹45,000 बरामदगी दिखाकर जेल भेजा सके बारे में शरगोशियाँ अभी भी गर्म है कि पुलिस से दबाव के चलते अपनी राजसिंहासन बचाने के क्रम में अपने ही एक विस्वस्त मुखबिर को जेल रवाना करवा दिया। जौनपुर शहर के बड़े ईशा हॉस्पिटलके मालिक डॉक्टर  रजनीश श्रीवास्तव से बदमाशों ने  कुख्यात माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी के नाम पर 2 करोड़ रुपए गुण्डाटैक्स के नाम पर हफ्ता मांगा था। उस बेहद चर्चित व हाईप्रोफाइल मामले का जिस तरह से पटाक्षेप पुलिस ने किया था उसको भी लेकर चर्चाएं बहुत दिनों तक रही।खुटहन और चंदवक थाना अंतर्गत दो दो हत्या एक ही दिन हुई चंदवक थाना अंतर्गत नर कटा गांव में असलहे के बल पर एक प्राइवेट बैंक कर्मी से डेढ़ लाख रुपए लूट लिए गए।
चंदवक थाने के  भूलन डीह के पूर्व प्रधान बृजेश सिंह को हौसलाबुलन्द अपराधियो ने दिनदहाड़े हत्या कर दी। फिर भी थानाध्यक्ष थानेदारी करते रहे पुलिस अधीक्षक उसके सिंहासन को हिला भी न पाये।वजह निवर्तमान एसपी ही नही अंदरखाने की ख़बर रखने वाले चटखारे लेकर इस बाबत बतियाते है। चोरी और वाहन चोरी की घटनाओं ने पुलिसिया कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी। विवादित जमीनों पर अवैध कब्जे की घटनाओं ने आम जनमानस के हृदय को झकझोर कर हाई कोर्ट,सुप्रीम कोर्ट के साथ ही सख्त प्रशासक की छवि बनाने में लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस जिले में हांफना पड़ जा रहा है अपनी ही पुलिस से। प्लाटिंग के व्यापार में लगे लोग मालामाल हो गए यह कार्य पुलिस दफ्तर के अगल-बगल भी बेरोकटोक हुआ।बलात्कार और दुष्कर्म की घटनाओं ने रिकॉर्ड कायम कर जौनपुर का नाम लेने में जनपद वासियों को अब शर्मिंदगी का अहसास करा देने में पुलिस फ़ोर्स कामयाब होती दिख रही है। धरना प्रदर्शन भी हुए किंतु पुलिस अधीक्षक को जैसे इन सब लोकतांत्रिक विरोध व उपायों से जर्रा बराबर भी असर नही होता दिखा ।
कई बार थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारियों के स्थानांतरण की वज़ह भले ही जनपद वासी नही खोज पाये हो लेकिन पुलिस अधीक्षक के द्वारा आये दिन ताश के पत्ते की तरह फेटे गए अधीनस्थों के लिए जौनपुरियो के अर्थपूर्ण हिलते जुबां कप्तान के बाबत बहुत मजे लेते है। सत्ता पक्ष के लोगों ने आंख मूंद कर मनपसंद सरकार में अर्थपूर्ण आनन्द लेने में व्यस्त व मस्त है तो जुगाड़ में तेज सेटिंग वाले अधिकारी,कर्मचारी भी अपने स्तर के जनप्रतिनिधियों की"प्रत्येक तरह"से पूजा कर प्रसाद लेते रहते है"मोबाइल के रिचार्ज"की तरह। 17 फरवरी को सराय ख्वाजा थाना अंतर्गत गैस एजेंसी के पास दिनदहाड़े एक 7 वर्षीय बालक का अपहरण किया गया जिसका पता अभी तक लगा पाने में जौनपुर की जाबांज पुलिस के पसीने छूट रहे है। नवागत पुलिस अधीक्षक के सामने एक सवाल यह है कि क्या यह मनमर्जी व्यवस्था ऐसे ही चलती रहेगी,या सत्ता मद में चूर जनप्रतिनिधियों के सम्मोहन से बेअसर रह जिले के लिए ईमानदार"सिंघम" साबित होकर अपराधियो के लिए काल बन पाएंगे ? भ्रष्टाचार उन्मूलन माफिया राज और अपराध के खत्म करने के नारे पर बहुमत से आई योगी सरकार को देख फ़िलहाल तो  अभी तक जिलेवासियों को ऐसा लगता है कि बीजेपी ने वोट बटोरने के लिए ही अपराध मुक्त प्रदेश का तुर्रा छोड़ा था तत्कालीन सपा की अखिलेश सरकार से त्रस्त जनता के लिए। जौनपुरिया लोगो को वो भी दौर अभी तक याद है जब कल्याण सिंह की सरकार में अपराधी जेल में या यमराज के दरबार मे हाजिरी बजाते थे।

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